पके घड़े पर मिट्टी न चढ़ना मुहावरे का अर्थ (Pake Ghade Par Mitti Na Chadna Muhavare Ka Arth) ‘अति कंजूस होना’ होता है। जब कोई व्यक्ति बहुत कंजूसी के साथ पैसों को खर्च नहीं करता है, तब उसके लिए पके घड़े पर मिट्टी न चढ़ना मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप पके घड़े पर मिट्टी न चढ़ना मुहावरे का अर्थ (Pake Ghade Par Mitti Na Chadna Muhavare Ka Arth) और इसके वाक्यों में प्रयोग के बारे में जानेंगे।
मुहावरे किसे कहते हैं?
किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे ‘मुहावरा’ कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा-सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
पके घड़े पर मिट्टी न चढ़ना मुहावरे का अर्थ क्या है?
पके घड़े पर मिट्टी न चढ़ना मुहावरे का अर्थ (Pake Ghade Par Mitti Na Chadna Muhavare Ka Arth) ‘अति कंजूस होना’ होता है।
पके घड़े पर मिट्टी न चढ़ना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग
पके घड़े पर मिट्टी न चढ़ना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग निम्नलिखित हैं :-
- उस आदमी की आदतें ऐसी हैं, उसे बदलना बहुत मुश्किल है, जैसे पके घड़े पर मिट्टी न चढ़ना।
- रोहन बहुत कंजूस है, वह एक पैसा भी खर्च नहीं करता है, वह बिलकुल पके घड़े पर मिट्टी न चढ़ने जैसा है।
- मैं मोहित को जनता हूँ वह बहुत कंजूस है, वह एक भी पैसा नहीं खर्च कर सकता हैं। वह पके घड़े पर मिट्टी न चढ़ने जैसा है।
- रिया पके घड़े पर मिट्टी न चढ़ने जैसी है, वह किसी के लिए एक पैसा नहीं खर्च कर सकती है।
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आशा है कि आपको पके घड़े पर मिट्टी न चढ़ना मुहावरे का अर्थ (Pake Ghade Par Mitti Na Chadna Muhavare Ka Arth) से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी मिल गई होगी। हिंदी मुहावरों के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।