शैक्षिक प्रौद्योगिकी का महत्व क्या होता है?

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shaikshik prodyogiki ka mahatva

लर्न प्लेटफार्म के अनुसार 2020 से शैक्षिक प्रौद्योगिकी का स्कूलों में इस्तेमाल 99% बढ़ चुका है? अगले तीन सालों में यानि 2026 तक 70% से ज़्यादा कॉलेज एक या उससे ज़्यादा ऑनलाइन अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम लांच कर सकते हैं। शैक्षिक प्रौद्योगिकी का महत्व हमारे जीवन में अवश्य रूप से बढ़ा है और समय के साथ यह महत्व और बढ़ता जायेगा। आज के समय में टेक्नोलॉजी हर पल एडवांस हो रही है। शिक्षा के प्रसार और उसकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शैक्षिक प्रौद्योगिकी आज के समय की मांग बन चुकी है। आईये इस ब्लॉग के माध्यम से जाने शैक्षिक प्रौद्योगिकी, शैक्षिक प्रौद्योगिकी का महत्व आदि के बारे में विस्तार से। 

शैक्षिक प्रौद्योगिकी का अर्थ 

शिक्षा और तकनीक के समावेश को ही शैक्षिक प्रौद्योगिकी कहते हैं। शैक्षिक प्रौद्योगिकी, जिसे एडुटेक या एडटेक के रूप में भी जाना जाता है, तकनीक के माध्यम से पढ़ने और पढ़ाने का तरीका है। इसके माध्यम से तकनीक और उसकी समझ भी प्राप्त होती है। सीखने की प्रोसेस को बेहतर और किफायती तरीके से बेस्ट रिजल्ट्स देने में मदद करना शैक्षिक प्रौद्योगिकी का उद्देश्य है। 

शैक्षिक प्रौद्योगिकी की परिभाषा 

NCET- नेशनल कॉउन्सिल फॉर टीचर एजुकेशन द्वारा दी गई शैक्षिक प्रौद्योगिकी की परिभाषा के अनुसार- ‘‘मानव अधिगम की प्रक्रिया का विकास विनियोग प्रणाली के मूल्यांकन, प्रविधियों एवं सहायक सामग्रियों के माध्यम से विकसित करना ही शैक्षिक तकनीकी- शैक्षिक प्रौद्योगिकी है।’’

सरल शब्दों में हम यह कह सकते हैं कि शैक्षिक प्रौद्योगिकी सबसे पहले यह स्पष्ट करती है कि शिक्षा, प्रशिक्षा का उद्देश्य क्या है? इसके बाद शैक्षिक प्रौद्योगिकी विद्यार्थियों को सीखने के लिए प्रेरित करती है। शिक्षक प्रौद्योगिकी शिक्षा के वातावरण में भी सुधार लाती है। 

शैक्षिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्र 

शैक्षिक प्रौद्योगिकी का क्षेत्र बहुत विस्तृत है। शिक्षा के क्षेत्र में शैक्षिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्र कुछ इस प्रकार हैं:

  1. एजुकेशनल गोल्स सेट करना
  2. टिप्स को चुनना 
  3. टीचर ट्रेनिंग और एजुकेशन तकनीकी 
  4. एजुकेशन प्रोसेस को एनालाइज़ करना
  5. ऑडियो- विज़ुअल मटेरियल का चयन, उपयोग और प्रोडक्शन
  6. फीडबैक में सहायता
  7. प्रोसेस और एप्रोच में सहायता 
  8. सामान्य व्यवस्था, टेस्टिंग और इंस्ट्रक्शन में इस्तेमाल 

शैक्षिक प्रौद्योगिकी के उद्देश्य 

शैक्षिक प्रौद्योगिकी के उद्देश्य कुछ इस प्रकार हैं:

  1. शिक्षा के उद्देश्यों का निर्धारण करना। 
  2. समुदाय की एजुकेशनल आवश्यकताओं और इच्छाओं की पहचान करना। 
  3. आर्ट्स, साइंस और ह्यूमन वैल्यूज़ से जुड़े करिकुलम को डिजाइन और डेवलप करना। 
  4. एजुकेशनल गोल्स को सपोर्ट करने वाले डिवाइस तैयार करना। 
  5. प्लानिंग से लेकर एक्सेक्यूशन, इम्प्लीमेंटेशन और इवैलुएशन तक की पूरी शिक्षा प्रोसेस को मैनेज करना।
  6. व्यावहारिक रूप में इन उद्देश्यों को डिफाइन करना और लिखना।
  7. एनालिसिस। 
  8. सीखने- सिखाने की प्रोसेस को मोडर्नाइज़ करना। 
  9. शिक्षण और सीखने की मौजूदा प्रोसेस को बेहतर बनाने के लिए शैक्षिक प्रौद्योगिकी मॉडल तैयार करना। 
  10. दुनिया भर के लोगों, विशेष रूप से कम्युनिटी के उपेक्षित वर्गों के लिए शैक्षिक अवसरों का विस्तार और समर्थन करना।
  11. पाठ्य-वस्तु का एनालिसिस कर एलिमेंट्स और कंपोनेंट्स को एक आर्डर में सेट करना। 
  12. टीचिंग- लर्निंग प्रोसेस में सुधार लाना। 
  13. शिक्षकों में ट्रेन कर उनकी योग्यता एवं क्षमताओं में वृद्धि करना। 
  14. स्टूडेंट्स के गुणों, क्षमताओं, उपलब्धियों और कौशलों का एनालिसिस करना। 

शैक्षिक प्रौद्योगिकी का महत्व 

शिक्षा में शैक्षिक प्रौद्योगिकी का महत्व बहुत है। जनसंख्या एवं ज्ञान के विस्फोट ने शिक्षा के क्षेत्र में शैक्षिक प्रौद्योगिकी को अनिवार्य सा बना दिया है। विश्व के सभी देश आज शैक्षिक प्रौद्योगिकी को अपनी शिक्षा व्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान दे रहे हैं। भारत भी इसमें पीछे नहीं। शैक्षिक प्रौद्योगिकी का महत्व इसलिए है क्योंकि यह आज के शिक्षकों को उनकी कक्षा में नई तकनीकों और उपकरणों को शामिल करने में मदद करती है। शिक्षक अपनी कक्षा की टीचिंग प्रोसेस को उन्नत और बेहतर बना रहे हैं। शैक्षिक प्रौद्योगिकी का महत्व इसलिए है क्योंकि यह शिक्षकों को अपने स्टूडेंट्स को अनूठे, नए तरीकों से जोड़ती है। शिक्षक अपने नेटवर्क का विस्तार करने और राष्ट्रीय और विश्व स्तर पर अन्य शिक्षकों और शिक्षकों से जुड़ने में भी सक्षम हैं। इसलिए, शैक्षिक प्रौद्योगिकी का महत्व हमारे आपके जीवन में बढ़ता जा रहा है। 

शैक्षिक प्रौद्योगिकी की विषेशताएँ 

शैक्षिक प्रौद्योगिकी का महत्व जान लेने के बाद आईये जान लेते हैं शैक्षिक प्रौद्योगिकी की कुछ विशेषताएँ –

  1. शैक्षिक तकनीकों का उद्देश्य टीचिंग- लर्निंग प्रोसेस का विकास करना है।
  2. यह निरन्तर एक्सपेरिमेंटल और विकासशील है।
  3. शैक्षिक तकनीकी टीचिंग की अलग- अलग मेथड और तकनीक के विकास पर शिक्षा को स्टूडेंट्स केन्द्रित बनाने में योगदान देती है।
  4. शैक्षिक प्रौद्योगिकी शिक्षा शास्त्र एवं एजुकेशनल साईकोलॉजी का ही एक अंग है।
  5. शैक्षिक प्रौद्योगिकी एजुकेशन साइंस और एजुकेशन आर्ट की देन है।
  6. शैक्षिक प्रौद्योगिकी का संबंध इनपुट, ऑउटपुट की प्रोसेस से है। 
  7. इसमें शिक्षा, शिक्षण और प्रशिक्षण में वैज्ञानिक ज्ञान का इस्तेमाल किया जाता है।
  8. इसमें शिक्षा पर विज्ञान और तकनीकी के प्रभाव का अध्ययन होता है।
  9. इसमें व्यावहारिक पक्ष को बल दिया जाता है।

शैक्षिक प्रौद्योगिकी का उपयोग 

शैक्षिक प्रौद्योगिकी के कुछ उपयोग नीचे बताये जा रहे हैं। इन सभी क्षेत्रों में शैक्षिक प्रौद्योगिकी का महत्व अनिवार्य रूप से देखने को मिलता है –

  1. लर्निंग के क्षेत्र में उपयोगी।
  2. शिक्षक के लिए उपयोगी।
  3. स्टूडेंट्स के लिए उपयोगी। 
  4. शिक्षा प्रशासन के लिए उपयोगी।
  5. समाज के लिए उपयोगी।
  6. एक राष्ट्र के विकास में उपयोगी। 

शैक्षिक प्रौद्योगिकी पर प्रभाव डालने वाले कारक/ फैक्टर्स 

शैक्षिक प्रौद्योगिकी पर प्रभाव डालने वाले कुछ फैक्टर्स हैं –

राजनैतिक 

शैक्षिक प्रौद्योगिकी पर प्रभाव डालने वाले राजनैतिक कारकों से मतलब है एक राष्ट्र की राजनीतिक परिस्तिथियाँ, नीतियाँ, वैज्ञानिक अन्वेषण और राजनैतिक अन्वेषण जिनसे शिक्षा व्यवस्था पर प्रभाव पड़ता है। अगर रूलिंग पार्टी शैक्षिक प्रौद्योगिकी का समर्थन करती है तो उस देश की शिक्षा आधुनिकता की और अवश्य कदम बढ़ाएगी। 

मनोवैज्ञानिक 

शैक्षिक प्रौद्योगिकी पर प्रभाव डालने वाले मनोवैज्ञानिक कारकों से मतलब है शिक्षकों, विद्यार्थियों और विद्यालय प्रशासन की रूचि, इच्छा- शक्ति, स्तर, ध्यान और प्रवित्तियाँ। 

शैक्षिक 

शैक्षिक प्रौद्योगिकी पर एक शिक्षक और उसका प्रशिक्षण प्रभाव डालते हैं। यह शैक्षिक प्रौद्योगिकी पर प्रभाव डालने वाले शैक्षिक कारण हैं। शिक्षकों का नई तकनीक से प्रशिक्षण करने से शैक्षिक प्रौद्योगिकी नए मुकाम पर पहुंचाई जा सकती है। 

आर्थिक 

किसी भी तकनीक को बनाने और प्रसारित करने के लिए फंड्स की आवश्यकता होती है। इसलिए शैक्षिक प्रौद्योगिकी पर आर्थिक कारकों का प्रभाव रहता है। 

सामाजिक और सांस्कृतिक 

एक देश का समाज और संस्कृति उसकी पहचान होता है। वह देश को नई तकनीक जो नई रिसर्च, टेक्नोलॉजी का समर्थन और प्रोत्साहन करता है, वहां हर क्षेत्र में आधुनिकता और प्रगति देखने को मिलती है। शैक्षिक प्रौद्योगिकी भी इन क्षेत्रों में शामिल है। 

शैक्षिक प्रौद्योगिकी करियर स्कोप 

शैक्षिक प्रौद्योगिकी में डिग्री के बाद आप यह सभी जॉब्स कर सकते हैं –

  • क्लासरूम टीचर 
  • कंप्यूटर इंस्ट्रक्टर 
  • मीडिया स्पेशलिस्ट 
  • कोर्स डिज़ाइनर 
  • फैकल्टी सपोर्ट एंड डेवलपमेंट 
  • कॉर्पोरेट ट्रेनर 
  • कंसलटेंट
  • एजुकेशनल टेक्नोलॉजिस्ट 
  • टेक्नोलॉजी टीचर

FAQs

शैक्षिक प्रौद्योगिकी का महत्व क्या है?

शैक्षिक प्रौद्योगिकी का महत्व इसलिए है क्योंकि यह शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना और सीखने की प्रक्रिया को बढ़ाती है। 

प्रौद्योगिकी के उद्देश्य क्या हैं?

प्रौद्योगिकी ने निश्चित रूप से हमारे जीवन को आसान बना दिया है क्योंकि इसने हमारे दैनिक गतिविधियों को करने के तरीकों में सुधार किया है। सीखने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए प्रचुर मात्रा में जानकारी तक आसान पहुंच से, प्रौद्योगिकी का अनिवार्य उद्देश्य विभिन्न गतिविधियों को करने के लिए बेहतर और कुशल तरीकों का विकास करना है।

शैक्षिक प्रौद्योगिकी के विभिन्न प्रकार क्या हैं?

शैक्षिक प्रौद्योगिकी लिखित और दृश्य-श्रव्य रूपों में विभिन्न प्रकार के मास मीडिया का उपयोग करती है और इसमें विभिन्न तकनीकी अनुप्रयोग जैसे ऑडियो या वीडियो प्लेटफॉर्म, कंप्यूटर-आधारित शिक्षा, वेब-आधारित शिक्षा, आदि शामिल हैं।

आशा करते हैं कि आपको शैक्षिक प्रौद्योगिकी का महत्व क्या होता है? का हमारा ब्लॉग अच्छा लगा होगा। अन्य तरह के महत्वपूर्ण ब्लॉग्स पढ़ने के लिए बने रहिए Leverage Edu के साथ।

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