गणेश चतुर्थी का पर्व भारत में अत्यधिक महत्व रखता है। मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का अवतरण हुआ था। इसी वजह से इसी तिथि के दिन प्रतिवर्ष गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। हिंदू वेदांग पंचांग के अनुसार, भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी की शुरुआत 6 सितंबर को दिन के 3 बजकर 31 मिनट पर होगी और तिथि का समापन 7 सितंबर शाम को 5 बजकर 37 मिनट पर होगा। इस वर्ष मुख्य रूप से गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को ही मनाई जाएगी। इस दिन लोग गणेश जी की प्रतिमा अपने घरों और अन्य जगहों पर स्थापित करते हैं और चतुर्दशी तक उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। गणेश चतुर्थी के अवसर पर छात्रों को Speech on Ganesh Chaturthi in Hindi के लिए कहा जाता है जिसे तैयार करने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें।
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गणेश चतुर्थी पर 100 शब्दों में भाषण
आप सभी को मेरा नमस्कार। आज मैं गणेश चतुर्थी के त्योहार की बात करने जा रहा हूं जो भगवान गणेश के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाया जाता है। गणेश जी को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य का देवता माना जाता है। चतुर्थी के दिन हम लोग अपने घरों और पंडालों में गणेश जी की मूर्तियां स्थापित करते हैं। गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक 10 दिनों के लिए हम गणेश की स्थापित मूर्ति की पूजा-अर्चना करते हैं। पूजा में उन्हें मोदक और लड्डूओं का भोग लगाया जाता है। हमें गणपति से सभी के सुख और समृद्धि की कामना करनी चाहिए। मेरे द्वारा दिए गए इस भाषण को सुनने के लिए धन्यवाद।
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गणेश चतुर्थी पर 200 शब्दों में भाषण
प्रिय मित्रों और सम्मानित अतिथिगण सभी को मेरा सुप्रभात। आज मैं गणेश चतुर्थी के बारे में बताने जा रहा हूं। गणेश चतुर्थी का त्योहार 10 दिनों के लिए हम सभी लोगों को एकता, आस्था और सांस्कृतिक समृद्धि के सूत्र में बांधता है। गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्म के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। गणेश जी हम सभी की बाधाओं को दूर करने का कार्य करते हैं। गणेश जी को बुद्धि का देवता भी कहा जाता है।
किसी भी काम को शुरू करने से पहले उनका सबसे पहले आशीर्वाद लिया जाता है। इस त्योहार को चतुर्थी से लेकर चतुर्दशी तक मनाया जाता है जिसमें पूरे 10 दिन का समय लगता है। इस अवसर पर चतुर्थी के दिन गणेश जी की प्रतिमा को स्थापन होती है और 10 दिन बाद अनंत चतुर्दशी के दिन उनकी प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है।
आपको बता दें कि भगवान गणेश जी की पूजा के समय उनकी पसंदीदा मिठाई मोदक उन्हे प्रशाद के रूप में अर्पित की जाती है। 11वें दिन सभी लोग भरी मन के साथ भगवान गणेश जी को विदाई देते हैं। इसी समय वे उनसे अगले वर्ष फिर से आने की विनती करते हैं। मेरे द्वारा तैयार किए गए इस भाषण को सुनने के लिए आप सभी का धन्यवाद, भगवान गणेश आप सभी को ज्ञान और समृद्धि का आशीर्वाद दें।
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गणेश चतुर्थी पर 300 शब्दों में भाषण
Speech on Ganesh Chaturthi in Hindi 300 शब्दों में भाषण नीचे दिया गया है:
स्पीच की शुरुआत में
आदरणीय मुख्य अतिथियों और मेरे प्यारे मित्रों और यहां उपस्थित सभी लोगों को मेरा सादर प्रणाम। आज के दिन हम सभी लोग गणेश चतुर्थी के इस पावन पर्व को एक साथ में मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। यह त्योहार हम गणेश जी का जन्मदिन होने के कारण प्रति वर्ष भाद्रपद की चतुर्थी पर इसी तिथि पर माना हैं। मेरे लिए यह बहुत खुशी की बात है कि मुझे गणेश चतुर्थी के इस पावन अवसर पर आप सभी सम्माननीय मित्रों के साथ में मेरे विचार बांटने का मौका मिला है।
स्पीच में क्या बोलें?
जैसा कि आप सभी जानते हैं प्रतिवर्ष गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। गणेश जी को कई नामों से जाना जाता है जैसे की सिद्धिविनायक, एक दंत, लंबोदर, गजानंद और विघ्नहर्ता। इन सभी नामों के पीछे कई रोचक कहानियां हैं जो उनके जीवन से जुड़ी है। गणेश जी हमारे विघ्नों को खत्म करते हैं, समृद्धि, और सौभाग्य प्रदान करते हैं। लोग उनकी पूजा के साथ उनसे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और समृद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं।
गणेश जी की मूर्ति अधिकतर मिट्टी से बनी होती हैं जिन्हे घरों और पंडालों में स्थापित किया जाता है। सभी लोग साथ मिलकर इस अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। उनकी पूजा अर्चना में गणेश जी की आरती सबसे मुख्य होती है। 10 दिनों के बाद उत्सव के अंत में गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। सभी लोग गणपति बप्पा मोरया की घोष लगाते हैं साथ में उनसे अगले वर्ष जल्दी आने की विनती करते हैं।
गणेश चतुर्थी का उत्सव एक धार्मिक उत्सव तो है ही साथ में यह लोगों और समाज के बीच एकता और भाईचारे की भावना को भी बढ़ाता है। क्योंकि सभी लोग एक साथ मिलकर सामुदायिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं इसके साथ में वे सामाजिक सेवा भी करते हैं। कई जगहों पर गणेश चतुर्थी के कार्यक्रम के दौरान रक्तदान शिविरों का भी आयोजन किया जाता है जिससे रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। इस इसी तरह के अन्य कई सारे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
स्पीच के अंत में
मैं आप सभी से यही कहना चाहता हूं कि गणेश चतुर्थी से हमें कठिनाइयों और विघ्नों को बुद्धि, साहस, और समर्पण के साथ पार करने की सीख मिलती है। मेरी यही कामना है कि भगवान गणेश का आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे। आइए हम सभी एक साथ मिलकर गणेश जी से सही राह दिखाने और जीवन को खुशियों से भरने की प्रार्थना करें।
मेरी ओर से आप सभी को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं।
धन्यवाद।
गणेश चतुर्थी पर भाषण तैयार करने के टिप्स
गणेश चतुर्थी पर भाषण तैयार (Speech on Ganesh Chaturthi in Hindi) करने के लिए कुछ टिप्स यहां दी गई है:
- स्पीच की शुरुआत में आपको अपने सामने बैठे सभी लोगों का अभिवादन करना चाहिए।
- आपको गणेश चतुर्थी का परिचय देना चाहिए कि त्योहार क्या है और क्यों मनाया जाता है।
- आप किसी विशेष जगह का उल्लेख भी कर सकते हैं जैसे कि महाराष्ट्र मेंप गणेश चतुर्थी कैसे मनाई जाती है इस बारे में भी बता सकते हैं।
- गणेश जी पर भाषण को रोचक बनाने के लिए आप उनकी कुछ कहानियां या अपना व्यक्तिगत अनुभव भी स्पीच में जोड़ सकते हैं।
- गणेश जी पर भाषण में आप उनके का जन्म, उनका वाहन मूषक आदि कथाओं पर जानकारी भी से सकते हैं।
- महत्वपूर्ण बिंदुओं को संक्षेप और स्पष्ट रूप से व्यक्त करें।
- स्पीच पूरी तैयार हो जाने के बाद उसका अभ्यास करें।
- स्पीच देते वक्त आप अपना आत्मविश्वास बनाए रखें। आप अपनी आवाज़ को स्पष्ट और तेज रखें ताकि सभी लोग सुन सकें।
- स्पीच के अंत में आप सुनने वाले सभी लोगों को धन्यवाद करें और उन्हें गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएँ दें।
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गणेश चतुर्थी से जुड़े रोचक तथ्य
गणेश चतुर्थी से जुड़े रोचक तथ्य यहां दिए गए हैं:
- गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।
- यह हिंदू महीने भाद्र (अगस्त या सितंबर) में मनाया जाने वाला 10 दिवसीय त्योहार है, हालांकि कुछ लोग अपनी परंपराओं और पारिवारिक रीति-रिवाजों के आधार पर इसे डेढ़ दिन, 3 दिन, 5 दिन, 7 दिन और 11 दिन तक मना सकते हैं।
- इसेमहाराष्ट्र का प्रमुख त्योहार कहा जाता है, हालांकि इस त्योहार को पूरे भारत में अत्यंत श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।
- गणेश चतुर्थी पर लोग सामूहिक रूप से पूजा करने के लिए घरों और सार्वजनिक स्थानों पर भगवान गणेश की मिट्टी की मूर्तियों का स्वागत करते हैं।
- गणेश चतुर्थी के दसवें दिन को अनंत चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन मूर्तियों को समुद्र और नदियों में विसर्जित किया जाता है जो दर्शाता है कि भगवान गणेश आपकी परेशानियों, बाधाओं और नकारात्मकता को अपने साथ ले जा रहे हैं। इसे गणपति विसर्जन के नाम से जाना जाता है।
- ऐसा माना जाता है कि सबसे पहले गणेश चतुर्थी का उत्सव छत्रपति शिवाजी महाराज के काल से शुरू हुआ था। 1893 में बाल गंगाधर तिलक ने गणेश चतुर्थी को एक निजी उत्सव से बदलकर आज के समय में मनाया जाने वाला भव्य सार्वजनिक उत्सव बना दिया। मुंबई में स्थित लालबागचा राजा, भारत में सबसे भव्य और राजसी गणपति विसर्जन के लिए जाना जाता है।
FAQs
पुराणों के अनुसार, इसी दिन भगवान श्री गणेश जी का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी पर हिन्दू भगवान गणेशजी की पूजा की जाती है। कई प्रमुख जगहों पर भगवान गणेश की बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाती है।
पौराणिक कथा के अनुसार, भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणपति बप्पा का अवतरण हुआ था। इसलिए हर साल इस तिथि पर गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। यह उत्सव 10 दिनों तक यानी अनंत चतुर्दशीतक चलता है। अनंत चतुर्दशी के दिन पवित्र नदी या घर में ही पानी के टप में गणपति बप्पा का विसर्जन किया जाता है।
गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों में गणपति बप्पा को लेकर आते हैं, उनकी विधि विधान से पूजा-अर्चना करते हैं. फिर उसके 10 दिन बाद अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी का विसर्जन करते हैं. हालांकि गणेश विसर्जन के भी अलग-अलग नियम हैं, जिसके तहत सभी लोग 10 दिनों तक गणपति बप्पा को नहीं रखते हैं.
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