Nagar Kaun Si Sangya Hai | नगर कौनसी संज्ञा है जानिए उदाहरण के साथ

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nagar kaun si sangya hai

Nagar Kaun Si Sangya Hai इस सवाल का जवाब यहाँ दिया गया है। संज्ञा उस विकारी शब्द को कहते हैं जिससे किसी वस्तु भाव और जीव के नाम का बोध हो मतलब कि किसी प्राणी, वस्तु, स्थान, भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं।

Nagar Kaun Si Sangya Hai?

नगर जातिवाचक संज्ञा है क्योंकि इस शब्द से सभी नगर का बोध हो रहा है।

नगर शब्द से बनने वाले वाक्य

नगर शब्द से बनने वाले वाक्य नीचे दिए गए हैं:

  • सिंधु घाटी सभ्यता पहली नगरीय सभ्यता थी।
  • अंधेर नगरी नाटक के लेखक भारतेन्दु हरिश्चंद्र है।
  • अंधेर नगरी चौपट राजा
  • मुझे नगर से ज्यादा गांव में रहना पसंद है।

नगर का पर्यायवाची शब्द

नगर के पर्यायवाची शब्द नगरी, पुर, नागर, शहर, पत्तन, पुटभेदन, निगम, पौर आदि होते हैं।

जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण

जिस शब्द से एक जाति के सभी प्राणियों अथवा वस्तुओं का बोध हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे- बच्चा, जानवर, नदी, अध्यापक, बाजार, पहाड़, खिड़की आदि शब्द एक ही प्रकार प्राणी वस्तु और स्थान का बोध करा रहे हैं,  इसलिए यह जातिवाचक संज्ञा है। अन्य शब्दों में किसी प्राणी, वस्तु या स्थान विशेष की जाति या सम्पूर्ण वर्ग का बोध करवाने वाले शब्द को जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।

जैसे: लड़का, वस्तु, नदी, पहाड़, स्थान आदि।

  • लड़का- सभी लड़कों का बोध होता है।
  • वस्तु से सभी प्रकार की वस्तु का बोध होता है।
  • नदी से गंगा, यमुना, सरस्वती आदि सभी नदियों का बोध होता है।
  • मनुष्य कहने से संसार की मनुष्य जाति का बोध होता है।

अन्य संज्ञा शब्द

अन्य संज्ञा शब्द नीचे दिए गए हैं:

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