माता पिता पर निबंध: छात्र माता-पिता पर ऐसे लिखें निबंध

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माता पिता पर निबंध

हम अपने माता-पिता के कारण इस संसार में आए हैं। ये हमारे माता-पिता ही हैं जिन्होंने हमें जन्म दिया है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इन्हें हर हाल में खुश रखने की कोशिश करें। माता पिता दुर्लभ होते हैं और उनका स्थान दुनिया में कोई नहीं ले सकता। छात्रों को अक्सर कई मुद्दों और विषयों पर निबंध लिखने को दिया जाता है, जिनमें से माता पिता पर निबंध भी शामिल है। यहाँ माता पिता पर निबंध 100, 200 और 500 शब्दों में दिया गया है। इसकी मदद से छात्र माता पिता पर निबंध लिख सकते हैं।

माता पिता पर 100 शब्दों में निबंध

यहाँ माता पिता पर 100 में निबंध दिया गया है-

माता पिता संसार की सबसे सुंदर रचना हैं। ये वही जरिया हैं, जिनकी वजह से हमें दुनिया में आना नसीब हुआ है। ये हमें अच्छी आदतें और संस्कार सिखाते हैं। जब हम पैदा होते हैं तो कुछ नहीं जानते हैं। माता पिता ही हमें हर चीज़ के बारे में सिखाते हैं। इसलिए माता को पहली शिक्षक भी कहा जाता है।

हमें अपने माता-पिता से गुण विरासत में मिलते हैं। उनका प्रेम नि:स्वार्थ होता है। माता पिता  अपने बच्चों से बदले में कुछ भी नहीं चाहते हैं। वे बस यही चाहते हैं कि उनके बच्चे सुखी और समृद्ध जीवन जिएं। माता पिता ही अपने बच्चों को जीवन के हर क्षेत्र में भावनात्मक और आर्थिक हर प्रकार का सहयोग प्रदान करते हैं। वे हमें समाज की हर प्रकार की बुराई से बचाते हैं। इस पूरे संसार में केवल माँ बाप ही दो ऐसे लोग हैं जो हमेशा अपने बच्चों की खुशी चाहते हैं। हमें सदा अपने माता पिता का आदर करना चाहिए और उनकी सच्चे मन से सेवा करनी चाहिए।

माता पिता पर 200 शब्दों में निबंध

यहाँ माता पिता पर 200 में निबंध दिया गया है-

माता-पिता, वे शब्द जो केवल दो अक्षरों में ही समस्त प्रेम, स्नेह, त्याग और समर्पण को समाहित करते हैं। जीवन में सफलता की पहली सीढ़ी माता-पिता ही होते हैं। वे वो दिव्य शक्तियां हैं जो हमारे जीवन को दिशा और गति प्रदान करते हैं।

माता, वो स्नेह की मूरत जो नौ महीने अपने गर्भ में पालकर, जन्म देकर, जीवन भर हमारा ख्याल रखती हैं। उनकी ममता भरी गोद में हम सुरक्षित महसूस करते हैं। उनकी कोमल स्पर्शों में वो शक्ति होती है जो हमारे हर दुःख को मिटा देती है।

पिता, वो मजबूत स्तंभ जो सदैव हमारे सहारे खड़े रहते हैं। उनकी छाया में हम सुरक्षित महसूस करते हैं। वे हमें जीवन जीने का तरीका सिखाते हैं, हर कदम पर हमारा मार्गदर्शन करते हैं।

माता-पिता का प्यार अनमोल होता है। वे कभी बदले की भावना से नहीं, अपितु निस्वार्थ भाव से हमारा पालन-पोषण करते हैं। वे हमारे सपनों को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं।

हमें सदैव अपने माता-पिता का सम्मान करना चाहिए, उनकी सेवा करनी चाहिए। उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए। उनके द्वारा दिए गए संस्कारों और मूल्यों को जीवन में उतारना चाहिए।

माता-पिता हमारे जीवन के प्रकाशस्तंभ होते हैं। उनके बिना जीवन अधूरा होता है। आइए, हम सब मिलकर अपने माता-पिता का सम्मान करें और उन्हें सदैव खुश रखें।

माता पिता पर 500 शब्दों में निबंध

यहाँ माता पिता पर 500 में निबंध दिया गया है-

प्रस्तावना 

माता-पिता, ईश्वर की अनमोल देन, जीवन के आधार स्तंभ, जिनके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। वे वो दो शक्तिशाली शक्ति हैं जो हमारे जीवन को दिशा और गति प्रदान करते हैं। माता पिता बच्चों के प्रथम शिक्षक भी होते हैं। वे हमें सांसारिक ज्ञान एवं अन्य सांसारिक वस्तुओं से परिचित कराते हैं। अपने अथक प्रयासों से वे अपने बच्चों का जीवन बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं। माता पिता आने बच्चों को पढ़ाते लिखाते हैं और जीवन में आगे बढ़ने के काबिल बनाते हैं।

माता: स्नेह और त्याग की मूर्ति

माता, प्रेम और स्नेह की मूर्ति, जो अपने बच्चों के लिए अनंत त्याग करने को सदैव तत्पर रहती है। गर्भधारण से लेकर जन्म तक और उसके बाद भी, हर पल वो अपने बच्चे की सुरक्षा और देखभाल करती है। भूख लगे तो खुद भूखी रहकर भी बच्चे को दूध पिलाती है, बीमार हो तो रातों-रात जागकर उसकी सेवा करती है, और हर खुशी में बच्चे से भी ज्यादा खुश होती है।

पिता: संरक्षक और मार्गदर्शक

पिता, शक्ति और संरक्षण का प्रतीक, जो अपने बच्चों के लिए सदैव एक मजबूत सहारा बनकर खड़े रहते हैं। वे बच्चों को जीवन जीने का तरीका सिखाते हैं, अच्छे और बुरे का ज्ञान देते हैं, और हर मुश्किल में उनका साथ देते हैं। पिता बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत होते हैं, जिनके नक्शेकदम पर चलकर बच्चे जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं।

माता-पिता का महत्व

माता-पिता हमारे जीवन में शिक्षक, गुरु और मित्र होते हैं। वे हमें अनुशासन, नैतिकता और संस्कार सिखाते हैं। वे हमें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और हर कदम पर हमारा समर्थन करते हैं। माता-पिता का प्यार और स्नेह हमारे जीवन को खुशियों से भर देता है।

हमारी जिम्मेदारियां

जैसे माता-पिता हमारे लिए सदैव तत्पर रहते हैं, वैसे ही हमें भी उनके प्रति अपनी जिम्मेदारियों का पालन करना चाहिए। हमें उनका सम्मान करना चाहिए, उनकी बात माननी चाहिए, और उनकी हर संभव मदद करनी चाहिए। हमारे प्राचीन शास्त्रों में माता पिता को भगवान के समान बताया गया है क्योंकि इनके कारण ही हमें इस दुनिया में आने का सौभाग्य प्राप्त होता है।  

अपने माता-पिता का हमेशा सम्मान और प्यार करना हमारा कर्तव्य है। उनकी बातों को ध्यान से सुनना, उनकी भावनाओं को समझना और उनकी ज़रूरतों का ध्यान रखना ज़रूरी है। बढ़ती उम्र में माता-पिता को हमारी देखभाल की ज़रूरत होती है। उनकी शारीरिक और भावनात्मक ज़रूरतों को पूरा करना हमारा कर्तव्य है।

घरेलू कामों में माता-पिता का सहयोग करना और उनकी ज़िम्मेदारियों को बांटना हमारी जिम्मेदारी है। व्यस्त जीवन में भी, अपने माता-पिता के लिए समय निकालना ज़रूरी है। उनके साथ बातचीत करना, उनकी बातें सुनना और उनसे समय बिताना उन्हें खुशी देता है।

उपसंहार 

माता-पिता जीवन के दो अनमोल रत्न हैं, जिनकी कीमत किसी भी चीज से नहीं आंकी जा सकती है। हम सबको सदैव उनके प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए और उनके प्यार और स्नेह का सम्मान करना चाहिए। माता पिता भगवान का दूसरा रूप होते हैं। हमें उन्हें दुनिया में सबसे अधिक महत्व देना चाहिए और उनकी आज्ञा का पालन करने के लिए सदा तत्पर रहना चाहिए। हमें अपने माता-पिता के त्याग और प्यार के लिए हमेशा आभारी रहना चाहिए।

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