दादाभाई नौरोजी, जिन्हें ‘ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेताओं में से एक थे। वे एक राजनीतिज्ञ होने के साथ साथ एक शिक्षक, व्यापारी, और समाज सुधारक भी थे। भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के शुरुआती दौर में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और ब्रिटिश साम्राज्य के भीतर भारतीयों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। दादा भाई नौरोजी के बारे में अधिक जानने के लिए यह ब्लॉग पूरा पढ़े। यहाँ आपको दादा भाई नौरोजी का जन्म कब हुआ था?, इसपर जानकारी दी जाएगी।
दादा भाई नौरोजी का जन्म कब हुआ था?
दादाभाई का जन्म 4 सितम्बर, 1825 को बॉम्बे में एक गरीब पारसी परिवार में हुआ था। जब दादाभाई 4 साल के थे, तब इनके पिता नौरोजी पलंजी दोर्दी की मृत्यु हो गई थी। इनकी माता मानेक्बाई ने इनकी परवरिश की थी। पिता के देहांत के बाद इनके परिवार को बहुत सी आर्थिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ा था। दादाभाई को अच्छी शिक्षा देने में उनकी माता का विशेष योगदान था। दादाभाई की शादी 11 साल की उम्र में, 7 साल की गुलबाई से हो गई थी, उस समय भारत में बाल विवाह का चलन था। दादाभाई के 3 बच्चे थे जिनमें 1 बेटा और 2 बेटियां थी।
दादाभाई नौरोजी का योगदान
दादाभाई नौरोजी का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक सुधारों में महत्वपूर्ण योगदान इस प्रकार है :
- दादाभाई नौरोजी पहले भारतीय थे जिन्होंने ब्रिटिश संसद में सदस्यता प्राप्त की। 1892 में वे लंदन में आयोजित आम चुनावों के दौरान लिबरल पार्टी की ओर से चुनाव जीतकर संसद में पहुंचे।
- नौरोजी ने भारतीय समाज में सुधार की दिशा में कई प्रयास किए। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करने की कोशिश की और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई।
- दादाभाई नौरोजी ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेकर भारतीय जनता को जागरूक किया और उनकी स्वतंत्रता की मांग को बढ़ावा दिया।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको दादा भाई नौरोजी का जन्म कब हुआ था? के बारे में जानकारी मिल गयी होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।