पाइथागोरस प्रमेय (The Pythagoras Theorem) ग्रीक गणितज्ञ (Greek Mathematician) Pythagoras द्वारा दी गई है। Pythagoras से पहले, इस प्रमेय को भारतीय गणितज्ञ Baudhāyana द्वारा खोजा गया था, इसलिए इस Theorem को बौधायन प्रमेय के रूप में भी जाना जाता है। इस प्रमेय के अनुसार, समकोण त्रिभुज में, कर्ण भुजा का वर्ग, आधार भुजा और लम्ब भुजा के वर्ग के योग के बराबर होता है। Pythagoras Theorem Pythagoras Theorem in Hindi का उपयोग समकोण त्रिभुज की किसी भी भुजा को ज्ञात करने के लिए किया जाता है जब शेष दो भुजायें दी गई हो। चलिए जानते हैं Pythagoras Theorem in Hindi के बारे में।
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Pythagoras का परिचय
Pythagoras का जन्म पूर्वी एजियन के एक यूनानी द्वीप सामोस (Samos) में 570 ईसा पूर्व में हुआ था। ऐसा माना जाता है कि उनकी माँ पयिथिअस (Pythias) उस द्वीप की मूल निवासी थीं और पिता Mnesarchus लेबनान स्थित टायर के एक व्यापारी थे जो रत्नों का व्यापार करते थे। ऐसा भी कहा जाता है कि Pythagoras के दो या तीन भाई-बहन भी थे। Pythagoras का बचपन का ज्यादातर समय सामोस में ही व्यतीत हुआ था। जब वह बड़े हुए तो पिता के साथ व्यापारिक यात्रा पर जाने लगे। इसी दौरान Pythagoras के पिता उन्हें टायर लेकर गए और वहां उन्हें सीरिया के विद्वानों से शिक्षा दिलाने लगे
Pythagoras का जन्म पूर्वी एजियन के एक यूनानी द्वीप सामोस (Samos) में 570 ईसा पूर्व में हुआ था। ऐसा माना जाता है कि उनकी माँ पयिथिअस (Pythias) उस द्वीप की मूल निवासी थीं और पिता Mnesarchus लेबनान स्थित टायर के एक व्यापारी थे जो रत्नों का व्यापार करते थे। ऐसा भी कहा जाता है कि Pythagoras के दो या तीन भाई-बहन भी थे। Pythagoras का बचपन का ज्यादातर समय सामोस में ही व्यतीत हुआ था। जब वह बड़े हुए तो पिता के साथ व्यापारिक यात्रा पर जाने लगे। इसी दौरान Pythagoras के पिता उन्हें टायर लेकर गए और वहां उन्हें सीरिया के विद्वानों से शिक्षा दिलाने लगे। ऐसा माना जाता है कि Pythagoras ने इस दौरान इटली का भी दौरा किया था। ऐसा माना जाता है कि Pythagoras ने इस दौरान इटली का भी दौरा किया था।
बहरहाल, विभिन्न जगहों की यात्राओं के दौरान Pythagoras का शिक्षा का क्रम चलता रहा। उन्होंने Homer के काव्य के साथ-साथ वीणा के नाटकों का भी अध्ययन किया। सीरिया के विद्वानों से शिक्षा ग्रहण करने के अलावा Pythagoras ने शल्डिया के विद्वानों को भी अपना गुरु बनाया था । सयरस के फेरेसायडेस Pythagoras के पहले शिक्षक थे जिनसे उन्होंने दर्शनशास्त्र की शिक्षा ली थी। अठारह साल की उम्र में Pythagoras ने मिल्ट्स की यात्रा की जहाँ उनकी मुलाक़ात गणित और अंतरिक्ष विज्ञान के विद्वान थेल्स से हुई । हालाँकि उस समय तक थेल्स काफी बूढ़े हो चुके थे और पढ़ाने की स्थिति में नहीं थे फिर भी उनसे मुलाकात से Pythagoras काफी प्रभावित हुए और उनके अंदर विज्ञान, गणित और अंतरिक्ष विज्ञान के अध्ययन के प्रति उत्सुकता बढ़ गई. अपनी उत्सुकता और जिज्ञासा को मूर्त रूप देने के लिए उन्होंने थेल्स के विद्वान शिष्य Anaximander को अपना गुरु बनाया और गणित का गहराई से अध्ययन करने लगे. बाद के वर्षों में Pythagoras द्वारा प्रतिपादित कई सिद्धांतों में Anaximander के सिद्धांतों से बहुत कुछ मिलता-जुलता पाया गया. ऐसा माना जाता है कि दोनों द्वारा प्रतिपादित अंतरिक्षीय और ज्यामितिय सिद्धांत (Astronomical and Geometrical Theories) प्राकृतिक तौर पर उनके गुरुओं द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों का ही विकसित रूप है.
आगे जाकर 535 ईसा पूर्व में Pythagoras मंदिर के पुजारियों से अध्ययन करने के लिए मिश्र चले गए. इस संबंध में Thales ने भी उन्हें पूर्व में सुझाव दिया था. परन्तु इस संबंध में एक दूसरी मान्यता है कि Pythagoras ने Samos के शासक Polycrates के अत्याचारों से दुखी होकर मिश्र का रुख किया था. Pythagoras Egypt में लगभग दस सालों तक रहे. यहाँ उन्हें आवश्यक नियमों को पूरा करने के बाद डियोस्पोलिस के मंदिर में प्रवेश मिला और आगे जाकर पुजारी के रूप में इन्हें मान्यता मिली. ऐसा भी माना जाता है कि कुछ वर्षों तक Pythagoras ने हेलिपोलिस के पुजारी ओएनुफिस से भी शिक्षा ग्रहण की थी.
Pythagoras Theorem in Hindi के संबंध में उपलब्ध आलेखों के अनुसार 525 ईसा पूर्व में जब पर्शिया के शासक कैम्बीसस द्वितीय ने मिश्र पर आक्रमण कर उसे जीता तो Pythagoras को बंदी बनाकर Babylon ले जाया गया था. परन्तु यहाँ Pythagoras जल्दी ही पर्शिया के पुरोहितों और विद्वानों के साथ घुल-मिल गए और उनसे गणित, विज्ञान और संगीत की शिक्षा लेने लगे. इसी दौरान 522 ईसा पूर्व (BC) में अचानक घटे एक घटनाक्रम में पर्शिया के अत्याचारी शासक कैम्बीसस द्वितीय की संदिग्धावस्था में मृत्यु हो गई और साथ ही सामोस को भी उसके आतंक से मुक्ति मिल गई. इस घटनाक्रम से पाइथागोरस को सामोस लौटने का मौका मिला और वह 520 ईसा पूर्व में सामोस लौट गए.
Pythagoras Theorem’s Formula in Hindi
(कर्ण)2 = (आधार)2 + (लम्ब)2
त्रिभुज ABC में, (BC)2 = (AB)2 + (AC)2
माना, त्रिभुज ABC में, कर्ण (BC) की लम्बाई 5 Cm , लम्ब की लम्बाई (AC) 4 Cm और आधार की लम्बाई (AB) 3 Cm है।
(5)2 = (3)2 + (4)2
25 = 9 + 16
25 = 25
कर्ण, लम्ब और आधार का मान (Value) रखने पर यह सिद्ध होता है की कर्ण का वर्ग, लम्ब और आधार के वर्ग के योग के बराबर होता है.
Pythagoras Theorem Proof
Pythagoras Theorem in Hindi के प्रमेय को सिद्ध करने के लिए, Point A से एक लम्ब (Perpendicular), रेखा Line) BC पर डालते हैं.
क्योंकि, त्रिभुज ABC और BDA में, कोण (Angle) B और कोण D, एक समकोण (90 डिग्री) है. यानी यह दोनों त्रिभुज ही समकोण त्रिभुज हैं.
<ABC = <BDA = 90o
<A = <A (दोनों त्रिभुजों में <A common है.)
AA Similarity के नियम के अनुसार, जब दो त्रिभुज एक समान होती हैं, तो उनकी corresponding sides का अनुपात (ratio) भी बराबर होता है.
AD /AB = AB / AC
AB × AB = AD × AC
(AB)2 = AD × AC ——————–(1)
त्रिभुज BDC और ABC में,
CD / BC = BC / AC
BC × BC = CD × AC
(BC)2 = CD × AC ———————(2)
समीकरण (1) और (2) को जोड़ने पर,
(AB)2 + (BC)2 = AD × AC + CD × AC
(AB)2 + (BC)2 = AC (AD + CD)
त्रिभुज से, AD + CD = AC
(AB)2 + (BC)2 = AC × AC
(AB)2 + (BC)2 = (AC)2 , यह समीकरण सिद्ध करती है की कर्ण का वर्ग, लम्ब और आधार के वर्ग के योग के बराबर होता है.
Pythagoras Theorem in Hindi के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
A. 2 सेंटीमीटर
B. 5 सेंटीमीटर
C. 7 सेंटीमीटर
D. 9 सेंटीमीटर
हल:- प्रश्नानुसार,
पाइथागोरस प्रमेय से,
(कर्ण)² = (लम्ब)² + (आधार)²
AC² = AB² + BC²
AC² = (3)² + (4)²
AC² = 9 + 16
AC² = 25
AC = √25
AC = 5
अतः कर्ण की भुजा 5 होगी।
उत्तर:- 5 सेंटीमीटर
A. 3 सेंटीमीटर
B. 10 सेंटीमीटर
C. 13 सेंटीमीटर
D. 16 सेंटीमीटर
हल:- प्रश्नानुसार,
पाइथागोरस प्रमेय से,
AC² = AB² + BC²
AC² = (5)² + (12)²
AC² = 25 + 144
AC² = 169
AC = √169
AC = 13
अतः AC की लंबाई 13 सेंटीमीटर होगी।
उत्तर:- 13 सेंटीमीटर
A. 1 मीटर
B. 2 मीटर
C. 3 मीटर
D. 4 मीटर
माना AB एक सीढ़ी है और BC दिवार है जिसमें खिड़की C है।
BC = 4 मी. और AC = 5 मी.
पाइथागोरस प्रमेय से,
AC² = AB² + BC²
AB² = AC² – BC²
AB² = (5)² – (4)²
AB² = 25 – 16
AB² = 9
AB = √9
AB = 3
इस प्रकार, सीढ़ी की लंबाई 3 मीटर है।
उत्तर:- 3 मीटर
A. 3 सेंटीमीटर
B. 6 सेंटीमीटर
C. 9 सेंटीमीटर
D. 12 सेंटीमीटर
हल:- प्रश्नानुसार,
त्रिभुज समकोण त्रिभुज है, इसलिए पाइथागोरस प्रमेय,
AC² = AB² + BC²
AB² = AC² – BC²
AB² = (15)² – (12)²
AB² = 225 – 144
AB² = 81
AB = √81
AB = 9
अतः AB की लम्बाई 9 सेंटीमीटर होगी।
उत्तर:- 9 सेंटीमीटर
A. 8 सेंटीमीटर
B. 16 सेंटीमीटर
C. 9 सेंटीमीटर
D. 32 सेंटीमीटर
– प्रश्नानुसार,
AC = 34
AB = 30
BC = ?
त्रिभुज समकोण त्रिभुज है, इसलिए पाइथागोरस प्रमेय,
AC² = AB² + BC²
BC² = AC² – AB²
BC² = (34)² – (30)²
BC² = 1156 – 900
BC² = 256
BC = √256
BC = 16
अतः BC की लंबाई 16 सेंटीमीटर होगी।
उत्तर:- 16 सेंटीमीटर
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