University of Liverpool History : लिवरपूल विश्वविद्यालय का इतिहास

1 minute read
लिवरपूल विश्वविद्यालय का इतिहास

University of Liverpool History in Hindi : लिवरपूल यूनिवर्सिटी रिसर्च बेस्ड यूनिवर्सिटी है जिसकी स्थापना 1881 में यूनिवर्सिटी कॉलेज लिवरपूल के रूप में हुई थी। यूनिवर्सिटी को 1903 में रॉयल चार्टर प्राप्त हुआ था। यह यूनिवर्सिटी कई विषयों में ग्रेजुएशन, पोस्टग्रेजुएशन और पीएचडी लेवल के कोर्सेज ऑफर करती है। यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में 11 पायदान की छलांग लगाकर 165वां स्थान प्राप्त किया है। लिवरपूल विश्वविद्यालय का इतिहास बहुत अनूठा है जिसके बारे में जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें।

वर्षलिवरपूल विश्वविद्यालय का इतिहास
1881यूनिवर्सिटी कॉलेज लिवरपूल के रूप में स्थापना
1884संघीय विक्टोरिया विश्वविद्यालय में हुआ शामिल
1903 यूनिवर्सिटी को रॉयल चार्टर मिला
1944 चीनी छात्रों ने यूके में पहला चीनी अखबार- हुआ चाउ निकाला
1988इंस्टीट्यूट ऑफ पॉपुलर म्यूजिक की स्थापना।
This Blog Includes:
  1. लिवरपूल यूनिवर्सिटी में 180 से अधिक देशों से स्टूडेंट्स होते हैं एनरोल्ड
  2. 1881 में स्थापना के बाद 1882 में छात्रों को दिया गया था प्रवेश
  3. 1899 में हुई थी यूनिवर्सिटी प्रेस की स्थापना
  4. 1903 में यूनिवर्सिटी को मिला था रॉयल चार्टर
  5. रसेल ग्रुप ऑफ़ यूनिवर्सिटीज़ और N8 ग्रुप का संस्थापक सदस्य भी लिवरपूल
  6. पहले चीनी-ब्रिटिश विश्वविद्यालय के रूप में बनाई पहचान
  7. शोध के लिए हैं स्पेशल रिसर्च सेंटर
  8. 2009 से एकेडमिक डिपार्टमेंट्स में हुआ बदलाव
  9. स्टूडेंट्स एक्सचेंज प्रोग्राम्स के लिए हज़ारों संगठनों से है पार्टनरशिप
  10. लिवरपूल विश्वविद्यालय के नोटेबल एलुमनाई
    1. नोबेल पुरस्कार विजेता भारतीय-अमेरिकी वनस्पतिशास्त्री हर गोविंद खुराना भी रहे एलुमनाई
  11. लिवरपूल विश्वविद्यालय से जुड़े रोचक तथ्य
  12. FAQs

लिवरपूल यूनिवर्सिटी में 180 से अधिक देशों से स्टूडेंट्स होते हैं एनरोल्ड

लिवरपूल विश्वविद्यालय यूनाइटेड किंगडम के सबसे प्रमुख विश्वविद्यालयों में से एक है। इसे छह मूल ‘रेडब्रिक‘ सिविक विश्वविद्यालयों में से एक माना जाता है। यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट और विभिन्न रिपोर्ट्स के मुताबिक, लिवरपूल विश्वविद्यालय में 22,000 से ज्यादा छात्र हैं जिनमें से लगभग 8,000 अंतर्राष्ट्रीय छात्र हैं। आपको बता दें कि यहां 187 देशों के 270,000 से अधिक पूर्व छात्र रहे चुके हैं। यहां प्रत्येक 100 छात्रों में से 14 छात्रों की एप्लीकेशन स्वीकार की जाती है। लिवरपूल विश्वविद्यालय बिजनेस, एजुकेशन और साइंस में प्रोग्राम्स ऑफर करता है। 

1881 में स्थापना के बाद 1882 में छात्रों को दिया गया था प्रवेश

लिवरपूल विश्वविद्यालय की स्थापना 1881 में ब्रिटेन के लिवरपूल में यूनिवर्सिटी कॉलेज लिवरपूल के रूप में हुई थी। यह यूनिवर्सिटी एक पब्लिक रिसर्च यूनिवर्सिटी है। यूनिवर्सिटी ने 1882 में अपने पहले छात्रों को प्रवेश दिया था। आपको बता दें कि 1884 में यह संघीय विक्टोरिया विश्वविद्यालय का हिस्सा बन गया था।

1899 में हुई थी यूनिवर्सिटी प्रेस की स्थापना

लिवरपूल यूनिवर्सिटी प्रेस की स्थापना 1899 में हुई, जो इसे इंग्लैंड का तीसरा सबसे पुराना विश्वविद्यालय प्रेस बनाता है। इस अवधि के छात्रों को लंदन विश्वविद्यालय द्वारा बाहरी डिग्री प्रदान की गई थी।

क्या आप जानते हैं 1894 में विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर ओलिवर लॉज ने दुनिया का पहला सार्वजनिक रेडियो प्रसारण किया और दो साल बाद यूनाइटेड किंगडम में पहला सर्जिकल एक्स-रे लिया।

1903 में यूनिवर्सिटी को मिला था रॉयल चार्टर

1903 में एक शाही चार्टर और संसद के अधिनियम के बाद लिवरपूल विश्वविद्यालय अपनी डिग्री देने के अधिकार के साथ एक स्वतंत्र विश्वविद्यालय बन गया और इसी वर्ष यूनिवर्सिटी को रॉयल चार्टर प्राप्त हुआ था। 

क्या आप जानते हैं यूके के प्रमुख शोध विश्वविद्यालयों के प्रतिष्ठित रसेल समूह का सदस्य लिवरपूल दुनिया भर के शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में शामिल है।

रसेल ग्रुप ऑफ़ यूनिवर्सिटीज़ और N8 ग्रुप का संस्थापक सदस्य भी लिवरपूल

1994 में लिवरपूल रसेल ग्रुप ऑफ़ यूनिवर्सिटीज़ का संस्थापक सदस्य था। यह N8 ग्रुप का भी संस्थापक सदस्य है और इसलिए भी इसे ग्लोबल लेवल पर हायर एजुकेशन के लिए सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में से एक कहा जाता है। विश्वविद्यालय के अनुसार, हर महाद्वीप में इसका एक कैंपस है और इसमें 3 मुख्य संकाय (core faculties) हैं। मुख्य विश्वविद्यालय परिसर लिवरपूल में स्थित है और लंदन, सिंगापुर और सूज़ौ (चीन) में इसके सेटेलाइट कैंपस हैं। 

यह भी पढ़ें- लिवरपूल विश्वविद्यालय में पढ़ाई क्यों करें?

पहले चीनी-ब्रिटिश विश्वविद्यालय के रूप में बनाई पहचान

2006 में यह विश्वविद्यालय चीन में स्वतंत्र विश्वविद्यालय, शीआन जियाओतोंग-लिवरपूल विश्वविद्यालय स्थापित करने वाला ब्रिटेन का पहला विश्वविद्यालय बना और इससे इसने विश्व के पहले चीनी-ब्रिटिश विश्वविद्यालय के रूप में पहचान बनाई।

शोध के लिए हैं स्पेशल रिसर्च सेंटर

वर्तमान में लिवरपूल कैंपस 100 एकड़ से अधिक भूमि पर फैला हुआ है और इसमें 192 इमारतें हैं। इसमें रिसर्च करने के लिए स्पेशल रिसर्च सेंटर हैं।

2009 से एकेडमिक डिपार्टमेंट्स में हुआ बदलाव

लिवरपूल यूनिवर्सिटी में 2009 से एकेडमिक डिपार्टमेंट्स को तीन संकायों (Three Faculties) में विभाजित किया गया है और इसमें साइंस और इंजीनियरिंग, हेल्थ एंड लाइफ साइंस, ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंस। प्रत्येक फैकल्ट का नेतृत्व एक एग्जीक्यूटिव प्रो-वाइस चांसलर करते हैं।

स्टूडेंट्स एक्सचेंज प्रोग्राम्स के लिए हज़ारों संगठनों से है पार्टनरशिप

लिवरपूल विश्वविद्यालय दुनिया के सभी कोनों से आवेदनों को प्रोत्साहित करता है और आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाने का प्रयास करता है। आपको बता दें कि लिवरपूल विश्वविद्यालय ने रिसर्च हेल्प और टेक्नोलाॅजी ट्रांसफर के साथ-साथ छात्र स्टूडेंट्स एक्सचेंज प्रोग्राम्स के लिए दुनिया भर के हज़ारों संगठनों के साथ पार्टनरशिप की है।

लिवरपूल विश्वविद्यालय के नोटेबल एलुमनाई

लिवरपूल विश्वविद्यालय में नोटेबल एलुमनाई नेटवर्क की एक सूची है जिन्होंने संबंधित फील्ड में अपार सफलता प्राप्त की है और उनमें से कुछ नाम इस प्रकार हैं –

जेम्स क्विंसीकोका-कोला के अध्यक्ष और सीईओ
रोज हेइलब्रॉन क्यूसीओल्ड बेली की पहली महिला न्यायाधीश
डॉ. ओंग टेंग चेओंग जीसीएमजीसिंगापुर की पांचवीं राष्ट्रपति
डेम स्टेला रिमिंगटनएमआई5 का नेतृत्व करने वाली पहली महिला
तुंग ची-ह्वाहांगकांग की पहली मुख्य कार्यकारी अधिकारी।

नोबेल पुरस्कार विजेता भारतीय-अमेरिकी वनस्पतिशास्त्री हर गोविंद खुराना भी रहे एलुमनाई

लिवरपूल विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों और पूर्व शिक्षकों में नौ नोबेल पुरस्कार विजेता शामिल हैं। 1968 में फिजियोलॉजी में नोबेल पुरस्कार विजेता भारतीय-अमेरिकी वनस्पतिशास्त्री हर गोविंद खुराना, अंग्रेजी उपन्यासकार क्लाइव बार्कर, 1932 में न्यूट्रॉन की खोज के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता और ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी जेम्स चैडविक, इराक के पूर्व राष्ट्रपति बरहम सालिह और ब्रिटिश बाल लेखक और कवि माइकल रोसेन आदि नोटेबल एलुमनाई रहे चुके हैं।

लिवरपूल विश्वविद्यालय से जुड़े रोचक तथ्य

लिवरपूल विश्वविद्यालय का इतिहास (University of Liverpool History in Hindi) जितना जानकारीपूर्ण था, उतने ही रोचक हैं इस यूनिवर्सिटी से जुड़े तथ्य, जो यहां दिए गए हैं –

  • विश्वविद्यालय के कैंपस में 22,000+ हैं और इनमें से 7,700+ अंतर्राष्ट्रीय छात्र हैं।
  • विश्वविद्यालय में 160 से अधिक देशों के 10,000+ ऑनलाइन छात्र हैं।
  • विश्वविद्यालय में 180 देशों में 270,000 पूर्व छात्रों का नेटवर्क है।
  • विश्वविद्यालय में 400 से अधिक ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन कोर्सेज हैं।
  • 2023 में इसे TEF गोल्ड रेटिंग से सम्मानित किया गया।
  • विश्वविद्यालय को द टाइम्स गुड यूनिवर्सिटी गाइड में 29वां स्थान मिला।
  • द संडे टाइम्स यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया।
  • गार्जियन यूनिवर्सिटी गाइड 2024 में 36वां स्थान।
  • लिवरपूल विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों की एक प्रभावशाली सूची है जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 
  • नोबेल पुरस्कार विजेताओं और राजनेताओं से लेकर प्रसिद्ध वैज्ञानिकों और सफल उद्यमी लिवरपूल विश्वविद्यालय से पढ़े हैं।

संबंधित ब्लाॅग्स

History of Harvard UniversityOxford University History
University of Bristol History Cambridge University History

FAQs

लिवरपूल विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए किन-किन दस्तावेजों की ज़रूरत होती है?

लिवरपूल यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए सभी ऑफिशियल एकेडमिक ट्रांसक्रिप्टस और ग्रेड कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, पासपोर्ट फोटोकॉपी आदि की ज़रूरत होती है।

लिवरपूल यूनिवर्सिटी की स्वीकृति दर कितनी है?

ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, लिवरपूल यूनिवर्सिटी की स्वीकृति दर 14-15 प्रतिशत है। 

लिवरपूल विश्वविद्यालय में कौन से लेवल के प्रोग्राम्स पढ़ाए जाते हैं?

लिवरपूल यूनिवर्सिटी में बैचलर्स, मास्टर्स और पीएचडी आदि प्रोग्राम्स की पढ़ाई होती है।

उम्मीद है कि इस ब्लाॅग में आपको लिवरपूल विश्वविद्यालय का इतिहास (University of Liverpool History in Hindi) की पूरी जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही अन्य स्टडी अब्रॉड से संबंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहे।

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*