तस्वीरें सही मायनों में अपने भीतर कई कहानियां समेटकर रखती हैं, ऐसे में उनकी कहानियों और फोटोग्राफर के प्रयासों को सम्मानित करने के लिए हर साल हर साल 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य समाज को फोटोग्राफी के साथ जोड़ना और हर फोटोग्राफर का सम्मान करना होता है। इस विशेष अवसर पर, शायरी के माध्यम से विश्व फोटोग्राफी दिवस और तस्वीरों की ताकत के महत्व को समझ पाएंगे। तस्वीरों में कैद कहानियां बयां करती विश्व फोटोग्राफी दिवस पर शायरी (World Photography Day Shayari) के माध्यम से तस्वीरों में छिपी कहानियों और फोटोग्राफर की समझ को सम्मानित किया जा सकता है।
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मशहूर शायरों की फोटोग्राफी शायरी इन हिंदी
मशहूर शायरों की फोटोग्राफी पर शायरी (World Photography Day Shayari) कुछ इस प्रकार हैं;
आपने तस्वीर भेजी मैंने देखी ग़ौर से
हर अदा अच्छी ख़मोशी की अदा अच्छी नहीं
– जलील मानिकपूरी
हम हैं उस के ख़याल की तस्वीर
जिस की तस्वीर है ख़याल अपना
– फ़ानी बदायुनी
सूरत छुपाइए किसी सूरत-परस्त से
हम दिल में नक़्श आप की तस्वीर कर चुके
– अनवर देहलवी
सोचता हूँ तेरी तस्वीर दिखा दूँ उस को
रौशनी ने कभी साया नहीं देखा अपना
– इक़बाल अशहर
मुझ को अक्सर उदास करती है
एक तस्वीर मुस्कुराती हुई
– विकास शर्मा राज़
भेज दी तस्वीर अपनी उन को ये लिख कर ‘शकील’
आप की मर्ज़ी है चाहे जिस नज़र से देखिए
– शकील बदायूनी
अपनी तस्वीर बनाओगे तो होगा एहसास
कितना दुश्वार है ख़ुद को कोई चेहरा देना
– अज़हर इनायती
इक बार तुझे अक़्ल ने चाहा था भुलाना
सौ बार जुनूँ ने तिरी तस्वीर दिखा दी
– माहिर-उल क़ादरी
मैं ने तो यूँही राख में फेरी थीं उँगलियाँ
देखा जो ग़ौर से तिरी तस्वीर बन गई
– सलीम बेताब
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तस्वीर पर बेहतरीन शेर
तस्वीर पर बेहतरीन शेर पढ़कर आपको आपके जीवन में तस्वीरों की एहमियत का अंदाजा लगेगा, जो आप में फोटग्राफी की कला को बढ़ाने का काम करेगी। तस्वीर पर बेहतरीन शेर कुछ इस प्रकार हैं;
ख़ामुशी तेरी मिरी जान लिए लेती है
अपनी तस्वीर से बाहर तुझे आना होगा
– मोहम्मद अली साहिल
दिल्ली के न थे कूचे औराक़-ए-मुसव्वर थे
जो शक्ल नज़र आई तस्वीर नज़र आई
– मीर तक़ी मीर
आ कि मैं देख लूँ खोया हुआ चेहरा अपना
मुझ से छुप कर मिरी तस्वीर बनाने वाले
– अख़्तर सईद ख़ान
चाहिए उस का तसव्वुर ही से नक़्शा खींचना
देख कर तस्वीर को तस्वीर फिर खींची तो क्या
– बहादुर शाह ज़फ़र
कोई तस्वीर मुकम्मल नहीं होने पाती
धूप देते हैं तो साया नहीं रहने देते
– अहमद मुश्ताक़
कह रही है ये तिरी तस्वीर भी
मैं किसी से बोलने वाली नहीं
– नूह नारवी
लगता है कई रातों का जागा था मुसव्विर
तस्वीर की आँखों से थकन झाँक रही है
– अज्ञात
तस्वीर के दो रुख़ हैं जाँ और ग़म-ए-जानाँ
इक नक़्श छुपाना है इक नक़्श दिखाना है
– जिगर मुरादाबादी
हर्फ़ को लफ़्ज़ न कर लफ़्ज़ को इज़हार न दे
कोई तस्वीर मुकम्मल न बना उस के लिए
– मोहम्मद अहमद रम्ज़
वो अयादत को तो आया था मगर जाते हुए
अपनी तस्वीरें भी कमरे से उठा कर ले गया
– अर्श सिद्दीक़ी
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तस्वीरों से बयां होती मोहब्बत पर शायरी
तस्वीरों से बयां होती मोहब्बत पर शायरी (World Photography Day Shayari) कुछ इस प्रकार हैं;
एक कमी थी ताज-महल में
मैं ने तिरी तस्वीर लगा दी
– कैफ़ भोपाली
तस्वीर मैंने मांगी थी शोखी तो देखिए
इक फूल उसने भेज दिया है गुलाब का
– अन्दलीब शादानी
तेरी सूरत से किसी की नहीं मिलती सूरत
हम जहां में तेरी तस्वीर लिए फिरते हैं
– नासिख़
आता था जिस को देख के तस्वीर का ख़याल
अब तो वो कील भी मेरी दीवार में नहीं
– ग़ुलाम मुर्तज़ा राही
चुप-चाप सुनती रहती है पहरों शब-ए-फ़िराक़
तस्वीर-ए-यार को है मेरी गुफ़्तुगू पसंद
– दाग़ देहलवी
अपने जैसी कोई तस्वीर बनानी थी मुझे
मिरे अंदर से सभी रंग तुम्हारे निकले
– सालिम सलीम
तेरी सूरत से किसी की नहीं मिलती सूरत
हम जहाँ में तिरी तस्वीर लिए फिरते हैं
– इमाम बख़्श नासिख़
रंग दरकार थे हम को तिरी ख़ामोशी के
एक आवाज़ की तस्वीर बनानी थी हमें
– नाज़िर वहीद
इक मोहब्बत की ये तस्वीर है दो रंगों में
शौक़ सब मेरा है और सारी हया उस की है
– जावेद अख़्तर
दिल के आईने में है तस्वीर-ए-यार
जब ज़रा गर्दन झुकाई देख ली
– लाला मौजी राम मौजी
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तस्वीरों पर कुछ अन्य शायरी
विश्व फोटोग्राफी दिवस (World Photography Day Shayari) के अवसर पर तस्वीरों पर कुछ अन्य शायरी निम्नलिखित हैं;
कुछ तो इस दिल को सज़ा दी जाए
उस की तस्वीर हटा दी जाए
– मोहम्मद अल्वी
मुझे ये ज़ोम कि मैं हुस्न का मुसव्विर हूँ
उन्हें ये नाज़ कि तस्वीर तो हमारी है
– शबनम रूमानी
कल तेरी तस्वीर मुकम्मल की मैं ने
फ़ौरन उस पर तितली आ कर बैठ गई
– इरशाद ख़ान सिकंदर
अलमारी में तस्वीरें रखता हूँ
अब बचपन और बुढ़ापा एक हुए
– अख़्तर होशियारपुरी
रोज़ है दर्द-ए-मोहब्बत का निराला अंदाज़
रोज़ दिल में तिरी तस्वीर बदल जाती है
– फ़ानी बदायुनी
ताब-ए-नज़्ज़ारा नहीं आइना क्या देखने दूँ
और बन जाएँगे तस्वीर जो हैराँ होंगे
– मोमिन ख़ाँ मोमिन
कहीं ऐसा न हो कम-बख़्त में जान आ जाए
इस लिए हाथ में लेते मिरी तस्वीर नहीं
– मुबारक अज़ीमाबादी
शहर हो दश्त-ए-तमन्ना हो कि दरिया का सफ़र
तेरी तस्वीर को सीने से लगा रक्खा है
– अज़ीज़ुर्रहमान शहीद फ़तेहपुरी
गरमा सकीं न चाहतें तेरा कठोर जिस्म
हर इक जल के बुझ गई तस्वीर संग में
– मुसव्विर सब्ज़वारी
देखना पड़ती है ख़ुद ही अक्स की सूरत-गरी
आइना कैसे बताए आइने में कौन है
– अफ़ज़ल गौहर राव
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आशा है कि इस ब्लॉग में आपको विश्व फोटोग्राफी दिवस पर शायरी (World Photography Day Shayari) पढ़ने का अवसर मिला होगा। उम्मीद है कि विश्व फोटोग्राफी दिवस पर शायरी पढ़कर आप तस्वीरों की ताकत को समझ पाएंगे। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।