UPSC एग्ज़ाम 2023 के लिए कोको आइलैंड टॉपिक पर महत्वपूर्ण नोट्स

1 minute read
UPSC exam 2023 ke liye coco island topic par mahatvapurn notes
सम्बंधित देश म्यांमार /चीन 
सीमावर्ती भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल 
द्वीपों की कुल संख्या 
सम्बंधित महासागर हिन्द महासागर 

कोको आइलैंड को लेकर भारत सरकार क्यों है चिंतित? 

  • कोको आइलैंड की भौगलिक स्थिति भारत के दृष्टि से बहुत ही अहम है।  यह हिन्द महासागर पर स्थित है और इसकी सीमा भारत के पश्चिम बंगाल से लगती है।  
  • चीन कोको आइलैंड में एक सैन्य अड्डा तैयार कर रहा है।  
  • युद्ध की स्थिति में चीन इसके द्वारा भारत को हानि पंहुचा सकता है क्योंकि इसकी सीमा पश्चिम बंगाल से लगती है।  

कोको आइलैंड का इतिहास  

  • इन द्वीपों का नाम पोर्तुगेसी नाविकों ने रखा था। इन द्वीपों में बहुत अधिक नारियल उगते थे इसलिए इन्हें कोको द्वीप कहा जाने लगा।   
  • ईस्ट इंडिया कंपनी ने 18वीं शताब्दी में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को अधिकार में ले  लिया था और वहां पेनल कॉलोनियां बना ली थीं। खाना और जरूरी सामान कोको आइलैंड्स के जरिए वहां लाया जाता था। 
  • जाडवेट परिवार को कोको द्वीप पट्टे पर दिया गया था। वे बर्मा के एक महत्वपूर्ण  परिवार में से एक थे। इन द्वीपों की सुदूरता के कारण अंग्रेजों ने बर्मा पर नियंत्रण कर लिया। 1937 में जब बर्मा को भारत से अलग किया गया, तो इन द्वीपों को एक स्वशासी क्राउन कॉलोनी बना लिया गया।
  • 1942 में कोको द्वीपों को जापानियों ने अपने कब्जे में ले लिया और 1948 में अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद  ये बर्मा के अधिकार क्षेत्र में चले गए।  
  • जनरल ने विन ने द्वीपों में एक पेनल कॉलोनी की स्थापना की और इसे डेविल्स आइलैंड्स का नाम दिया गया।  

कोको आइलैंड का भूगोल 

  • कोको द्वीप म्यांमार के यांगून क्षेत्र का एक भाग है। यह यांगून से 414 किलोमीटर दूर दक्षिण में स्थित है।  
  • कोको आइलैंड 5 द्वीपों का एक समूह है- 4 ग्रेट कोको रीफ पर और लिटिल कोको रीफ का एक और एकान्त द्वीप। 
  • कोको द्वीपों में ऐसे 4 द्वीप हैं और छोटे कोको रीफ पर एक अकेला द्वीप है।  

कोको आइलैंड का महत्व 

  • चीन 1990 के दशक से विस्तारवादी नीति पर कार्य करने  में लगा हुआ है। यह हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी में बांग्लादेश के साथ श्रीलंका और म्यांमार द्वारा समर्थित है। 
  • सनत कौल ने कहा है कि भारत के पास अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के नाम पर अप्रयुक्त संसाधन हैं और पश्चिम द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के कारण म्यांमार चीन के समर्थन के रूप में सामने आया है। 
  • चीन ने कोको आइलैंड को म्यांमार से लीज़ पर ले लिया है।  म्यांमार चीन को अपने नौसैनिक मार्गों और बंदरगाहों तक पहुंचने देता है और बंगाल की खाड़ी में क्यौकप्यू में एक गहरे पानी का बंदरगाह भी है। इसने ग्रेट कोको आइलैंड्स में 85 मीटर जेटी, नौसैनिक सुविधाएं और इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सिस्टम स्थापित किए हैं। 
  • इन द्वीपों पर बड़ी संख्या में चीनी सैन्य तकनीक और चीनी सैनिक तैनात हैं। कोको आइलैंड की सीमा भारत के पश्चिम बंगाल राज्य से मिलती है।  युद्ध की स्थिति में चीन समुद्र के रास्ते भारत को नुकसान पहुंचा सकता है।  

ऐसे ही अन्य महत्वपूर्ण एग्जाम अपडेट्स के लिए यहाँ क्लिक करें। 

प्रातिक्रिया दे

Required fields are marked *

*

*