Raat Kaun Si Sangya Hai | रात कौन सी संज्ञा है जानिए उदाहरण के साथ

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Raat Kaun Si Sangya Hai

Raat Kaun Si Sangya Hai इस सवाल का जवाब यहाँ दिया गया है। संज्ञा उस विकारी शब्द को कहते हैं जिससे किसी वस्तु भाव और जीव के नाम का बोध हो मतलब कि किसी प्राणी, वस्तु, स्थान, भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं।

Raat Kaun Si Sangya Hai?

रात जातिवाचक संज्ञा है।

रात शब्द से बनने वाले वाक्य

रात शब्द से बनने वाले वाक्य नीचे दिए गए हैं:

  • आज चांदनी रात है।
  • मुझे रात को अँधेरे से डर लगता है।
  • हमारी ट्रैन रात को 8 बजे है।
  • हम रात को 10 बजे जयपुर पहुंचे हैं।  

जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण

जिस शब्द से एक जाति के सभी प्राणियों अथवा वस्तुओं का बोध हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे- बच्चा, जानवर, नदी, अध्यापक, बाजार, पहाड़, खिड़की आदि शब्द एक ही प्रकार प्राणी वस्तु और स्थान का बोध करा रहे हैं,  इसलिए यह जातिवाचक संज्ञा है। अन्य शब्दों में किसी प्राणी, वस्तु या स्थान विशेष की जाति या सम्पूर्ण वर्ग का बोध करवाने वाले शब्द को जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।

जैसे: लड़का, वस्तु, नदी, पहाड़, स्थान आदि।

  • लड़का- सभी लड़कों का बोध होता है।
  • वस्तु से सभी प्रकार की वस्तु का बोध होता है।
  • नदी से गंगा, यमुना, सरस्वती आदि सभी नदियों का बोध होता है।
  • मनुष्य कहने से संसार की मनुष्य जाति का बोध होता है।

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