भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जीवन परिचय – Lal Bahadur Shastri in hindi

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लाल बहादुर शास्त्री का जीवन परिचय

जय जवान जय किसान का नारा देने वाले भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री भारत की घरती पर जन्मे ऐसे महापुरुषों में से हैं, जिन्होंने परिश्रम, कर्तव्य और आचरण से ना केवल अपने देश का मान बढ़ाया बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी मिसाल पेश की है। इस वर्ष 2 अक्टूबर 2024 को भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 120वीं जयंती मनाई जा रही है। आइए जानते हैं उत्कृष्ट राजनेता लाल बहादुर शास्त्री का जीवन परिचय के बारे में विस्तार से। 

जन्म2 अक्टूबर 1904
जन्म स्थानमुगलसराय, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
पिता का नामशारदा प्रसाद श्रीवास्तव
माता का नामरामदुलारी देवी
राजनीतिक संघभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC)
आंदोलनभारतीय स्वतंत्रता आंदोलन
प्रसिद्ध नारा जय जवान जय किसान
मृत्यु11 जनवरी, 1966
स्मारकविजय घाट, नई दिल्ली

लाल बहादुर शास्त्री का जीवन परिचय (Lal Bahadur Shastri Ka Jiwan Parichay)

लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी से सात मील दूर एक छोटे से रेलवे टाउन, मुगलसराय में हुआ था। उनके पिता ‘शारदा प्रसाद श्रीवास्तव’ एक स्कूल शिक्षक थे। जब लाल बहादुर शास्त्री केवल डेढ़ वर्ष के थे तभी उनके पिता का देहांत हो गया था। तब उनकी माँ ‘रामदुलारी देवी’ अपने तीनों बच्चों के साथ अपने पिता के घर मिर्जापुर जाकर बस गईं। 

यहीं पर शास्त्री जी का पालन पोषण हुआ और उनकी प्राथमिक शिक्षा शुरू हुई। कहा जाता है कि उस छोटे-से शहर में शास्त्री जी की स्कूली शिक्षा कुछ खास नहीं रही उन्होंने वहाँ काफी विषम परिस्थितियों में शिक्षा हासिल की। वहीं उन्हें स्कूल जाने के लिए रोजाना मीलों पैदल चलना और नदी पार करनी पड़ती थी।  

बड़े होने के साथ ही शास्त्री जी ब्रिटिश हुकूमत से आजादी के लिए देश के संघर्ष में अधिक रुचि रखने लगे। वे भारत में ब्रिटिश शासन का समर्थन कर रहे भारतीय राजाओं की महात्मा गांधी द्वारा की गई निंदा से अत्यंत प्रभावित हुए थे। शास्त्री जी जब केवल ग्यारह वर्ष के थे तब से ही उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर कुछ करने का मन बना लिया था।

Lal Bahadur Shastri Biography in Hindi

लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे। भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु के बाद 9 जून 1964 को उन्होंने प्रधानमंत्री का पद संभाला। लाल बहादुर शास्त्री का जन्म मुगलसराय में 2 अक्टूबर 1904 में हुआ था। उनका आधिकारिक नाम लाल बहादुर वर्मा था। लाल बहादुर शास्त्री का निधन 11 जनवरी 1966 को हुआ था।

स्वतंत्रता-पूर्व लाल बहादुर शास्त्री का जीवन परिचय 

लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri in hindi) के जीवन के बारे में दो हिस्सों में लिखा जा सकता है। एक स्वतंत्रता से पहले का और दूसरा स्वतंत्रता के बाद का। शास्त्री जी स्वतंत्रता के पहले आजादी की लड़ाई के प्रमुख सिपाही थे। वे स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़ चढ़ कर भाग लेते थे। आंदोलन के लिए उन्होंने अपनी पढ़ाई से भी समझौता किया। वर्ष 1930 में शास्त्री जी को कांग्रेस कमेटी के स्थानीय इकाई का सचिव बनाया गया था। शास्त्री जी स्वतंत्रता आंदोलन के उन सिपाहियों में शामिल हैं जिन्हें 1942 में ब्रिटिश गर्वेमेंट द्वारा जेल में बंद किया गया था।

स्वतंत्रता-बाद लाल बहादुर शास्त्री का जीवन परिचय

लाल बहादुर शास्त्री नें स्वतंत्रता आंदोलन में तो अहम भूमिका निभाई ही, देश के आजाद होने के बाद उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वो आजादी के बाद उत्तर प्रदेश में पुलिस मंत्री भी रहे थे। इसके बाद पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उन्हें रेल मंत्री के पद दिया। पर शास्त्री जी के लिए नैतिका सबसे उपर थी , 1956 में हुई एक रेल दुर्धटना के कारण उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वे एक बार फिर 1957 में परिवहन और संचार मंत्री बने। इसके बाद 1961 में वे गृह मंत्री बनाए गये।

जब मिली ‘शास्त्री’ की उपाधि 

वर्ष 1925 में काशी विद्यापीठ (वाराणसी) से ग्रेजुएट होने के बाद उन्हें “शास्त्री” की उपाधि दी गई थी। बता दें कि ‘शास्त्री’ शब्द एक ‘विद्वान’ या एक ऐसे व्यक्ति को इंगित करता है जिसे शास्त्रों का अच्छा ज्ञान हो। काशी विद्यापीठ से ‘शास्त्री’ की उपाधि मिलने के बाद उन्होंने जन्म से चला आ रहा सरनेम ‘श्रीवास्तव’ हमेशा हमेशा के लिये हटा दिया और अपने नाम के आगे ‘शास्त्री’ लगा लिया। इसके पश्चात् शास्त्री शब्द लालबहादुर के नाम का पर्याय ही बन गया। 16 मई 1928 में शास्त्री जी का विवाह मिर्जापुर निवासी गणेशप्रसाद की पुत्री ललिता से हुआ। उन्होंने अपनी शादी में दहेज लेने से इनकार कर दिया था। लेकिन अपने ससुर के बहुत जोर देने पर उन्होंने कुछ मीटर खादी का दहेज लिया था। 

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में शास्त्री जी की अहम भूमिका

जब गांधी जी ने असहयोग आंदोलन में शामिल होने के लिए देशवासियों से एकजुट होने का आह्वान किया था, उस समय शास्त्री जी केवल सोलह वर्ष के थे। उन्होंने महात्मा गांधी के इस आह्वान पर अपनी पढ़ाई छोड़ देने का निर्णय कर लिया था। वर्ष 1930 में महात्मा गांधी ने नमक कानून को तोड़ते हुए दांडी यात्रा शुरू की। इस प्रतीकात्मक सन्देश ने पूरे देश में एक तरह की क्रांति ला दी। शास्त्री जी विह्वल ऊर्जा के साथ स्वतंत्रता के इस संघर्ष में शामिल हो गए। उन्होंने कई विद्रोही अभियानों का नेतृत्व किया एवं कुल सात वर्षों तक ब्रिटिश जेलों में रहे। आजादी के इस संघर्ष ने उन्हें पूर्णतः परिपक्व बना दिया। स्वतंत्रता संग्राम के जिन जन आन्दोलनों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही उनमें वर्ष 1921 का ‘असहयोग आंदोलन’, वर्ष 1930 का ‘दांडी मार्च’ तथा वर्ष 1942 का ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ महत्वपूर्ण हैं।

लाल बहादुर शास्त्री जी की राजनितिक उपलब्धियां 

भारत की स्वतंत्रता के बाद बाद जब कांग्रेस सत्ता में आई और वर्ष 1946 में जब कांग्रेस सरकार का गठन हुआ। तो शास्त्री जी को अपने गृह राज्य उत्तर प्रदेश का संसदीय सचिव नियुक्त किया गया और जल्द ही वे गृह मंत्री के पद पर भी आसीन हुए। इसके बाद वे 1951 में नई दिल्ली आ गए एवं केंद्रीय मंत्रिमंडल के कई विभागों का प्रभार संभाला इनमें रेल मंत्री, परिवहन एवं संचार मंत्री, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, गृह मंत्री एवं नेहरू जी की बीमारी के दौरान बिना विभाग के मंत्री रहे। 

9 जून 1964 को लाल बहादुर शास्त्री जी ने भारत के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला। उन्होंने देश की प्रगति के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य और निर्णय लिए जिसमें दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय अभियान श्वेत क्रांति को बढ़ावा दिया। वहीं भारत में खाद्य उत्पादन को बढ़ाने के लिए हरित क्रांति को बढ़ावा दिया। 

जब शास्त्री जी ने दिया ‘जय जवान जय किसान’ का ऐतिहासिक नारा

वर्ष 1964 में लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri in hindi) देश के दूसरे प्रधानमंत्री बने। इस दौरान अन्न संकट के कारण देश भुखमरी की स्थिति से गुजर रहा था। वहीं 1965 में भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान देश आर्थिक संकट से जूझ रहा था। उसी दौरान अमरीकी राष्ट्रपति लिंडन ने शास्त्री जी पर दबाव बनाया कि अगर पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई बंद नहीं की गई तो हम गेहूँ के आयात पर प्रतिबंध लगा देंगे। यह वो समय था जब भारत गेहूँ के उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं था इसलिए शास्त्री जी ने देशवासियों को सेना और जवानों का महत्व बताने के लिए ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया था। इस संकट के काल में शास्त्री जी ने अपनी तनख्वाह लेना भी बंद कर दिया था और देशवासियों से कहा कि हम हफ़्ते में एक दिन का उपवास करेंगे। 

पाकिस्तान के साथ वर्ष 1965 का युद्ध खत्म करने के लिए वह समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए ताशकंद में पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान से मिलने गए थे लेकिन इसके ठीक एक दिन बाद 11 जनवरी 1966 को अचानक खबर आई कि हार्ट अटैक से उनकी मृत्यु हो गई है। हालांकि उनकी मृत्यु पर वर्तमान समय में भी संदेह बरकरार है।   

लाल बहादुर शास्त्री जी के अनमोल विचार 

यहाँ लाल बहादुर शास्त्री जी के कुछ अनमोल विचारों के बारे में बताया जा रहा है। जिन्हें आप नीचे दिए गए बिंदुओं में देख सकते हैं:-

  • जब स्वतंत्रता और अखंडता खतरे में हो, तो पूरी शक्ति से उस चुनौती का मुकाबला करना ही एकमात्र कर्त्तव्य होता है, हमें एक साथ मिलकर किसी भी प्रकार के अपेक्षित बलिदान के लिए दृढ़तापूर्वक तत्पर रहना है।
  • लोगों को सच्चा लोकतंत्र और स्वराज कभी भी हिंसा और असत्य से प्राप्त नहीं हो सकता।
  • देश की तरक्की के लिए हमें आपस में लड़ने के बजाय गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ना होगा।
  • आजादी की रक्षा केवल सैनिकों का काम नही है, पूरे देश को मजबूत होना होगा। 
  • हम सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि समस्त विश्व के लिए शांति और शांतिपूर्ण विकास के लिए विशवास करते हैं।

FAQs

लाल बहादुर शास्त्री का जन्म कहाँ हुआ था?

लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को उत्तर प्रदेश के मुग़लसराय के रामनगर नामक गाँव में हुआ था। 

शास्त्री जी का नारा क्या था?

शास्त्री जी का नारा था जय जवान जय किसान

लाल बहादुर शास्त्री कौन से नंबर के प्रधानमंत्री थे?

लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे।

शास्त्री जी प्रधानमंत्री कब बने थे?

31 मई 1964

शास्त्री का पूरा नाम क्या था?

लाल बहादुर श्रीवास्तव

पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय 

यहाँ भारत के दूसरे प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री का जीवन परिचय (Lal Bahadur Shastri in hindi) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं:-

के.आर. नारायणनडॉ. एपीजे अब्दुल कलाममहात्मा गांधी
पंडित जवाहरलाल नेहरूसुभाष चंद्र बोस बिपिन चंद्र पाल
गोपाल कृष्ण गोखलेलाला लाजपत रायसरदार वल्लभभाई पटेल
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी मुंशी प्रेमचंद रामधारी सिंह दिनकर 
सुमित्रानंदन पंतअमरकांत आर.के. नारायण
मृदुला गर्ग अमृता प्रीतम मन्नू भंडारी
मोहन राकेशकृष्ण चंदरउपेन्द्रनाथ अश्क
फणीश्वर नाथ रेणुनिर्मल वर्माउषा प्रियंवदा
हबीब तनवीरमैत्रेयी पुष्पा धर्मवीर भारती
नासिरा शर्माकमलेश्वरशंकर शेष
असग़र वजाहतसर्वेश्वर दयाल सक्सेनाचित्रा मुद्गल
ओमप्रकाश वाल्मीकिश्रीलाल शुक्लरघुवीर सहाय
ज्ञानरंजनगोपालदास नीरजकृष्णा सोबती
रांगेय राघवसच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’माखनलाल चतुर्वेदी 
दुष्यंत कुमारभारतेंदु हरिश्चंद्रसाहिर लुधियानवी
जैनेंद्र कुमारभीष्म साहनीकाशीनाथ सिंह

आशा है कि आपको भारत के दूसरे प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री का जीवन परिचय (Lal Bahadur Shastri in hindi) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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