Pythagoras Theorem in Hindi: गणित केवल संख्याओं और सूत्रों का खेल नहीं, बल्कि तर्क और तर्कशीलता की अनमोल धरोहर है। इसमें कुछ ऐसे सिद्धांत हैं, जो सैकड़ों वर्षों से न केवल गणितज्ञों को, बल्कि आम जीवन में भी उपयोगी साबित होते आए हैं। ऐसा ही एक अनमोल सिद्धांत पाइथागोरस प्रमेय है, जो ज्यामिति का एक आधारभूत स्तंभ माना जाता है। यह प्रमेय त्रिभुजों की दुनिया में एक अद्भुत खोज है, जो हमें कोणों और भुजाओं के संबंध को गहराई से समझने का अवसर देता है। पाइथागोरस प्रमेय (The Pythagoras Theorem) ग्रीक गणितज्ञ (Greek Mathematician) द्वारा दी गई है। बता दें कि Pythagoras से पहले, इसे भारतीय गणितज्ञ Baudhāyana द्वारा खोजा गया था, इसलिए इस Theorem को बौधायन प्रमेय भी कहा जाता है। इस प्रमेय के अनुसार, समकोण त्रिभुज में, कर्ण भुजा का वर्ग, आधार भुजा और लम्ब भुजा के वर्ग के योग के बराबर होता है। इस लेख में आपके लिए पाइथागोरस प्रमेय (Pythagoras Theorem in Hindi) से संबंधित संपूर्ण जानकारी दी गई है, जिसके लिए आपको यह लेख अंत तक पढ़ना पड़ेगा।
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पाइथागोरस (Pythagoras) कौन थे?
Pythagoras का जन्म 570 ईसा पूर्व में पूर्वी एजियन के एक यूनानी द्वीप सामोस (Samos) में हुआ था। ऐसा माना जाता है कि उनकी माँ पयिथिअस (Pythias) उस द्वीप की मूल निवासी थीं और पिता Mnesarchus लेबनान में रत्नों का व्यापार करते थे। ऐसा भी कहा जाता है कि Pythagoras के दो या तीन भाई-बहन भी थे और उनके बचपन का ज्यादातर समय सामोस में ही व्यतीत हुआ था। जब वह बड़े हुए तो पिता के साथ व्यापारिक यात्रा पर जाने लगे। इसी दौरान Pythagoras के पिता उन्हें टायर लेकर गए और वहां उन्हें सीरिया के विद्वानों से शिक्षा दी। ऐसा माना जाता है कि Pythagoras ने इस दौरान इटली का भी दौरा किया था।
पाइथागोरस प्रमेय की खोज और इतिहास
इस प्रमेय का श्रेय प्राचीन ग्रीक गणितज्ञ पाइथागोरस (Pythagoras, 570–495 BCE) को दिया जाता है। हालांकि, यह प्रमेय पाइथागोरस के जन्म से पहले भी कई सभ्यताओं, जैसे भारत, बेबीलोन और चीन में जाना जाता था। भारत के प्राचीन बौधायन सूत्र में भी इस सिद्धांत का उल्लेख मिलता है, जिसे आधुनिक गणित में पाइथागोरस प्रमेय के नाम से जाना जाता है।
पाइथागोरस प्रमेय – Pythagoras Theorem in Hindi
यहाँ आपके लिए पाइथागोरस प्रमेय (Pythagoras Theorem in Hindi) की जानकारी दी गई है, जो इस प्रकार है –
(कर्ण)2 = (आधार)2 + (लम्ब)2
त्रिभुज ABC में, (BC)2 = (AB)2 + (AC)2
माना, त्रिभुज ABC में, कर्ण (BC) की लम्बाई 5 Cm , लम्ब की लम्बाई (AC) 4 Cm और आधार की लम्बाई (AB) 3 Cm है।
(5)2 = (3)2 + (4)2
25 = 9 + 16
25 = 25
कर्ण, लम्ब और आधार का मान (Value) रखने पर यह सिद्ध होता है कि कर्ण का वर्ग, लम्ब और आधार के वर्ग के योग के बराबर होता है।
पाइथागोरस प्रमेय का वास्तविक जीवन में उपयोग
यह प्रमेय केवल दसवीं या बारहवीं कक्षा में पढ़ने के लिए नहीं, बल्कि हमारे रोजमर्रा के जीवन में भी बेहद महत्वपूर्ण है। इसके कुछ प्रमुख उपयोग इस प्रकार हैं —
- निर्माण कार्य (Construction Work) – भवन निर्माण और पुलों की डिजाइनिंग में इस प्रमेय का उपयोग किया जाता है।
- नौवहन और जीपीएस सिस्टम (Navigation & GPS) – समुद्री जहाजों और हवाई जहाजों की दूरी मापने के लिए इस प्रमेय का प्रयोग किया जाता है।
- खेल-कूद (Sports) – क्रिकेट और फुटबॉल जैसे खेलों में सही कोण और दूरी का अनुमान लगाने के लिए यह प्रमेय सहायक होता है।
- तकनीकी और इंजीनियरिंग (Technology & Engineering) – कंप्यूटर ग्राफिक्स और आर्किटेक्चर में पाइथागोरस प्रमेय का उपयोग किया जाता है।
पाइथागोरस प्रमेय – Pythagoras Theorem Proof
Pythagoras Theorem in Hindi के प्रमेय को सिद्ध करने के लिए, Point A से एक लम्ब (Perpendicular), रेखा Line) BC पर डालते हैं.
क्योंकि, त्रिभुज ABC और BDA में, कोण (Angle) B और कोण D, एक समकोण (90 डिग्री) है. यानी यह दोनों त्रिभुज ही समकोण त्रिभुज हैं.
<ABC = <BDA = 90o
<A = <A (दोनों त्रिभुजों में <A common है.)
AA Similarity के नियम के अनुसार, जब दो त्रिभुज एक समान होती हैं, तो उनकी corresponding sides का अनुपात (ratio) भी बराबर होता है.
AD /AB = AB / AC
AB × AB = AD × AC
(AB)2 = AD × AC ——————–(1)
त्रिभुज BDC और ABC में,
CD / BC = BC / AC
BC × BC = CD × AC
(BC)2 = CD × AC ———————(2)
समीकरण (1) और (2) को जोड़ने पर,
(AB)2 + (BC)2 = AD × AC + CD × AC
(AB)2 + (BC)2 = AC (AD + CD)
त्रिभुज से, AD + CD = AC
(AB)2 + (BC)2 = AC × AC
(AB)2 + (BC)2 = (AC)2 , यह समीकरण सिद्ध करती है की कर्ण का वर्ग, लम्ब और आधार के वर्ग के योग के बराबर होता है.
पाइथागोरस प्रमेय से जुड़े प्रश्न-उत्तर – Pythagoras Theorem in Hindi
A. 2 सेंटीमीटर
B. 5 सेंटीमीटर
C. 7 सेंटीमीटर
D. 9 सेंटीमीटर
हल:- प्रश्नानुसार,
पाइथागोरस प्रमेय से,
(कर्ण)² = (लम्ब)² + (आधार)²
AC² = AB² + BC²
AC² = (3)² + (4)²
AC² = 9 + 16
AC² = 25
AC = √25
AC = 5
अतः कर्ण की भुजा 5 होगी।
उत्तर:- 5 सेंटीमीटर
A. 3 सेंटीमीटर
B. 10 सेंटीमीटर
C. 13 सेंटीमीटर
D. 16 सेंटीमीटर
हल:- प्रश्नानुसार,
पाइथागोरस प्रमेय से,
AC² = AB² + BC²
AC² = (5)² + (12)²
AC² = 25 + 144
AC² = 169
AC = √169
AC = 13
अतः AC की लंबाई 13 सेंटीमीटर होगी।
उत्तर:- 13 सेंटीमीटर
A. 1 मीटर
B. 2 मीटर
C. 3 मीटर
D. 4 मीटर
माना AB एक सीढ़ी है और BC दिवार है जिसमें खिड़की C है।
BC = 4 मी. और AC = 5 मी.
पाइथागोरस प्रमेय से,
AC² = AB² + BC²
AB² = AC² – BC²
AB² = (5)² – (4)²
AB² = 25 – 16
AB² = 9
AB = √9
AB = 3
इस प्रकार, सीढ़ी की लंबाई 3 मीटर है।
उत्तर:- 3 मीटर
A. 3 सेंटीमीटर
B. 6 सेंटीमीटर
C. 9 सेंटीमीटर
D. 12 सेंटीमीटर
हल:- प्रश्नानुसार,
त्रिभुज समकोण त्रिभुज है, इसलिए पाइथागोरस प्रमेय,
AC² = AB² + BC²
AB² = AC² – BC²
AB² = (15)² – (12)²
AB² = 225 – 144
AB² = 81
AB = √81
AB = 9
अतः AB की लम्बाई 9 सेंटीमीटर होगी।
उत्तर:- 9 सेंटीमीटर
A. 8 सेंटीमीटर
B. 16 सेंटीमीटर
C. 9 सेंटीमीटर
D. 32 सेंटीमीटर
– प्रश्नानुसार,
AC = 34
AB = 30
BC = ?
त्रिभुज समकोण त्रिभुज है, इसलिए पाइथागोरस प्रमेय,
AC² = AB² + BC²
BC² = AC² – AB²
BC² = (34)² – (30)²
BC² = 1156 – 900
BC² = 256
BC = √256
BC = 16
अतः BC की लंबाई 16 सेंटीमीटर होगी।
उत्तर:- 16 सेंटीमीटर
FAQs
पाइथागोरस प्रमेय एक महत्वपूर्ण गणितीय सिद्धांत है, जो समकोण त्रिभुज (Right-Angled Triangle) के तीन भुजाओं के बीच संबंध बताता है:
कर्ण का वर्ग (c²) = आधार का वर्ग (a²) + ऊँचाई का वर्ग (b²).
यानी, a² + b² = c².
यह प्रमेय वास्तुकला, इंजीनियरिंग, नेविगेशन, खगोल विज्ञान और कंप्यूटर ग्राफिक्स जैसे क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है।
हाँ, यह प्रमेय केवल समकोण त्रिभुज (90° कोण वाले त्रिभुज) पर लागू होता है।
हाँ, इसे महान यूनानी गणितज्ञ पाइथागोरस ने 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व में प्रतिपादित किया था, लेकिन यह प्रमेय उससे पहले भी भारत और बेबीलोनियन गणित में जाना जाता था।
अगर आपके पास एक समकोण त्रिभुज है, तो उसकी सबसे लंबी भुजा (कर्ण) का वर्ग बाकी दो भुजाओं (आधार और लंब) के वर्गों के योग के बराबर होगा।
हाँ, यह प्रमेय सीढ़ियों की ऊँचाई निर्धारित करने, बिल्डिंग डिज़ाइन, ड्रोन नेविगेशन और मैपिंग जैसी कई गतिविधियों में मदद करता है।
पाइथागोरस प्रमेय को ज्यामिति, बीजगणित और त्रिकोणमिति सहित 300+ तरीकों से सिद्ध किया जा सकता है।
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आपका प्रश्न संख्या 3 का जो जवाब है वो गलत है, आपने गलत तरीके से सवाल को हल किया है। सही जवाब में जो सीढ़ी की लंबाई होगी वो 6.4031242375 m होगी।
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चंद्रमौली जी, आपका आभार। हम त्वरित ही आपके सुझाव को अपने ब्लॉग में अपडेट करेंगे।
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∆ ABC का =
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पवन जी, आपका आभार। आपका प्रश्न स्पष्ट नहीं है।
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