Sam Sankhya Kise Kahate Hain: प्रिय विद्यार्थियों गणित एक महत्वपूर्ण विषय है क्योंकि यह न केवल हमारे दैनिक जीवन में उपयोगी होता है, बल्कि यह हमें तर्कशक्ति, समस्या समाधान और सोचने के तरीके को भी विकसित करने में मदद करता है। गणित का उपयोग खरीददारी, बजट बनाना, समय प्रबंधन, विज्ञान व तकनीक के अतिरिक्त विभिन्न क्षेत्रों में होता है। बताना चाहेंगे स्कूली परीक्षाओं के अलावा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में गणित विषय से संबंधित प्रश्न अकसर पूछे जाते हैं। इसलिए इस लेख में विद्यार्थियों को सम संख्या किसे कहते हैं? (Sam Sankhya Kise Kahate Hain) उदाहरण सहित बताया गया है।
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सम संख्या किसे कहते हैं? – Sam Sankhya Kise Kahate Hain
सम संख्या (Even Number) वह संख्याएँ होती हैं जो 2 से पूरी तरह विभाज्य होती हैं, यानी उन्हें 2 से भाग देने पर कोई शेषफल (Remainder) नहीं बचता। इसका मतलब है कि जब आप एक सम संख्या को 2 से भाग देते हैं, तो शेषफल हमेशा 0 होता है। उदाहरण के लिए 2, 4, 6, 8, 10, 12, 14, 16 आदि सभी सम संख्याएँ हैं क्योंकि ये 2 से पूरी तरह विभाजित हो जाती हैं। बताना चाहेंगे सम संख्याएँ गणित और दैनिक जीवन में कई तरह से महत्वपूर्ण हैं। वे विभिन्न गणनाओं, पैटर्न की पहचान और समस्याओं को हल करने में उपयोगी होती हैं।
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सम संख्या के उदाहरण
सम संख्या के उदाहरण इस प्रकार हैं:-
- 2: 2÷2 = 1 → शेषफल 0 → सम संख्या
- 4: 4÷2 = 2 → शेषफल 0 → सम संख्या
- 6: 6÷2 = 3 → शेषफल 0 → सम संख्या
- 10: 10÷2 = 5 → शेषफल 0 → सम संख्या
- 18: 18÷2 = 9 → शेषफल 0 → सम संख्या
ध्यान दें कि इन सभी उदाहरणों में संख्याएँ 2 से पूरी तरह विभाजित हो रही हैं, इसलिए ये सम संख्याएँ हैं।
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सम संख्याओं की विशेषताएँ
सम संख्याओं की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएँ इस प्रकार हैं:-
- अंतिम अंक: दशमलव प्रणाली में, सभी सम संख्याओं का अंतिम अंक (इकाई का अंक) हमेशा 0, 2, 4, 6, या 8 होता है। यह एक त्वरित और सरल तरीका है यह पहचानने का कि कोई संख्या सम है या नहीं।
- 2 का गुणज: सम संख्याएँ हमेशा 2 की गुणज होती हैं। इसका मतलब है कि उन्हें 2 से गुणा करके प्राप्त किया जा सकता है।
- जोड़ों में बनाना: आप सम संख्याओं की मात्रा को हमेशा समान आकारों के दो समूहों में विभाजित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, 6 वस्तुओं को 3-3 के दो समूहों में बाँटा जा सकता है।
- जोड़ और घटाव:
- दो सम संख्याओं का योग हमेशा एक सम संख्या होती है (जैसे, (4 + 6 = 10)।
- दो सम संख्याओं का अंतर हमेशा एक सम संख्या होती है (जैसे, (8 – 2 = 6)।
- एक सम संख्या और एक विषम संख्या का योग हमेशा एक विषम संख्या होती है (जैसे, (4 + 3 = 7)।
- एक सम संख्या और एक विषम संख्या का अंतर हमेशा एक विषम संख्या होती है (जैसे, (6 – 3 = 3)।
- गुणा:
- किसी भी पूर्णांक को एक सम संख्या से गुणा करने पर परिणाम हमेशा एक सम संख्या होती है (जैसे, (5 \times 2 = 10), (-3 \times 4 = -12)।
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सम संख्या की सूची (1से 200 तक)
1 से 200 तक सम संख्याओं की सूची नीचे दी गई हैं:-
2 | 4 | 6 | 8 | 10 |
12 | 14 | 16 | 18 | 20 |
22 | 24 | 26 | 28 | 30 |
32 | 34 | 36 | 38 | 40 |
42 | 44 | 46 | 48 | 50 |
52 | 54 | 56 | 58 | 60 |
72 | 74 | 76 | 78 | 80 |
82 | 84 | 86 | 88 | 90 |
92 | 94 | 96 | 98 | 100 |
102 | 104 | 106 | 108 | 110 |
112 | 114 | 116 | 118 | 120 |
122 | 124 | 126 | 128 | 130 |
132 | 134 | 136 | 138 | 140 |
142 | 144 | 146 | 148 | 150 |
152 | 154 | 156 | 158 | 160 |
162 | 164 | 166 | 168 | 170 |
172 | 174 | 176 | 178 | 180 |
182 | 184 | 186 | 188 | 190 |
192 | 194 | 196 | 198 | 200 |
FAQs
वे संख्याएँ जो 2 से पूरी तरह से विभाजित हो जाती हैं, उन्हें सम संख्याएँ कहते हैं।
1 से 30 के बीच सम संख्याएँ 2, 4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28 और 30 हैं।
1 से 50 तक 25 सम संख्याएँ होती हैं।
2 सबसे छोटी सम संख्या (Even Number) होती है।
गणित में सम (Even) ऐसी संख्याओं को कहा जाता है जो 2 द्वारा पूर्णतः विभाज्य हों, जैसे कि 0 2 4 6 8 10 इत्यादि।
नहीं, 125 एक सम संख्या (Even Number) नहीं है। यह एक विषम संख्या (Odd number) है।
सम संख्याओं का सामान्य सूत्र: 2n, जहाँ n कोई भी पूर्णांक (Integer) हो सकता है।
बताना चाहेंगे 100 तीन अंकों की सबसे छोटी सम संख्या है।
आशा है कि आपको इस लेख में सम संख्या किसे कहते हैं? (Sam Sankhya Kise Kahate Hain) की संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। ऐसी ही सामान्य ज्ञान और प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित अधिक जानकारी के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।