विजयदान देथा की किताबें कौन सी हैं? यहां देखें पूरी लिस्ट

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विजयदान देथा की किताबें

विजयदान देथा आधुनिक भारतीय साहित्य में एक ऐसे लेखक हैं जिन्होंने लोककथाओं को अपनी अनूठी शैली और संवेदनशीलता के साथ पुनर्जीवित किया। उनकी किताबें, चाहे वह ‘बातां री फुलवारी’ हो या ‘दुविधा, पाठकों को राजस्थान के गांवों की गलियों, वहां के लोकगीतों और लोककथाओं की दुनिया में ले जाती हैं। देथा की कहानियों में जहाँ एक ओर लोककथाओं की सरलता और गहराई है, वहीं दूसरी ओर सामाजिक परिवर्तन और प्रगतिशील सोच की झलक भी मिलती है। उनकी किताबें न केवल हमें मनोरंजन करती हैं, बल्कि जीवन और समाज के बड़े प्रश्नों पर सोचने के लिए प्रेरित करती हैं। इसलिए इस ब्लॉग में विजयदान देथा की किताबें दी गई हैं। 

विजयदान देथा की किताबें कौनसी हैं?

विजयदान देथा की किताबों के नाम यहाँ दिए गए हैं : 

संख्यापुस्तकेंलिंक
1विजयदान देथा की लोकप्रिय कहानियाँ (Vijaydan Detha ki Lokpriya Kahaniyan)यहाँ से खरीदें 
2अनोखा पेड़ (Anokha Ped)यहाँ से खरीदें 
3द गार्डन ऑफ टेल्स (The Garden of Tales)यहाँ से खरीदें 
4टाइमलेस टेल्स फ्रॉम मवार (Timeless Tales from Marwar)यहाँ से खरीदें 
5चौबोली और अन्य कहानियाँ (Chouboli and Other Stories)यहाँ से खरीदें 
6बातां री फुलवाड़ी (Batan ri Fulwari)यहाँ से खरीदें 
7साहित्य और समाज (Sahitya Aur Samaj)यहाँ से खरीदें 
8तीन सौ तीस कहावती कहानियाँ (Teen Sau Tees Kahavati Kahaniyan)यहाँ से खरीदें 
9बातों की बगिया (Baaton ki Bagiya)यहाँ से खरीदें 
10राजस्थानी कथा-सागर (Rajasthani Katha-Sagar)यहाँ से खरीदें 
11त्रिवेणी (Triveni)यहाँ से खरीदें 
12महामिलन (Mahamilan)यहाँ से खरीदें 
13छब्बीश कहानियाँ (Chabbish Kahaniya)यहाँ से खरीदें 
14कहावती कथाएँ (Kahavati Kathaye)यहाँ से खरीदें 
15उजाले के मुसाहिब (Ujaale Ke Musahib)यहाँ से खरीदें 
16चौधराइन की चतुराई (Chaudharain Ki Chaturai)यहाँ से खरीदें 
17 द्वंद्व (Dwandwa)यहाँ से खरीदें 
18प्रतिशोद (Pratishod)यहाँ से खरीदें 

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कौन थे विजयदान देथा?

विजयदान देथा जिन्हें ‘बिज्जी’ के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म 1 सितंबर 1926 में हुआ था। देथा राजस्थान के एक प्रमुख लेखक, कवि, और लोककथाकार थे। वे राजस्थानी और हिंदी साहित्य में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं। देथा ने राजस्थान की समृद्ध लोककथाओं और परंपराओं को आधुनिक संदर्भ में पुनः प्रस्तुत किया और उन्हें साहित्यिक रूप दिया। 

उनकी कहानियों में लोककथाओं और मानवीय संवेदनाओं की गहराई देखने को मिलती है। उनका सबसे प्रसिद्ध कृति ‘बातां री फुलवारी’ है, जिसमें राजस्थान की लोककथाओं का अद्भुत संग्रह है। उनकी कई कहानियाँ फिल्मों और नाटकों का आधार बनीं, जैसे श्याम बेनेगल द्वारा निर्देशित फिल्म ‘चरणदास चोर’।

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आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको विजयदान देथा की किताबें पता चला होंगी। इसी प्रकार साहित्य से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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