हाल ही में भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ा मील का पत्थर पार करते हुए chandrayaan 3 की लॉन्चिंग की है। विज्ञान के क्षेत्र में यह भारत की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। इस मिशन के सफल हो जाने के बाद भारत भी अमेरिका और रूस जैसी वैश्विक शक्तियों की तरह ही चाँद पर सफलतापूर्वक मिशन पूरा करने वाला एक देश बन जाएगा। चंद्रयान 3 UPSC mains 2023 की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण टॉपिक माना जा रहा है। यहाँ Chandrayaan-3 UPSC in Hindi टॉपिक पर महत्वपूर्ण नोट्स दिए जा रहे हैं। इन शॉर्ट नोट्स को याद करना आसान है।
मुख्य सुर्खियां
- चंद्रयान 3 भारत का तीसरा चंद्र मिशन और चन्द्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग को लेकर तीसरी कोशिश है।
- भारत का लक्ष्य अमेरिका, रूस और चीन के बाद चन्द्रमा पर सॉफ्ट लैंडिग कराने वाला चौथा देश बनना है।
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Chandrayaan-3 UPSC in Hindi के बारे में
- 14 जुलाई 2023 को दोपहर 2 : 30 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से वैज्ञानिकों द्वारा अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया।
- इसमें एक स्वदेशी लैंडर मॉड्यूल (LM), प्रोप्शन मॉड्यूल (PM) और एक रोवर को जोड़ा गया है।
- इसका मुख्य लक्ष्य स्पेस मिशन के लिए जरूरी नई तकनीकों को विकसित करना है।
चंद्रयान 3 के लक्ष्य
चंद्रयान 3 के लक्ष्य निम्नलिखित हैं :
- चन्द्रमा पर सेफ और सॉफ्ट लैंडिंग करना।
- रोवर को चन्द्रमा पर घूमते हुए दिखाना।
- यथास्थान वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन करना।
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चंद्रयान 3 से जुड़ी विशेष बातें
चंद्रयान 3 से जुड़ी विशेष बातें नीचे बताई जा रही हैं :
- चंद्रयान 3 के लैंडर (विक्रम) और रोवर पेलोड (प्रज्ञान) चंद्रयान 2 के जैसे ही हैं।
- इन पेलोड का उद्देश्य चन्द्रमा पर आने वाले भूकम्पों के बारे में सूचना एकत्रित करना, सतह के तापीय गुण और चन्द्रमा और धरती की बीच की दूरी की सटीक गणना करना है।
- चंद्रयान-3 के प्रणोदन मॉड्यूल में एक नया प्रयोग किया गया है जिसे स्पेक्ट्रो-पोलरिमेट्री ऑफ हैबिटेबल प्लैनेट अर्थ (SHAPE) कहा जाता है।SHAPE का लक्ष्य परावर्तित प्रकाश का विश्लेषण कर संभावित रहने योग्य छोटे ग्रहों की खोज करना है।
चंद्रयान 2 की तुलना में चंद्रयान 3 में किए गए सुधार
2019 में लॉन्च किए गए चंद्रयान 2 की तुलना में चंद्रयान 3 को बेहतर बनाने के उद्देश्य से इसमें कुछ बदलाव किए गए हैं :
- चंद्रयान 3 के क्षेत्र को अधिक विस्तार दिया गया है।
- चंद्रयान 3 में चंद्रयान 2 से दुगने यानी 4 सोलर पैनल लगाए गए हैं।
- चंद्रयान 3 की निगरानी बेहतर तरीके से करने के लिए इसमें अधिक नेविगेशनल इक्यूप्मेंट्स लगाए गए हैं।
- इसमें लेज़र डॉपलर वेलोसीमीटर नाम का एक उपकरण लगाया गया है जो लैंडर की स्पीड का माप करने के लिए चन्द्रमा की सतह पर लेजर बीम छोड़ेगा।
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