लोहे के चने चबाना मुहावरे का अर्थ (Lohe Ke Chane Chabana Muhavare Ka Arth) होता है, जब कोई व्यक्ति असंभव कार्य को हल करने में दिन रात मेहनत करता है। तो उसके लिए लोहे के चने चबाना मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप लोहे के चने चबाना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
लोहे के चने चबाना मुहावरे का अर्थ क्या है?
लोहे के चने चबाना मुहावरे का अर्थ (Lohe Ke Chane Chabana Muhavare Ka Arth) होता है- कठिन संघर्ष करना, कठिनाइयाँ झेलना और असंभव कार्य को हल करना आदि।
लोहे के चने चबाना पर व्याख्या
इस मुहावरे में “लोहे के चने चबाना मुहावरे का अर्थ” रीता सिर्फ 4 माह में ही अपनी 10वीं की परीक्षा की तैयारी कर रही है मानो कि वह असंभव कार्य को हल करने के लिए लोहे के चने चबा रही है।।
लोहे के चने चबाना मुहावरे का वाक्य प्रयोग
लोहे के चने चबाना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है;
- कठिन परिस्थितियों में राजमहल के लोगों को भी लोहे के चने चबा कर अपना जीवन गुजारने पर मजबूर होना पड़ता था।
- किसानों को विभिन्न प्रकार की फसलें उगाने में अक्सर लोहे के चने चबाकर अपना पेट भरन पड़ता हैं।
- 2022 में जब देश में लॉकडाउन लगा था तो पूरे देश के लोगों को लोहे के चने चबाने को मजबूर होना पड़ा था।
- मीडिल क्लास व्यक्ति अक्सर अपने घरों में चने चबा कर अपना पेट पालन करते हैं।
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आशा है कि लोहे के चने चबाना मुहावरे का अर्थ (Lohe Ke Chane Chabana Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।