स्थगन प्रस्ताव क्या है और जानिए इसका महत्व व इतिहास

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स्थगन प्रस्ताव

संसद सत्र चलने के दौरान विपक्षी दल गवर्मेंट को घेरने के लिए संसद में स्थगन प्रस्ताव लाते हैं और इसमें सरकार के खिलाफ निंदा का कांसेप्ट भी शामिल होता है। कई बार परीक्षाओं और इंटरव्यू में स्थगन प्रस्ताव से जुड़े क्वैश्चंस पूछे जाते हैं कि स्थगन प्रस्ताव क्या है या फिर इसका महत्व और उद्देश्य क्या हैं आदि। अपनी तैयारी में स्थगन प्रस्ताव (adjournment motion in hindi) को जोड़ने के लिए इस ब्लाॅग में विस्तृत जानकारी दी गई है।

स्थगन प्रस्ताव क्या है?

स्थगन प्रस्ताव सार्वजनिक महत्व के किसी मामले पर चर्चा के उद्देश्य से सदन के कामकाज को स्थगित करने की प्रक्रिया है। स्थगन प्रस्ताव को अध्यक्ष की सहमति से पेश किया जा सकता है। स्थगन प्रस्ताव का प्राथमिक उद्देश्य लोकसभा का ध्यान सार्वजनिक महत्व के हाल ही मे हुए मामले की ओर आकर्षित करना है।

स्थगन प्रस्ताव का उद्देश्य क्या है?

स्थगन प्रस्ताव लोकसभा में लाया जाता है। इस प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए 50 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होती है। adjournment motion in hindi के उद्देश्य इस प्रकार दिए जा रहे हैंः

  • स्थगन प्रस्ताव का मुख्य लक्ष्य एक महत्वपूर्ण विषय को सामने लाना है जिसका जनता पर महत्वपूर्ण प्रभाव हो और जो सार्वजनिक चिंता का विषय हो।
  • प्रस्तावित मुद्दा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सेंट्रल गवर्मेंट की चूक से जुड़ा होना चाहिए।
  •  इसका उपयोग राज्यसभा में नहीं किया जा सकता क्योंकि इसे सरकार की फटकार के रूप में देखा जाता है। 
  • एक बार जब प्रस्ताव को लोकसभा द्वारा मंजूरी दे दी जाती है, तो इसका वर्तमान में निर्धारित बैठकों पर प्रभाव पड़ सकता है और यह एक लंबी चर्चा का विषय बन सकता है। 
  • स्थगन प्रस्ताव के बाद बैठकें 2 घंटे और 30 मिनट से अधिक नहीं चल सकतीं।
  • स्थगन प्रस्ताव में भारतीय संविधान के तहत सरकार की विफलता का उल्लेख होना चाहिए। सभापति के पास आधार बताए बिना स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार करने का विकल्प है।

स्थगन प्रस्ताव का इतिहास क्या है?

अगर स्थगन प्रस्ताव को मंजूरी दी जाती है तो सभी मामलों को रोककर इस पर चर्चा की जाती है। स्थगन प्रस्ताव की उत्पत्ति (produce) यूनाइटेड किंगडम में हाउस ऑफ कॉमन्स में हुई, और भारत में इसकी यात्रा 1919 के भारत सरकार अधिनियम के तहत स्थापित पूर्व-स्वतंत्र द्विसदनीय विधायिका के नियमों के तहत शुरू हुई। 1952 में लोकसभा और राज्यसभा ने प्रक्रिया नियम प्रकाशित किए थे और इन नियमों में यह बताया गया था कि दोनों सदन (हाउस) कैसे कार्य करेंगे।

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स्थगन प्रस्ताव कब लाया जाता है?

Adjournment motion in hindi जानने के साथ ही यह समझना जरूरी है कि स्थगन प्रस्ताव कब लाया जाता हैः

  • हाल ही में जनता के महत्त्व की ऐसी घटना हुई हो जिसके बारे में सदन का ध्यान आकर्षित करवाना हो।
  • स्थगन प्रस्ताव के अंतर्गत ऐसे मामलो पर चर्चा नहीं की जा सकती जो सदन में पहले से चल रहा हो।
  • जब किसी महत्वपूर्ण विषय पर स्थगन प्रस्ताव होगा तभी सदन में अनुमति मिलती है।
  • स्थगन प्रस्ताव को परमीशन देते समय यह ध्यान दिया जाता है कि जो मामला उठाया जा रहा है वह इतना गंभीर हो कि उसका असर पूरे देश पर पड़ रहा है।
  • अगर स्थगन प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो सभी मामले रोककर इस पर चर्चा की जाती है।

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कब स्थगन प्रस्ताव नहीं लाया जाता है?

स्टेट गवर्मेंट के अधिकार में आने वाले मामलों पर स्थगन प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं मिलती है। इसके अलावा स्थगन प्रस्ताव को राष्ट्रपति के अभिभाषण (president’s address) के दिन नहीं लाया जा सकता है और उसी दिन दी गई जानकारी को आगामी बैठक के लिए सूचना माना जाता है। कई बार स्थगन प्रस्ताव लंबी चर्चा के लिए होता है।

अब तक कितनी बार स्थगन प्रस्ताव लाया जा चुका है?

स्थगन प्रस्ताव लाने की कोई स्पष्ट संख्या उल्लेखित नहीं है। भारत में पिछले स्थगन प्रस्ताव का नोटिस कृषि कानूनों को लेकर दिया गया था। 

स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा का समय क्या है?

स्थगन प्रस्ताव में चर्चा के लिए एक से अधिक विषयों को शामिल नहीं करना चाहिए। स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के लिए समय निर्धारित किया गया है, जोकि इस प्रकार हैः

  • स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए कम से कम 2.5 घंटे का समय निर्धारित है।
  • स्थगन प्रस्ताव को एक ऐसे मुद्दे तक सीमित रखा जाना चाहिए जो हाल ही में घटित हुआ हो।
  • इसमें विशेषाधिकार का मामला शामिल नहीं होना चाहिए।

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स्थगन प्रस्ताव की प्रक्रिया क्या है?

स्थगन प्रस्ताव में संसद की कार्यवाही स्थगित करने की शक्ति होती है और स्थगन प्रस्ताव को लाने की प्रक्रिया है, जोकि इस प्रकार बताई गई हैः

  • स्थगन प्रस्ताव को लोकसभा में लाया जाता है।
  • एक सदस्य केवल एक नोटिस प्रस्तुत कर सकता है और नोटिस की सभी काॅपी संसदीय सूचना कार्यालय को पहुंचाई जानी चाहिए।
  • यदि किसी नोटिस पर एक से अधिक साइन हैं तो माना जाता है कि पहले हस्ताक्षरकर्ता ने इसे दिया है। 
  • केवल लिखित सूचनाएं ही स्वीकार की जाती हैं।
  • स्थगन प्रस्ताव के लिए 50 सदस्यों को समस्याग्रस्त विषय का समर्थन करना चाहिए। 
  • ऐसी बैठक को मंजूरी देने या अस्वीकार करने का निर्णय लेने से पहले, लोकसभा अध्यक्ष नोटिस पढ़ या सुन सकते हैं और विषय पर एक संक्षिप्त टिप्पणी का अनुरोध कर सकते हैं। 
  • यह अपनी तरह का पहला प्रस्ताव है जो लोकसभा सदस्यों को उन मामलों को प्राथमिकता देने का अधिकार देता है जिनमें तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता होती है। 
  • किसी मुद्दे को बहस के लिए ले जाना संसद के कामकाज के आदेश का उल्लंघन है और सदस्यों को समस्या से निपटने के केंद्र सरकार के तरीके की आलोचना करने का संवैधानिक अधिकार देता है।

स्थगन प्रस्ताव की सीमाएं क्या हैं?

स्थगन प्रस्ताव को लाने से पहले कुछ सीमाएं होती हैं, जिनका ध्यान रखना चाहिए। कई बार गलतियों की वजह से स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार किया जाता है, इसलिए स्थगन प्रस्ताव के लिए सीमाएं इस प्रकार हैंः

  • स्थगन प्रस्ताव में उठाया गया मुद्दा बहुंत जरूरी, तथ्यात्मक, स्पष्ट और सामान्य रुचि का होना चाहिए।
  • बैठक में किसी और चीज पर चर्चा नहीं होनी चाहिए।
  • चर्चा का विषय हाल ही का होना चाहिए।
  • ऐसा कोई विषय जिस पर पहले सत्रों में चर्चा हो चुकी है, उसे शामिल नहीं किया जा सकता है।
  • इसमें किसी भी विशेषाधिकार प्राप्त मुद्दों को लाने की परमीशन नहीं है।
  • अदालत द्वारा निर्णय के लिए पहले से मौजूद किसी भी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए स्थगन प्रस्ताव का उपयोग नहीं किया जा सकता है। 

FAQs

भारतीय संसद में स्थगन प्रस्ताव लाने का क्या उद्देश्य है?

सार्वजनिक महत्त्व के एक निश्चित मामले पर सदन का ध्यान आकर्षित करने के लिए स्थगन प्रस्ताव लाया जाता है।

स्थगन प्रस्ताव लाने के लिए कितना समर्थन चाहिए?

स्थगन प्रस्ताव लाने के लिए 50 सदस्य का समर्थन चाहिए।

स्थगन प्रस्ताव किस दिन नहीं लाया जा सकता है? 

स्थगन प्रस्ताव (adjournment motion in hindi) राष्ट्रपति के अभिभाषण के दिन नहीं लाया जा सकता है।

उम्मीद है कि इस ब्लाॅग में आपको स्थगन प्रस्ताव के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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