सब धान बाईस पसेरी मुहावरे का अर्थ और इसका वाक्य में प्रयोग

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सब धान बाईस पसेरी मुहावरे का अर्थ

सब धान बाईस पसेरी मुहावरे का अर्थ (Sab Dhan Bais Paseri Muhavare Ka Arth) होता है। जब कोई व्यक्ति सभी लोगों से एक समान समझ कर व्यवहार करता है, तो उसके लिए हम सब धान बाईस पसेरी मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप सब धान बाईस पसेरी होना  मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।

मुहावरे किसे कहते हैं?

मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।

सब धान बाईस पसेरी मुहावरे का अर्थ क्या है?

Sab Dhan Bais Paseri Muhavare Ka Arth होता है-  एक समान समझकर व्यवहार करना, अच्छा बुरा सब को एक समान समझना आदि।

सब धान बाईस पसेरी पर व्याख्या

इस मुहावरे का अर्थ सबसे एक समान व्यवहार करना होता है। इस मुहावरे के माध्यम से हम परिभाषित करते हैं कि जब कोई व्यक्ति किसी सभी लोंगे को एक समान समझ कर एक सा व्यवहार करता है वहां पर सब धान बाईस पसेरी मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।

सब धान बाईस पसेरी मुहावरे का वाक्य प्रयोग

सब धान बाईस पसेरी मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है;

  • रमेश सभी से एक सा व्यवहार करता है, वो सभी को सब धान बाईस पसेरी ही समझता है।
  • अयोग्य लोग अच्छे और खराब व्यक्ति को एक समान समझ कर सब धान बाईस पसेरी तौलते हैं।
  • आप तो अच्छे और बुरे में फर्क ही नहीं करते सभी को सब धान बाईस पसेरी ही तौलते हो।

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आशा है कि सब धान बाईस पसेरी मुहावरे का अर्थ (Sab Dhan Bais Paseri Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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