Amritlal Nagar Ki Pramukh Rachnaye: ये हैं अमृतलाल नागर की प्रमुख रचनाएं, जो बनी हिंदी साहित्य की प्रकाशस्तंभ 

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Amritlal Nagar Ki Pramukh Rachnaye

Amritlal Nagar Ki Pramukh Rachnaye: अमृतलाल नागर हिंदी के उन चुनिंदा लेखकों में से हैं, जिन्होंने हिंदी साहित्य में बहुत योगदान दिया है। हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित साहित्यकार अमृतलाल नागर का जन्म 17 अगस्त, 1916 को उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के गोकुलपुरा गाँव में एक गुजराती ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम ‘राजाराम नागर’ व माता का नाम ‘विद्यावती नागर’ था। 

बताना चाहेंगे अमृतलाल नागर ने आधुनिक हिंदी साहित्य की कई विधाओं में साहित्य का सृजन किया हैं। इनमें मुख्य रूप से उपन्यास, कहानी, व्यंग्य, बाल साहित्य, अनुवाद और नाटक विधाएँ शामिल हैं। बता दें कि अमृतलाल नागर के बारे में या उनकी रचनाओं से जुड़े प्रश्न अकसर हिंदी की परीक्षाओं में पूछे जाते हैं, इसलिए इस ब्लाॅग में अमृतलाल नागर की प्रमुख रचनाओं (Amritlal Nagar Ki Pramukh Rachnaye) की जानकारी दी गई हैं। 

अमृतलाल नागर के बारे में 

अमृतलाल नागर हिंदी साहित्य के मूर्धन्य रचनाकार माने जाते हैं। बता दें कि आर्थिक संकट के चलते अमृतलाल नागर की शिक्षा केवल हाईस्कूल तक ही हुई थी। किंतु स्वाध्याय के द्वारा ही उन्होंने कई भाषाओं का ज्ञान अर्जित किया व इतिहास, पुराण, पुरातत्व, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान आदि विषयों में भी विशेषज्ञता हासिल की। वहीं इन सभी विषयों की झलक नागर जी के साहित्य में भी देखने को मिलती हैं। 

अमृतलाल नागर को मिले ये पुरस्कार

अमृतलाल नागर ने हिंदी साहित्य की गद्य विधाओं में कई अनुपम कृतियों का सृजन किया था। वहीं, हिंदी साहित्य में अपना अतुलनीय योगदान देने के लिए उन्हें ‘पद्म भूषण – (वर्ष 1981 में भारत सरकार द्वारा सम्मानित), साहित्य अकादमी पुरस्कार, प्रेमचंद पुरस्कार, भारत भारती सम्मान, सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार, अखिल भारतीय वीरसिंह देव पुरस्कार, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार – (उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित) और नथमल भुवालका पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका हैं। 

अमृतलाल नागर रचनावली – Amritlal Nagar Ki Pramukh Rachnaye

बता दें कि अमृतलाल नागर की कई रचनाएँ जिनमें ‘नाच्यौ बहुत गोपाल’, ‘मानस का हंस’, ‘बूँद और समुद्र’ (उपन्यास), ‘युगावतार’, ‘उतार चढ़ाव’ (नाटक), ‘वाटिका’, ‘अवशेष’, ‘तुलाराम शास्त्री’, ‘पाँचवाँ दस्ता’ (कहानी-संग्रह) आदि को बी.ए. और एम.ए. के सिलेबस में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं।

  1. मानस का हंस (Manas Ka Hans)
  2. लखनऊ के नवाब (Lucknow Ke Nawab)
  3. चकल्लस (Chakallas)
  4. भूख (Bhookh)
  5. सुहाग के नूपुर (Suhag Ke Noopur)
  6. हम फ़िदा ए लखनऊ (Hum Fida-E-Lucknow)
  7. नाच्यो बहुत गोपाल ( Nachyo Bahut Gopal (Hindi) )
  8. खंजन नयन (Khanjan Nayan)
  9. आँखों देखा गदर (Ankhon Dekha Gadar)
  10. मेरी प्रिय कहानियाँ (Meri Priya Kahaniyaan)
  11. बूँद और समुद्र (Boond Aur Samudra)
  12. नवाबी मसनद ( Navabi Masnad (Hindi Edition) )
  13. गदर के फूल (Gadar Ke Phool)
  14. सात घूंघट वाला मुखड़ा ( Saat Ghunghat Waala Mukhda (Hindi Edition)

अमृतलाल नागर की कविताएं : 

  • एटम बम
  • दो आस्थाएँ

अमृतलाल नागर के बाल-साहित्य, व्यंग्य और कहानी-संग्रह

अमृतलाल नागर ने कई रचनाओं के साथ बाल-साहित्य और व्यंग्य को भी लिखा है, जिनके विषय में आप यहां जान सकते हैं।

  • बाल-साहित्य : नटखट चाची, निंदिया आ जा, बजरंगी नौरंगी, बजरंगी पहलवान, बाल महाभारत, इतिहास झरोखे, बजरंग स्मगलरों के फंदे में, हमारे युग निर्माता, अक़्ल बड़ी या भैंस, सात भाई चंपा, सोमू का जन्मदिन, त्रिलोक विजय।
  • व्यंग्य : नवाबी मसनद, सेठ बाँकेमल, कृपया दाएँ चलिए, हम फिदाए लखनऊ, चकल्लस।
  • कहानी-संग्रह : ‘वाटिका’, अवशेष, ‘तुलाराम शास्त्री’, ‘आदमी नहीं! नहीं!’, ‘पाँचवाँ दस्ता’ आदि।
    नाटक : ‘युगावतार’, ‘बात की बात’, ‘चंदन वन’, ‘चक्करदार सीढ़ियाँ और अँधेरा’ आदि।

अमृतलाल नागर के प्रमुख उपन्यास

उपन्यास प्रकाशन 
महाकाल वर्ष 1947 
सेठ बांकेमल वर्ष 1955 
बूँद और समुंद्र वर्ष 1956 
शतरंज के मोहरे वर्ष 1958 
सुहाग के नूपुर वर्ष 1960 
अमृत और विष वर्ष 1966 
सात घूँघट वाला मुखड़ा वर्ष 1968 
एकदा नैमिषारण्येवर्ष 1968 
मानस का हंस वर्ष 1971 
नाच्यौ बहुत गोपालवर्ष 1978 
खंजन नयन वर्ष 1981 
बिखरे तिनके वर्ष 1982 
अग्निगर्भा वर्ष 1983 
करवट वर्ष 1985 
पीढ़ियाँ वर्ष 1990 

अमृतलाल नागर के उपन्यास जिनमें मिलती है समाज की जीवंत तस्वीर

अमृतलाल नागर रचनावली

बता दें कि अमृतलाल नागर की कई रचनाएँ जिनमें ‘नाच्यौ बहुत गोपाल’, ‘मानस का हंस’, ‘बूँद और समुद्र’ (उपन्यास), ‘युगावतार’, ‘उतार चढ़ाव’ (नाटक), ‘वाटिका’, ‘अवशेष’, ‘तुलाराम शास्त्री’, ‘पाँचवाँ दस्ता’ (कहानी-संग्रह) आदि को बी.ए. और एम.ए. के सिलेबस में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं।

  1. मानस का हंस (Manas Ka Hans)
  2. लखनऊ के नवाब (Lucknow Ke Nawab)
  3. चकल्लस (Chakallas)
  4. भूख (Bhookh)
  5. सुहाग के नूपुर (Suhag Ke Noopur)
  6. हम फ़िदा ए लखनऊ (Hum Fida-E-Lucknow)
  7. नाच्यो बहुत गोपाल ( Nachyo Bahut Gopal (Hindi) )
  8. खंजन नयन (Khanjan Nayan)
  9. आँखों देखा गदर (Ankhon Dekha Gadar)
  10. मेरी प्रिय कहानियाँ (Meri Priya Kahaniyaan)
  11. बूँद और समुद्र (Boond Aur Samudra)
  12. नवाबी मसनद ( Navabi Masnad (Hindi Edition) )
  13. गदर के फूल (Gadar Ke Phool)
  14. सात घूंघट वाला मुखड़ा ( Saat Ghunghat Waala Mukhda (Hindi Edition)

अमृतलाल नागर की कविताएं : 

  • एटम बम
  • दो आस्थाएँ

अमृतलाल नागर की पहली कहानी कब प्रकाशित हुई

1935 में पिता के निधन के बाद अमृतलाल नागर पर पूरे परिवार की ज़िम्मेदारी थी। जिंदगी की इस जद्दोजहद के बीच 1932 में नागर जी का लेखन का सफ़र  शुरू हुआ। अपने पहले लेखन में उन्होंने भी मेघराज इंद्र के नाम से कविताएँ लिखीं, उसी के साथ तस्लीम लखनवी नाम से हास्य-व्यंग्य लिखा। उनका पहली कहानी संग्रह 1935 में ‘वाटिका’ और पहला व्यंग्य संग्रह 1939 ‘नवाबी मसनद’ में प्रकाशित हुए था।

यह भी पढ़ें – अमृतलाल नागर का जीवन परिचय

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3चकल्लस (Chakallas)यहाँ से खरीदें 
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FAQs 

अमृतलाल नागर का जन्म कहाँ हुआ था?

अमृतलाल नागर का जन्म 17 अगस्त, 1916 को उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के गोकुलपुरा गाँव में हुआ था। 

अमृतलाल नागर के माता-पिता का क्या नाम था?

अमृतलाल नागर की माता का नाम विद्यावती नागर व पिता का नाम ‘राजाराम नागर’ था। 

अमृतलाल नागर का प्रथम प्रकाशित उपन्यास कौन सा है?

अमृतलाल नागर का प्रथम प्रकाशित उपन्यास का नाम महाकाल है, जिसका प्रकाशन वर्ष 1947 में हुआ था। 

अमृतलाल नागर को साहित्य अकादमी पुरस्कार कब मिला?

बता दें कि अमृतलाल नागर को उनके कालजयी उपन्यास ‘अमृत और विष’ के लिए ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था। 

अमृतलाल नागर का निधन कब हुआ था?

अमृतलाल नागर का 23 फरवरी 1990 को निधन हो गया था। 

अमृतलाल नागर को साहित्य अकादमी पुरस्कार कब मिला?

1967 के साहित्य अकादेमी पुरस्कार और 1970 के सोवियत लैण्ड नेहरू पुरस्कार से सम्मानित हुए।

अमृतलाल नागर का कौन सा उपन्यास सूरदास पर आधारित है?

 उपन्यास खंजन नयन है।

शतरंज के मोहरे किसका उपन्यास है?

अमृतलाल नागर का उपन्यास है।

बिखरे तिनके किसकी रचना है?

उपन्यासकार अमृतलाल नागर ने की।

आशा है कि आपको इस ब्लॉग में अमृतलाल नागर की प्रमुख रचनाओं (Amritlal Nagar Ki Pramukh Rachnaye) से  संबंधित सभी आवश्यक जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही ट्रेंडिंग इवेंट्स और जनरल नॉलेज से संबंधित अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें। 

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