जर्मनी स्टूडेंट वीज़ा अपॉइंटमेंट्स के स्लॉट्स को दोबारा खोलने के लिए तैयार है। यह स्लॉट्स अगले हफ्ते तक यानी नवम्बर एक से खुल जाएंगे। लेकिन स्टूडेंट्स जो इस साल जर्मनी की यूनिवर्सिटीज में अपनी जगह बनाने के लिए तैयार हैं, उनके लिए कुछ खास बातें ध्यान में रखने योग्य है।
दिल्ली में जर्मनी एम्बेसी ने कहा कि जैसा कि आप जानते है कि विंटर सेमेस्टर 2022 के लिए अपॉइंटमेंट की वेटलिस्ट में अभी भी कुछ एंट्रीज बकाया हैं, कृपया इस बात को समझिएगा कि एम्बेसी या फिर कांसुलेट्स हर विद्यार्थी का जर्मन यूनिवर्सिटी में वैलिड एडमिशन की वेरिफिकेशन करने में सक्षम नहीं होगा। तो आपसे यह दरख़्वास्त की जाती है कि आप अपनी अपॉइंटमेंट के लिए रजिस्टर तभी करें जब आपके पास सभी ज़रूरी डाक्यूमेंट्स मौजूद हों।
भारतीय छात्रों के लिए इस अपडेट में बताया गया है की अब उन्हें अपने एकेडेमिक रिकार्ड्स का मूल्यांकन एकेडेमिक इवैल्यूएशन सेंटर (APS) द्वारा करवाना आवश्यक होगा। इसके साथ स्टूडेंट वीज़ा के लिए अप्लाई करने से पहले आपके पास सच्चे और ऑथेंटिक सर्टिफिकेट्स का होना अनिवार्य है।
जर्मनी एम्बेसी के अनुसार APS सर्टिफिकेट को एक मेंडेटरी डॉक्यूमेंट माना जाएगा जिसे आपको अपने वीज़ा एप्लीकेशन के साथ सबमिट करना अनिवार्य होगा। सर्टिफिकेशन के लिए एप्लीकेशन का प्रोसेस अक्टूबर एक से शुरू किया जाएगा। वहीं अगर आप शार्ट टर्म कोर्सेज के लिए जा रहे हैं तो आपको APS सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं होगी। लेकिन अगर आपका चुना गया कोर्स 90 दिन से ज़्यादा दिन की अवधि रखता है तो आप www.aps-india.de पर ऑनलाइन रजिस्टर कर सकते हैं और बाद में डॉक्यूमेंट का प्रिंट निकालकर उसे साइन कर सकते हैं।
2023 से जर्मनी इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए आवश्यक ब्लॉक्ड अकाउंट के लिए राशि को 8.5% तक बढ़ाने की योजना बना रहा है। जर्मनी फॉरेन ऑफिस के मुताबिक 1 जनवरी 2023 से यह अनुमान लगाया गया है कि अनुमानित वार्षिक आवश्यकता जिसे वीज़ा के लिए अप्लाय करते समय ब्लॉक्ड अकाउंट में भुगतान किया जाना चाहिए, की राशि €11,208 होगी। स्टूडेंट वीज़ा के लिए अप्लाई करने के इच्छुक इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए सफिशिएंट फंड्स के साथ ब्लॉक्ड अकाउंट टॉप रिक्वायरमेंट्स में से एक माना गया है।
2022-2023 एकेडेमिक ईयर में 3,000 से भी ज़्यादा भारतीय स्टूडेंट्स जर्मनी में पढ़ाई के लिए कतारबद्ध नज़र आए। जर्मनी में कोर्सेज के लिए अप्लाई करने वाले लोगो में भारतीय छात्रों की संख्या में यह बढ़ोतरी के चलते फ्रॉड प्रैक्टिसेज में भी बढ़ोतरी देखने को मिली। इन फ्रॉड एक्टिविटीज़ में नकली एकेडेमिक डाक्यूमेंट्स अटैच करना आदि शामिल थे।
जर्मनी के अम्बेसेडर फिलिप एकरमैन का कहना है कि 15 प्रतिशत एप्लीकेशंस फ्रॉड एकेडेमिक डाक्यूमेंट्स के साथ देखने को मिलती हैं जिसकी वजह से सही और जेन्युइन स्टूडेंट्स के एप्लीकेशन रिजेक्ट हो जाते हैं। पिछले सात सालों में भारतीय स्टूडेंट्स जो जर्मनी में पढ़ना चाहते हैं कि संख्या तीन गुना बढ़ती दिखी है। इसके साथ यह भी देखा गया है कि जर्मनी में पढ़ने वाले कुल भारतीय स्टूडेंट्स की संख्या 33,753 पाई गई है जो जर्मनी के दूसरे सबसे बड़े इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के ग्रुप के रूप में सामने आया है।
इस डेटा को बारीकी से जांचने के बाद द जर्मन एकेडेमिक एक्सचेंज सर्विस (DAAD) ने यह रिवील किया है कि भारतीय स्टूडेंट्स जो 2021-22 में जर्मनी गए उनकी संख्या 33,753 है जो पिछले साल की संख्या 28,542 से 18 प्रतिशत ज़्यादा है।
जर्मनी की यूनिवर्सिटीज के लिए वीज़ा स्लॉट का खुलना भारतीय स्टूडेंट्स के लिए एक बेहतरीन अवसर के रूप में सामने आई है जिससे अप्लाई करने वाले छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। योग्यताओं में किए गए बदलाव की अपडेशन कुछ जगहों पर परेशानी का कारण बन सकती हैं। लेकिन यह योग्यताएं होने वाली कई फ्रॉड एक्टिविटीज़ को रोकने के लिए कारगर साबित होंगी।
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