Christmas Tree Story in Hindi 2024 : कब और कैसे शुरू हुआ क्रिसमस ट्री सजाने का चलन? जानें इसका इतिहास और महत्व

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Christmas Tree Story in Hindi 2024 : क्रिसमस का त्योहार दुनिया भर में खुशी, प्यार और एकता का प्रतीक है। इस दिन लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर खुशियाँ मनाते हैं, उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं। वहीं इस त्योहार का सबसे प्रमुख और आकर्षक हिस्सा होता है – क्रिसमस ट्री। सजावट से लेकर उसके नीचे रखे तोहफे तक, ये ट्री इस खुशी के मौके को और भी खास बना देता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस परंपरा की शुरुआत कैसे हुई? इस लेख में हम आपको विस्तार से बताएँगे Christmas Tree Story in Hindi क्या है।

क्रिसमस ट्री के बारे में

जिस तरह क्रिसमस पर लोग अपने घरों को सजाते हैं, उसी तरह क्रिसमस ट्री को भी सजाया जाता है। क्रिसमस ट्री शंकुधारी पेड़ जैसे कि स्प्रूस, पाइन या देवदार या फिर इसी तरह दिखने वाला एक कृत्रिम पेड़ होता है। 2004 में पोप जॉन पॉल ने क्रिसमस ट्री को ‘मसीह का प्रतीक’ कहा था। इसे सजाने के लिए कैंडल, फूल, लाइट के लिए झालरों, गिफ्ट, घंटियों से सजाया जता है।

क्रिसमस ट्री का वैज्ञानिक नाम पाइनस सिल्वेस्टरिस है। यह एक प्रकार का स्प्रूस है जो उत्तरी गोलार्ध के ठंडे क्षेत्रों में पाया जाता है। यह एक लंबा, शंकुधारी पेड़ होता है जिसमें हरे, चमकीले सुई जैसे पत्ते होते हैं।

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क्रिसमस ट्री का इतिहास क्या है?

क्रिसमस ट्री का प्रचलन 1400 के दशक के अंत से 1500 के दशक के आसपास शुरू हुआ था और क्रिसमस ट्री को ईसा मसीह के जन्म से पहले महत्व दिया जाता था और रोम साम्राज्य में क्रिसमस ट्री का इस्तेमाल घरों को सजाने के लिए किया जाता था। 

क्रिसमस ट्री के इतिहास की जड़ें कई जगह से जुड़ती हैं। 1500 ईस्वी में सबसे पहले क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा जर्मनी में शुरू हुई थी। हालांकि यह भी निश्चित नहीं है कि देवदार के पेड़ों को पहली बार क्रिसमस ट्री के रूप में कब इस्तेमाल किया गया था।

इसके अलावा प्राचीन मिस्र और रोम में भी सदाबहार पेड़ों के उपयोग से लेकर कैंडल की रोशनी वाले पेड़ों की जर्मन परंपराएं शामिल हैं जो 1800 के दशक में अमेरिका तक पहुंचीं थीं।

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क्रिसमस ट्री की कहानी क्या है?

Christmas Tree Story in Hindi काफी रोचक है और क्रिसमस ट्री की कहानी अपनी अलग परंपरा भी रखती है। इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, एक बार घने जंगल में एक बहुत गरीब लकड़हारा अपने परिवार के साथ रहता था। क्रिसमस की पूर्व संध्या पर उसने अचानक दरवाजे पर आहट सुनी और अपना दरवाज़ा खोला तो लकड़हारा ने देखा कि गंदे कपड़ों में भूखा बच्चा खड़ा था। 

लकड़हारे ने उसे अंदर बुलाया और भोजन दिया और फिर उसे आराम करने के लिए एक बिस्तर दिया। बाद में लकड़हारे और उसके पूरा परिवार ने रात के खाने और रहने के लिए एक सुरक्षित जगह के लिए प्रार्थना की और बाद में सो गए। सुबह जब जागे तो उन्होंने सबसे सुंदर गाना सुना जो उन्होंने अपने पूरे जीवन में कभी नहीं सुना था। 

जब वे खिड़की के पास गए तो उन्हें आश्चर्य हुआ कि गाना कहां से आ रहा है और उन्होंने देखा कि एक बच्चा स्वर्गदूतों की मंडली के साथ खड़ा होकर क्रिसमस कैरोल गा रहा था। बच्चे ने अब फटे हुए कपड़े नहीं पहने हुए थे और और वह चमकती रोशनी से घिरा हुआ था।

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जैसे ही बच्चे ने लकड़हारे और उसके परिवार को खड़े होकर उसका गाना सुनते देखा तो उस बच्चे ने कहा कि मैं ईसा मसीह की संतान हूं और मुझे आपकी दया मिली है और अब यह आपके लिए मेरा उपहार है। उसने तुरंत एक देवदार के पेड़ से एक शाखा तोड़ दी और उसे यह कहते हुए लगा दिया कि इस दिन से यह पेड़ क्रिसमस पर फल देगा और तुम सर्दी में भी भरपूर फल पाओगे।

जब वे खड़े होकर इस बच्चे की बात सुन रहे थे तभी शाखा एक सुंदर पेड़ में बदल गई और सुनहरे सेब और चांदी के मेवों से ढक गई और लकड़हारे के परिवार को फिर कभी इसकी जरूरत नहीं पड़ी।

नोट- हो सकता है कि यह एक किंवदंती हो, लेकिन यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण संदेश देती है कि संकट में किसी बच्चे की मदद करते समय, हमारा कार्य इस तरह गिना जाएगा जैसे कि मदद स्वयं यीशु ने की थी। 

क्रिसमस ट्री और ईसा मसीह का कनेक्शन

Christmas Tree Story in Hindi जानने के साथ ही क्रिसमस ट्री और ईसा मसीह का कनेक्शन जानना जरूरी है। ऐसा कहा जाता है कि जब ईसा मसीह का जन्म हुआ था तब उनके माता-पिता को बधाई देने के लिए देवदूत भी आए थे और उन्होंने उन्हें रोशन सदाबहार ट्री गिफ्ट के रूप में दिया था। तब से ही क्रिसमस फर के पेड़ को क्रिसमस ट्री के रूप में मान्यता मिली गई थी। अब हर वर्ष 25 दिसंबर को क्रिसमस ट्री को सजाया जाता है और इसकी रोशनी त्योहार को अलग रंग देती है।

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क्रिसमस ट्री क्यों सजाया जाता है?

क्रिसमस ट्री पारंपरिक रूप से हजारों वर्षों से शीतकालीन त्योहारों को मनाने के लिए उपयोग किए जाते रहे हैं। ऐसी मान्यता है कि ईसाई क्रिसमस ट्री को प्रभु द्वारा दिए गए आशीर्वाद के रूप में देखते हैं और उनका यह भी मानना है कि क्रिसमय ट्री सजाने से बच्चों की उम्र बढ़ती है और इसकी रोशनी से नई ऊर्जा मिलती है।

बता दें कि पूर्व-ईसाई/पगान लोग सर्दियों में अपने घरों को सजाने के लिए क्रिसमस ट्री का उपयोग करते थे, क्योंकि इससे उन्हें आने वाले बसंत के बारे में सोचने का मौका मिलता था।

रोमन लोग सैटर्नलिया के त्योहार पर अपने मंदिरों को सजाने के लिए देवदार के पेड़ों का उपयोग करते थे। हालांकि, वे उससे काफी अलग थे जिसे हम अब क्रिसमस ट्री के रूप में समझते हैं।

क्रिसमस ट्री सजावट का क्या महत्व है?

Christmas Tree Story in Hindi समझने के बाद आपको क्रिसमस ट्री का महत्व जानना चाहिए जोकि इस प्रकार बताया जा रहा हैः

  • क्रिसमस ट्री को शाश्वत जीवन का प्रतीक माना जाता है। 
  • क्रिसमस ट्री लोगों को आशा और शांति की भावना देते हैं।
  • क्रिसमस ट्री अक्सर ईसा मसीह के जन्म के प्रतीक के रूप में देखे जाते हैं।
  • इसकी खुशबू आपको आराम देने और रोजमर्रा के तनाव से राहत दिलाने में मदद करती है।
  • क्रिसमस ट्री की सुंदरता से लोगों को खुशी और उत्साह मिलता है। 
  • क्रिसमस ट्री लोगों को परिवार और दोस्तों के साथ एकजुट होने में मदद करते हैं। 
  • क्रिसमस ट्री के साथ खेलना बच्चों के लिए एक मजेदार और स्वस्थ गतिविधि हो सकती है।
  • क्रिसमस ट्री लोगों को नए साल की शुरुआत के लिए तैयार होने में मदद करते हैं। 
  • ऐसा कहा जाता है कि सांता क्लॉस क्रिसमस की पूर्व संध्या पर बच्चों के लिए उपहार लाते हैं और उन उपहारों को क्रिसमस ट्री के नीचे रख देते हैं।

क्रिसमस ट्री कैसे बनाया जाता है?

क्रिसमस ट्री को बनाने से पहले यह देखना जरूरी है कि क्रिसमस ट्री को कैसे और कहां बनाना या सजाना है। क्रिसमस ट्री को बनाने या सजाने से ज्यादा लोग मार्केट से खरीदना ही सही समझते हैं।

क्रिसमस ट्री सजावट के लिए मजबूत और विश्वसनीय होते हैं। अगर आप अच्छा क्रिसमस ट्री खरीदते हैं और उसका उपयोग कई वर्षों तक किया जा सकता है। हालांकि अगर आप खुद से क्रिसमस ट्री को सजाते या बनाते हैं तो इसकी खूबसूरती और बढ़ सकती है।

क्रिसमस ट्री को बनाने (पेपर का) या सजाने के लिए आपको कई चीजों की जरूरत पड़ती है और इनमें कई रंगों के फूल, सही और उचित रंगों का उपयोग, रिबन की स्टाइल और सेप, चिट्स और लाइटिंग के लिए झालर्स आदि मुख्य रूप से शामिल हैं।

FAQs

क्रिसमस ट्री का नाम क्या है?

क्रिसमस ट्री का वैज्ञानिक नाम पाइनस सिल्वेस्टरिस है।

क्रिसमस ट्री में सबसे ऊपर क्या होता है?

क्रिसमस ट्री में सबसे ऊपर सितारा होता है।

हम क्रिसमस कब मनाते हैं और क्यों?

बाइबल में जीसस क्राइस्‍ट के जन्म की तारीख का कोई जिक्र नहीं है, लेकिन हर वर्ष 25 दिसंबर के दिन उनका ही बर्थडे मनाया जाता है।

क्रिसमस का असली नाम क्या है?

अंग्रेजी शब्द क्रिसमस का नाम क्राइस्ट्स मास भी कहा जाता है।

क्रिसमस ट्री को किस तरह सजाया जाता है?

क्रिसमस ट्री को आमतौर पर सजावट के सामान जैसे कागज की गेंदें, चमचमाती रोशनी, रंग-बिरंगे रिबन, क्रिसमस के आभूषण और एक तारे या एंजल से सजाया जाता है। इन सजावटों का उद्देश्य खुशी और समृद्धि का प्रतीक है।

क्या क्रिसमस ट्री केवल क्रिसमस पर सजाया जाता है?

हां, क्रिसमस ट्री मुख्य रूप से क्रिसमस के अवसर पर सजाया जाता है। हालांकि, कुछ लोग इस परंपरा को पूरे दिसंबर महीने तक बनाए रखते हैं, और कुछ परिवार नए साल के साथ भी ट्री को सजाए रखते हैं।

क्रिसमस ट्री को घर में सजाने के अलावा कहां सजाया जाता है?

क्रिसमस ट्री को न केवल घरों में, बल्कि सार्वजनिक स्थानों, मॉल्स, पार्कों और चर्चों में भी सजाया जाता है। इन जगहों पर विशेष रूप से बड़े और भव्य क्रिसमस ट्री लगाए जाते हैं, जो पूरे शहर की खूबसूरती को बढ़ाते हैं।

क्या क्रिसमस ट्री को बिना सजाए रखना शुभ माना जाता है?

नहीं, क्रिसमस ट्री को बिना सजाए रखना आम तौर पर शुभ नहीं माना जाता। क्रिसमस ट्री की सजावट से घर में खुशियाँ और उत्साह का माहौल बनता है। यह परंपरा घर के लोगों को एक साथ जोड़ने और त्योहार की पूरी भावना को महसूस कराने के लिए होती है।

क्रिसमस के दिन क्रिसमस ट्री का क्या महत्व है?

क्रिसमस के दिन क्रिसमस ट्री का बहुत महत्व है। यह यीशु के जन्म की रोशनी और जीवन का प्रतीक है। ट्री सजाने से परिवार में खुशी और एकता बढ़ती है। इसके ऊपर तारा या एंजल रखा जाता है, जो मार्गदर्शन और शुभ संदेश का प्रतीक है।

उम्मीद है कि इस ब्लाॅग Christmas Tree Story in Hindi के बारे में विस्तृत जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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