गुजराती भाषा के लेखक और महान शिक्षाशास्त्री गिजुभाई बधेका का जन्म 15 नवम्बर 1885 में हुआ था। उनका पूरा नाम गिरिजाशंकर भगवानजी बधेका था। गिजुभाई ने बाल मंदिर नामक विद्यालय की स्थापना की। अपने प्रयोगों और अनुभव के आधार पर उन्होंने निश्चय किया था कि बच्चों के सही विकास के लिए बेहतर शिक्षा देनी चाहिए। इसी चीज को ध्यान में रखते हुए उन्होंने बहुत-सी बाल उपयोगी कहानियां लिखीं। ये कहानियां गुजराती दस पुस्तकों में प्रकाशित हुई हैं, जिसके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए। इसलिए आज के इस ब्लॉग में हम गिजुभाई बधेका की पुस्तकें जानेंगे।
गिजुभाई बधेका के बारे में
गिजुभाई का जन्म 1885 में सौराष्ट्र के चित्तल नामक स्थान में हुआ था। उनका असली नाम ‘गिरिजा शंकर बधेका’ था। बच्चों की शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के कारण लोग उन्हें ‘मोछाई माँ’ अर्थात् मूछों वाली माँ भी कहते थे। छोटे बच्चों की शिक्षा को नई दिशा देने में गिजुभाई का अत्याधिक योगदान रहा है। बधेका एक उच्च न्यायालय के वकील थे, हालाँकि, 1923 में अपने बेटे के जन्म के बाद, उन्होंने बाल विकास और शिक्षा में रुचि विकसित की।
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गिजुभाई बधेका की पुस्तकें कौनसी हैं?
गिजुभाई बधेका की पुस्तकें कौनसी हैं के बारे में यहाँ बताया गया है :
- Diwaswapna
- Mabapone
- Balako No Birbal
- Diva Svapna
- Prathmik Vidyalaya Ki Shiksha Paddattiya
- Maa Baap Banna Kathin Hai
- Andheri Nagri Ne Gandu Raja (Gujarati Book)
- Divasvapna
- Dharmatmaonan Charitro
- Prafullit Hasya Kathao
- Gijubhai Badhekani Sadabahar KishorKathao
- Gijubhaini Balnagri
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संख्या | पुस्तकें | लिंक |
1 | Diwaswapna | यहाँ से खरीदें |
2 | Mabapone | यहाँ से खरीदें |
3 | Balako No Birbal | यहाँ से खरीदें |
4 | Diva Svapna | यहाँ से खरीदें |
5 | Prathmik Vidyalaya Ki Shiksha Paddattiya | यहाँ से खरीदें |
6 | Maa Baap Banna Kathin Hai | यहाँ से खरीदें |
7 | Andheri Nagri Ne Gandu Raja (Gujarati Book) | यहाँ से खरीदें |
8 | Divasvapna | यहाँ से खरीदें |
9 | Dharmatmaonan Charitro | यहाँ से खरीदें |
10 | Prafullit Hasya Kathao | यहाँ से खरीदें |
11 | Gijubhai Badhekani Sadabahar KishorKathao | यहाँ से खरीदें |
12 | Gijubhaini Balnagri | यहाँ से खरीदें |
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FAQs
गिजुभाई बधेका का जन्म 15 नवंबर 1885 में हुआ था।
गिजुभाई बधेकाका निधन 23 जून 1939 में हुआ था।
गिजुभाई का पूरा नाम गिरिजाशंकर भगवानजी बधेका है।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको गिजुभाई बधेका की पुस्तकें पता चली होंगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।