नई शिक्षा नीति के (NEP) अनुसार यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने उच्च शिक्षा को लेकर नया ड्राफ्ट तैयार किया है। इसी क्रम में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन द्वारा पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सेज के लिए कुछ परिवर्तन किए गए हैं। यूजीसी ने प्रारम्भिक ड्राफ्ट को हरी झंडी दे दी है।
एक साल की हो सकती है एमए की डिग्री
सूत्रों के मुताबिक़ यूजीसी द्वारा प्रस्तावित इस नए ड्राफ्ट में एमए डिग्री को लेकर कुछ बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। ऐसे स्टूडेंट्स जिन्होंने चार वर्ष की ऑनर्स या रिसर्च बैचलर डिग्री प्राप्त की है, ऐसे छात्र 1 वर्ष की पढ़ाई के बाद एम.ए. की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा इस नए ड्राफ्ट में दो वर्ष और 5 वर्ष की इंटीग्रेटेड एमए डिग्री का भी प्रावधान दिया गया है।
पीजी कोर्सेज के लिए किए जा सकते हैं कई नए बदलाव
यूजीसी द्वारा जारी नए ड्राफ्ट में पीजी कोर्सेज में कई परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं-
- रिपोर्ट्स के मुताबिक़ वे स्टूडेंट्स जो तीन वर्ष की बैचलर्स डिग्री प्राप्त कर लेते हैं, वे दो वर्ष के पीजी प्रोग्राम में प्रवेश ले सकते हैं जिसमें दूसरा साल रिसर्च वर्क का होगा।
- स्टूडेंट्स दो वर्ष के पीजी डिग्री प्रोग्राम को प्रथम वर्ष के बाद ही छोड़ सकते हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें डिग्री की जगह पीजी डिप्लोमा प्रदान किया जाएगा।
- यूजीसी द्वारा प्रस्तावित इस ड्राफ्ट में मॉडर्न टेक्नोलॉजी के कंसेप्ट्स जैसे मशीन लर्निंग और एआई टेक्नोलॉजी आदि पर अधिक फोकस किया जाएगा।
- STEM के स्टूडेंट्स मास्टर्स लेवल पर इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी से जुड़े कोर्सेज कर सकेंगे।
- स्टूडेंट्स दो साल की एमए डिग्री के साथ साथ डिस्टेंस लर्निंग से कोई दो अन्य एकेडमिक कोर्स भी कर सकेंगे।
- जिन स्टूडेंट्स ने डबल ग्रेजुएशन की है वे दोनों ग्रेजुएशन डिग्रियों के विषयों को मास्टर्स लेवल पर मेजर और माइनर सब्जेक्ट्स के रूप में चुन सकेंगे।
- दो साल के मास्टर्स प्रोग्राम में स्टूडेंट्स थर्ड सेमेस्टर में कोर्सवर्क चुन सकते हैं और फोर्थ सेमेस्टर के लिए रिसर्च वर्क चुन सकते हैं। इसके अलावा वे पूरे द्वितीय वर्ष को शोध कार्य करने के लिए भी चुन सकते हैं।
स्टूडेंट्स के लिए फ़ायदेमंद होगा नया ड्राफ्ट
यूजीसी द्वारा तैयार किया जा रहा है यह नया ड्राफ्ट स्टूडेंट्स के लिए बहुत फायदेमंद है-
- नए ड्राफ्ट में रिसर्च वर्क पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है, इससे स्टूडेंट्स अधिक इनोवेटिव बनेंगे।
- नए ड्राफ्ट में मशीन लर्निंग और ए.आई. टेक्नोलॉजी जैसे कोर्सेज को जोड़ा जा रहा है जो कि आज की ज़रूरत हैं। इन कोर्सेज को करने से स्टूडेंट्स अपने लिए एक बेहतर करियर चुन सकेंगे।
- नए ड्राफ्ट में मास्टर्स डिग्री के साथ साथ डिस्टेंस लर्निंग के जरिए दो डिप्लोमा कोर्सेज करने का भी प्रावधान है। इससे स्टूडेंट्स कम समय में अधिक से अधिक स्किल्स सीख सकेंगे।
- अगर कोई स्टूडेंट किसी कारण से मास्टर्स डिग्री की पढ़ाई बीच में ही छोड़ देता है तो उसकी पढ़ाई बेकार नहीं जाएगी। उसे डिग्री की जगह डिप्लोमा प्रदान किया जाएगा।
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