ISRO ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से भारत का पहला सोलर मिशन Aditya L1 सफलता से लॉन्च कर दिया है। सूर्य का विस्तृत अध्ययन करने के लिए आदित्य एल1 सात अलग-अलग पेलोड ले जा रहा है, लेकिन यह मिशन कितने दिनों में (Where Will Aditya L1 Land) सूर्य तक पहुंचेगा जानना जरूरी है।
आदित्य L1 मिशन सूर्य पर “लैंड” नहीं करेगा। इसे सूर्य-पृथ्वी प्रणाली की कक्षा में स्थापित किया जाएगा। इसे सूर्य की दिशा में पृथ्वी से 1.5 मिलियन किमी दूर लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 (एल1) के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा। इसरो के अनुसार, सूर्य के अध्ययन के लिए ‘आदित्य एल-1’ को पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर ‘लैग्रेंजियन-1’ बिंदु तक पहुंचने में 125 से 130 दिन लग सकते हैं।
Where Will Aditya L1 Land
10 साल पहले आदित्य एल-1 मिशन का काॅंस्पेट दिया गया था। अब 4 महीने बहुत ही महत्वपूर्ण रहेगें। क्योंकि इसरो के अनुसार इसे लैंड करने में 4 माह तक का समय लगेगा। Aditya L1 Launch की सफलता के बाद जर्मनी, अमेरिका और यूरोपीय स्पेश एजेंसी के बाद भारत सूर्य के पास अंतरिक्ष यान भेजने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।
सफलता के बाद भारत की ताकत देखेगी दुनिया
Where Will Aditya L1 Land : अंतरिक्ष साइंस की फील्ड में भारत चंद्रमा और मंगल ग्रह पर यान भेजकर सफलता पा चुका है और अब सूर्य के पास यान भेजकर अपनी स्पेश शक्ति का प्रदर्शन करेगा। श्रीहरिकोटा से लॉन्च होने वाला आदित्य-एल1, भारत का उद्घाटन सौर अंतरिक्ष वेधशाला होगा, जो लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 के आसपास एक रणनीतिक कक्षा से सूर्य की गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर उनके प्रभाव का अध्ययन करेगा।
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