लिटनर सिस्टम क्या है?

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leitner system in Hindi

एग्जाम की तैयारी तनावपूर्ण हो सकती है। अधिकांश स्टूडेंट्स को डर होता है कि वह एग्जाम के दौरान पढ़ा हुआ भूल जाएंगे। ऐसे में कुछ ऐसा मिल जाए जिससे आपको पढ़ा हुआ यद् रहे तो मजा आ जाता है। आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए लिटनर सिस्टम एक शानदार तरीका है। लिटनर सिस्टम सीखने की तकनीक है। इसके उपयोग से आप अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी बेहतर कर सकते हैं। इस ब्लाॅग में हम leitner system in Hindi कैसे काम करता है और इसके क्या लाभ हैं के बारे में विस्तार से जानेंगे। 

लिटनर सिस्टम का प्रयोग क्यों करें?

लिटनर सिस्टम मेमोराइजेशन के लिए एक दृष्टिकोण है। यह आपके दिमाग में जानकारी को रटने के बजाय स्टूडेंट्स को समय की अवधि में उसे सीखने के लिए प्रोत्साहित करता है। Leitner system in Hindi का प्रयोग क्यों करें के बारे में कुछ पॉइंट्स नीचे बताएं गए हैं:

  • Leitner system in Hindi दिमाग को उत्तेजना प्रदान करता है। 
  • सक्रिय रूप से सवालों के जवाब देने और हमारे द्वारा अध्ययन की गई जानकारी को याद करने के लिए लिटनर सिस्टम हमें लंबे समय तक हमारे दिमाग में मौजूद जानकारी तक पहुंचने में मदद करता है।
  • यह सिस्टम दिमाग की शक्ति और सीखने को बढ़ाने के लिए स्पेस्ड रिपीटिशन की अवधारणा पर केंद्रित है। 
  • एक ही बार में सब कुछ रटने के बजाय, छात्रों को समय-समय पर सीखने को अलग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। 
  • जब हमारा दिमाग एक साथ बड़ी मात्रा में जानकारी ले रहा होता है तो हम कुछ चीजें भूज जाते हैं। अक्सर, हमारा दिमाग सभी सूचनाओं को एक साथ समाहित नहीं कर पाता है, जिससे यह अधिक संभावना है कि हम अधिकांश अवधारणाओं को भूल जाएंगे। लिटनर सिस्टम के माध्यम से सूचना को सक्रिय रूप से याद करने और ध्यान केंद्रित करने से हमारे दिमाग में चीजें आसानी से प्रभावी हो जाती हैं।

लिटनर सिस्टम के नियम

1970 के दशक में लिटनर सिस्टम (leitner system) को जर्मन साइंस जर्नलिस्ट सेबस्टियन लीटनर द्वारा बनाया गया था। यह ट्रैक करने के लिए कई बाॅक्स का उपयोग करता है और आपको प्रत्येक फ्लैशकार्ड का अध्ययन करने की आवश्यकता होती है। यह तीन नियमों के आधार पर काम करता है, जो कि निम्न हैं-

  • Box 1: रोज (Every Day)
  • Box 2: प्रत्येक दूसरे दिन (Every Other Day)
  • Box 3: सप्ताह में एक बार (Once a Week)

प्रत्येक फ्लैशकार्ड बॉक्स 1 में शुरू होगा। अगर आप फ्लैशकार्ड का सही उत्तर देते हैं तो कार्ड को बॉक्स 2 में ले जाएं। यदि आप फ्लैशकार्ड का गलत उत्तर देते हैं तो कार्ड को बॉक्स 1 में वापस रखें। बॉक्स 1 में प्रत्येक फ्लैशकार्ड के लिए इस मैथड का पालन करें। बाद में आप देखेंगे कि कुछ अवधारणाएं (Concepts) बॉक्स 1 में बनी हुई हैं, इसका मतलब है कि ये कॉन्सेप्ट आपके लिए अधिक कठिन हैं और इनके लगातार अध्ययन की आवश्यकता है। 

दूसरी ओर जो कार्ड बॉक्स 2 में हैं, वे ऐसे कॉन्सेप्ट हैं, जिनसे आप अधिक परिचित हैं, इसलिए आपको बार-बार उनका अध्ययन (रीडिंग) करने की आवश्यकता नहीं है। जब आपको कोई कार्ड सही मिलता है तो आप उसे अगले बॉक्स में ले जाते हैं। हर बार जब आपको कोई कार्ड गलत मिलता है, तो आप उसे वापस पिछले बॉक्स में ले जाते हैं।

प्रत्येक दिन पर एक ही मेथड का पालन करें, जब तक आपके सभी कार्ड अंतिम बॉक्स में नहीं चले जाते। आपने अपने बाॅक्सों को कैसे लेवल किया है और किस तरह अपना रीडिंग कैलेंडर बनाया है, इस पर निर्भर रहते हुए आप कुछ दिनों में फ्लैशकार्ड के केवल एक बाॅक्स का अध्ययन कर सकते हैं और अन्य दिनों में कई बाॅक्सों का अध्ययन कर सकते हैं।

लिटनर सिस्टम का प्रयोग जानिए

Leitner system in Hindi का प्रयोग करने से पहले आपको इसे अच्छे से समझना चाहिए और लिटनर सिस्टम के माध्यम से आप अपनी तैयारी किस तरह बेहतर कर सकते हैं, इसके बारे में जानने के लिए हमें लिटनर सिस्टम को शुरू करना और इसका सही प्रयोग करने के लिए निम्न तरीके अपनाने चाहिए-

  • फिजिकल या इलेक्ट्रानिक कार्ड्स तैयार करें (एक काॅन्सेप्ट-एक कार्ड)।
  • रीडिंग टाइम ड्यूरेशन के साथ 3 से 5 इलेक्ट्रॉनिक या फिजिकल बाॅक्स लेबल करें, जैसे- कार्ड के लिए बॉक्स 1 हर दिन समीक्षा की जानी चाहिए और कार्ड के लिए बॉक्स 2 की प्रत्येक दूसरे दिन समीक्षा करनी चाहिए।)
  • संगठनात्मक उद्देश्य (Organizational Purposes) के लिए अपने कैलेंडर में अपना रीडिंग टाइम जोड़ें।
  • एक फ्लैशकार्ड बनाएं, जिसमें एक कार्ड-एक काॅन्सेप्ट के लिए हो।
  • रीडिंग ड्यूरेशन के साथ तीन से पांच बक्सों को लेबल करें। जैसे- एक बॉक्स की समीक्षा हर दिन की जानी है, दूसरे बॉक्स की मंगलवार और गुरुवार को और शनिवार को तीसरे बॉक्स की समीक्षा की जानी है।

जानिए क्या हैं लिटनर सिस्टम के उदाहरण?

कोई भी व्यक्ति जो कुछ नया सीखना चाहता है और सीखा हुआ याद रखना चाहता है, उसके लिए Leitner system in Hindi का प्रयोग आवश्यक हो जाता है। लिटनर सिस्टम सब्जेक्ट्स और एग्जाम की तैयारी को आसान करने में मदद करता है। नीचे हम लिटनर सिस्टम के उदाहरण से समझेंगे कि यह कैसे काम करता और एग्जाम की तैयारी बेहतर करने में स्टूडेंट्स की मदद करता है-

  • अगर आप किसी भी सब्जेक्ट्स में कोई टाॅपिक समझने में कठिनाई आती है तो आप लिटनर सिस्टम की मदद से उसे आसानी से समझ सकते हैं। 
  • लिटनर सिस्टम आपको चीजें याद करने और रखने में मदद करता है।
  • स्पेस्ड रिपीटिशन= टेस्टिंग + टाइमिंग
  • लिटनर सिस्टम एग्जाम की तैयारी के लिए अच्छा माना गया है।
  • लाॅ, मेडिकल और एमबीए के स्टूडेंट्स के लिए लिटनर सिस्टम आदर्श कहा गया है।

लिटनर सिस्टम के फायदे क्या होते हैं?

Leitner system in Hindi कई लाभ प्रदान करता है, जोकि निम्न हैं-

  • लिटनर सिस्टम हमारे एग्जाम के लिए सीखे जाने वाले काॅन्सेप्ट्स को याद करने में मदद करता है। 
  • लिटनर सिस्टम स्टूडेंट्स की याद रखने की प्रक्रिया में सुधार करता है।
  • यह सिस्टम एक ही बार में जानकारी को रटने की तुलना में अधिक आसान है।
  • इस सिस्टम को क्रियान्वित करने से स्टूडेंट्स अपने मजबूत और कमजोर काॅन्सेप्ट्स को स्पष्ट कर पाते हैं। यह स्पष्टता स्मार्ट तरीके से रीडिंग करने और एग्जाम के लिए अच्छे से रिवीजन करने में मदद करती है।
  • यह सिस्टम स्टूडेंट्स के लर्निंग प्रोसेस बढ़ाता है।
  • लिटनर सिस्टम कम समय लेने वाली तकनीक है और इतिहास (History), व्यावसायिक अध्ययन (Business Study), राजनीति विज्ञान (Political Science) आदि थेओरोटिकल सब्जेक्ट्स को समझने में आसान बनाता है।

FAQs

फ्लैशकार्ड्स कैसे बनाते हैं?

फ्लैशकार्ड्स कई तरीके से बना सकते हैं। अपने हाथों से और एप्स की मदद से फ्लैशकार्ड्स तैयार कर सकते हैं।

लिटनर सिस्टम के फायदे क्या हैं?

लिटनर सिस्टम छात्रों की याद रखने की प्रक्रिया में सुधार करता है। यह जानकारी को रटने की तुलना में अधिक आसान है। इस सिस्टम के प्रयोग से स्टूडेंट्स अपने काॅंसेप्ट्स को क्लियर कर सकते हैं।

लिटनर सिस्टम में कितने बाॅक्स का इस्तेमाल होता है?

लिटनर सिस्टम में आमतौर पर 3 बाॅक्स होते हैं, कई बार यह 3 तीन से अधिक होती है।

आशा करते हैं कि Leitner system in Hindi ब्लाॅग में आपको लिटनर सिस्टम के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। यदि आपको यह ब्लॉग पसंद आया है, तो इसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ शेयर ज़रूर करें। ऐसे ही अन्य रोचक, ज्ञानवर्धक और आकर्षक ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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