चंद्रयान-3 मिशन चंद्रयान-2 का ही अगला चरण है, जो चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और परीक्षण करेगा। इसमें एक प्रणोदन मॉड्यूल, एक लैंडर और एक रोवर होगा। चंद्रयान-3 का फोकस चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंड करने पर है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-3 चंद्रमा मिशन लॉन्च किया है। चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम के 23 अगस्त की शाम करीब 5.47 बजे चांद पर लैंड करने की उम्मीद है। हालांकि, कई फैक्टर्स के चलते इसमें बदलाव हो सकता है। अंत तक पढ़ें और जानें Weight of Chandrayaan 3 के विषय में विस्तार से।
Weight of Chandrayaan 3 : चंद्रयान 2 से कैसे अलग है चंद्रयान 3?
चंद्रयान-3 एक लैंडर, एक रोवर और एक प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैस है। इसका वजन करीब 3,900 किलोग्राम है । 3.84 लाख किमी उड़ान भरने के बाद, एलवीएम 3 23-24 अगस्त को चंद्र लैंडिंग के लिए निर्धारित है। वहीं, चंद्रयान 2 का कुल वजन 3850 किलोग्राम था।
अगर दोनों की तुलना करें तो चंद्रयान-2 में जहां ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर थे, वहीं चंद्रयान-3 में प्रपल्शन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर से मिलकर बना है। चंद्रयान-3 का लैंडर+रोवर चंद्रयान-2 के लैंडर+रोवर से करीब 250 किलो ज्यादा वज़न रखता है। चंद्रयान-2 की अनुमानित मिशन लाइफ 7 साल थी, जबकि चंद्रयान-3 के प्रपल्शन मॉड्यूल को 3 से 6 महीने काम करने के लिए बनाया गया है। चंद्रयान-2 के मुकाबले चंद्रयान-3 ज़्यादा तेज़ रफ़्तार से चन्द्रमा की ओर अपना सफ़र तय करेगा। चंद्रयान-3 के लैंडर में 4 थ्रस्टर्स लगाए गए हैं। करीब 40- 42 दिन के सफ़र के बाद चंद्रयान-3 चांद की सतह तक पहुंच जाएगा।
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