संधि विच्छेद ट्रिक : जानिए संधि विच्छेद करने का आसान तरीका

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संधि विच्छेद ट्रिक

दो वर्णों के परस्पर मेल से जो परिवर्तन होता है, उसे संधि कहा जाता है और इस मिलावट को समझकर वर्णों को अलग करते हुए पदों को अलग-अलग कर देना संधि विच्छेद कहलाता है। या इसे इस तरह भी समझा जा सकता है कि दो शब्दों के मेल से बने शब्द को पुनः अलग अलग करने को संधि विच्छेद कहते हैं।

उदाहरण:

हिमालय = हिम+आलय
सदानंद = सत्+आनंद

इस लेख के माध्यम से हम आपको संधि विछेद करने का आसान तरीका बताएंगे, जो संधि विच्छेद करने के लिए मददगार साबित होंगे।

नियम 1: जब अ,आ के साथ अ,आ हो तो “आ” बनता है

उदाहरण:

स्व + अर्थी = स्वार्थी

देव + आगमन = देवागमन

विद्या + आलय = विद्यालय

नियम 2 : जब इ,ई के साथ इ,ई हो तो “ई” बनता है

उदाहरण:

कवि + इंद्र = कवीन्द्र

परि + ईक्षा = परीक्षा

योगी + इंद्र = योगीन्द्र

योगी + ईश्वर = योगीश्वर

नियम 3 : जब उ,ऊ के साथ उ,ऊ हो तो “ऊ”बनता है।

उदाहरण:

भानु + उदय = भानूदय

सिंधु + ऊर्मि = सिंधूर्मि

भू + उत्सर्ग = भूत्सर्ग

नियम 4 : ऋ के साथ ऋ/ ऋ हो तो “ऋ” बनता है

उदाहरण:

पितृ     +  ऋणम्   =  पितॄणम्

मातृ     +  ऋकार: =  मातॄकार:

नियम 5 : जब अ,आ के साथ इ, ई हो तो “ए” बनता है

उदाहरण:

हेमा + इन्द्र = हेमेन्द्र

नर + ईश = नरेश

नियम 6 : जब अ,आ के साथ उ,ऊ हो तो “ओ” बनता है

उदाहरण:

ज्ञान+ उपदेश = ज्ञानोपदेश

जल + ऊर्मि = जलोर्मि

नियम 7 : जब अ,आ के साथ ऋ हो तो” अर” बनता है

उदाहरण:

देव+ऋषि = देवर्षि

महा + ऋषि = महर्षि

नियम 8 : जब अ,आ के साथ ए,ऐ हो तो “ऐ” बनता है।

उदाहरण:

मत + एकता = मतैकता

सदा + एव = सदैव

नियम 9 : जब अ,आ के साथ ओ,औ हो तो ” औ” बनता है।

उदाहरण:

महा + ओजस्वी = महौजस्वी

परम + औषध = परमौषध

नियम 10 : जब इ,ई के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ” य” बन जाता है

उदाहरण:

इती+ आदि = इत्यादि

अधि + अयन = अध्ययन

नियम 11 : जब उ,ऊ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो” व” बन जाता है

उदाहरण:

सु+ आगत = स्वागत

अनु + एषण = अन्वेषण

नियम 12 : जब ऋ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो” र ” बन जाता है

उदाहरण:

पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा

नियम 13 : जब ए,ऐ,ओ,औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ” ए- अय “, ” ऐ- आय”, “ओ- अव ” , “औ- आव” में हो जाता है

उदाहरण:

ने+अन = नयन

नौ+ इक = नाविक

भो+अन = भवन

नियम 14 : जब किसी वर्ग के पहले वर्ण क,च,ट,तो,पर का मिलन किसी वर्ग के तीसरे या चौथे से य ,र, ल ,व ,ह से हो या किसी स्वर के साथ हो जाए तो क को ग, च को ज, ट को ड , त को द , प को ब में बदल दिया जाता है।

उदाहरण:

दिक + अंबर = दिगंबर

तत+ उपरांत = तदुपरांत

नियम 15 : विसर्ग के साथ च या छ के मिलन से विसर्ग के जगह पर ‘श्’ बन जाता है। विसर्ग के पहले अगर ‘अ’ और बाद में भी ‘अ’ अथवा वर्गों के तीसरे, चौथे , पाँचवें वर्ण, अथवा य, र, ल, व हो तो विसर्ग का ओ हो जाता है।

उदाहरण:

मनः + अनुकूल = मनोनुकूल
अधः + गति = अधोगति

नियम 16 : विसर्ग से पहले कोई स्वर हो और बाद में च, छ या श हो तो विसर्ग का श हो जाता है। विसर्ग के साथ ट, ठ या ष के मेल पर विसर्ग के स्थान पर ‘ष्’ बन जाता है।

उदाहरण:

धनुः + टंकार = धनुष्टंकार
चतुः + टीका = चतुष्टीका

नियम 17 : विसर्ग से पहले अ, आ हो और बाद में कोई भिन्न स्वर हो तो विसर्ग का लोप हो जाता है। विसर्ग के साथ त या थ के मेल पर विसर्ग के स्थान पर ‘स्’ बन जायेगा।

उदाहरण:

अन्त: + तल = अन्तस्तल
नि: + ताप = निस्ताप

नियम 18 : विसर्ग के पहले वाले वर्ण में ‘अ’ का स्वर हो तथा विसर्ग के साथ अ, ग, घ, ड॰, झ, ज, ड, ढ़, ण, द, ध, न, ब, भ, म, य, र, ल, व, ह में से किसी भी वर्ण के मेल पर विसर्ग के स्थान पर ‘ओ’ बन जायेगा।

उदाहरण:

सर: + ज = सरोज
अध: + भाग = अधोभाग

आशा करते हैं कि इस ब्लॉग से आपको संधि विच्छेद ट्रिक के बारे में जानकारी प्राप्त हुई होगी। संधि से जुड़े हुए अन्य महत्वपूर्ण और रोचक ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहिए।

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