Meluha Book in Hindi: अमीश त्रिपाठी के उपन्यास ‘मेलूहा के मृत्युंजय’ से संबंधित संपूर्ण जानकारी

1 minute read
Meluha Book in Hindi

भारत एक ऐसा देश रहा है जिसने कला और साहित्य को सदैव सम्मान देने के साथ-साथ, इसका विस्तार भी किया है। ऐसे महान भारत देश में हर सदी में ऐसे कलाकार, साहित्यकार और कवि हुए हैं, जिन्होंने समाज की चेतना को जगाने के साथ-साथ, अपने साहित्य के आधार पर समाज को सही राह दिखाने का काम किया है। ऐसे ही एक उपन्यासकार अमीश त्रिपाठी भी थे, जिन्होंने अपने जीवन को साहित्य के प्रति समर्पित करके समाज को साहित्य की सुंदरता से परिचित कराया है। यूँ तो उन्होंने कई उपन्यासों की रचना की लेकिन Meluha Book in Hindi अमीश त्रिपाठी द्वारा लिखा एक ऐसा उपन्यास है, जिसके बारे में आपको इस पोस्ट में जानने को मिलेगा।

यह भी पढ़ें : रामधारी सिंह दिनकर की वीर रस की कविताएं

कौन हैं अमीश त्रिपाठी?

Meluha Book in Hindi अमीश त्रिपाठी दवारा रचित एक ऐसा उपन्यास है जिसके बारे में जानने से पहले आपको अमीश त्रिपाठी के बारे में जान लेना अति आवश्यक है। अमीश त्रिपाठी का जन्म 18 अक्टूबर 1974 को महाराष्ट्र के मुंबई में हुआ था। अमीश त्रिपाठी एक सुप्रसिद्ध भारतीय लेखक और राजनयिक हैं। उन्हें द शिवा ट्राइलॉजी और Ram Chandra Series के लिए जाना जाता है। द इम्मोर्टल्स ऑफ़ मेलुहा, अमीश त्रिपाठी द्वारा रचित पहला उपन्यास है।

अमीश त्रिपाठी एक प्रमुख भारतीय उपन्यासकार और कहानीकार हैं। अमीश त्रिपाठी एक ऐसे भारतीय लेखकों की श्रेणी में आते हैं, जिनकी लिखी कहानी पर हॉलीवुड फिल्म भी बन चुकी है। इनकी सुप्रसिद्ध रचनाओं में से ‘The Immortals Of Meluha’ भी है, जो वर्ष 2010 में प्रकाशित हुई थी। ‘द सीक्रेट ऑफ नागाज’ और ‘द ओथ ऑफ द वायुपुत्राज’ इसके भाग थे, जिसे अमेरिकी निर्माता ने बहुत अच्छे सौदे में पेशकश की है।

Meluha Book in Hindi का संक्षिप्त सार

यह पुस्तक शिव पर रचना-त्रय की प्रथम पुस्तक है, जिसको वर्ष 2010 में प्रकाशित किया गया था। शिव एक साधारण मनुष्य है, जिनके कर्म उन्हें देवों के देव महादेव में परिवर्तित कर देते हैं। 1900 ईसवी पूर्व, जिसे आधुनिक भारतीय सिन्धु घाटी सभ्यता के नाम से कह जाने की गलती कर बैठते हैं। उस समय के निवासी उस भूमि को मेलूहा के नाम से पुकारते थे। इस साम्राज्य की स्थापना भारत के सबसे महान सम्राट प्रभु श्रीराम ने कई शताब्दियों पूर्व की थी।

एक समय गर्वशील रहे इस साम्राज्य एवं इसके सूर्यवंशी शासकों ने कई संकटों का सामना किया था क्योंकि उनकी प्राथमिक नदी पवित्र सरस्वती शनैः-शनैः सूखती हुई मृतप्राय होती जा रही है। यह कहानी कर्तव्य के साथ-साथ प्रेम से, अचानक अपने भाग्य की ओर आकर्षित होने की एक कहानी है। क्या शिव सूर्यवंशी प्रतिशोध का नेतृत्व करेंगे और बुराई को नष्ट करेंगे?

यह शिव पर एक त्रयी में पहली पुस्तक है, एक साधारण व्यक्ति जिसके कर्म ने उसे हमारे महादेव, देवों के देव के रूप में पुनः स्थापित किया। इस पुस्तक को पढ़कर आपको साहित्य के सौंदर्य को महसूस करने का अवसर मिलेगा। यह कहानी आपको एक अलग ही लेवल पर ले जाएगी और आपको लेखक की कला से परिचित करवाएगी।

‘मेलूहा के मृत्युंजय’ किताब की रचना कुछ इस प्रकार की है कि जो यदि भगवान शिव एक मानव जीवन में होते तो उनका जीवन कैसा होता। यह पुस्तक शिव के जीवन को दर्शाती है, इस पुस्तक के कुछ पन्ने पढ़ने से आप कहानी के साथ जुड़ जाते हैं। सारे रहस्यों को खोलते हुए यह कहानी आपको आगे के पन्नों को पढ़ने के लिए अति उत्साहित बनाती है।

यह भी पढ़ें : रामधारी सिंह दिनकर की कविता हिमालय

संबंधित आर्टिकल

FAQs 

क्या इम्मोर्टल्स ऑफ मेलुहा एक सच्ची कहानी है?

नहीं, इम्मोर्टल्स ऑफ मेलुहा एक सच्ची कहानी नहीं है। यह पुस्तक भगवान शिव की महाकाव्य कहानियों पर आधारित शिव नाम के एक व्यक्ति का काल्पनिक वर्णन है।

द इम्मोर्टल्स ऑफ मेलुहा का नैतिक सिद्धांत (मोरल ऑफ द स्टोरी) क्या है?

द इम्मोर्टल्स ऑफ मेलुहा का नैतिक सिद्धांत (मोरल ऑफ द स्टोरी), “किसी स्थिति के सभी पक्षों पर विचार किए बिना कभी भी कोई निर्णय न लें अथवा कोई राय नहीं बनाये” है।

द इंपोर्टेंस ऑफ मेलुहा किसने लिखी?

द इंपोर्टेंस ऑफ मेलुहा अमीश त्रिपाठी ने लिखी है।

आशा है कि आपको Meluha Book in Hindi की सम्पूर्ण जानकारी मिल गई होगी, साथ ही यह पोस्ट आपको इंफॉर्मेटिव और इंट्रस्टिंग लगी होगी। इसी प्रकार की अन्य जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।

प्रातिक्रिया दे

Required fields are marked *

*

*