भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ ज्यादातर लोग खेती पर निर्भर करते हैं। ऐसे में किसानों तक नई तकनीकों, सरकारी योजनाओं और मदद पहुँचाने के लिए कृषि अधिकारियों की बेहद ज़रूरत होती है। कृषि अधिकारी वह व्यक्ति होते हैं जो किसानों को खेती, बीज, खाद, सिंचाई और सरकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से सलाह देते है। लेकिन क्या आप जानते हैं कृषि अधिकारी कैसे बनते हैं? तो आज इस ब्लॉग में हम आपको कृषि अधिकारी बनने का पूरा स्टेप-बाय स्टेप रास्ता बताएंगे, ताकि आप कृषि अधिकारी के बनने के सफर में सही शुरुआत कर सकें।
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कृषि अधिकारी कौन होता है?
कृषि अधिकारी वो विशेषज्ञ होते हैं जिनका काम किसानों की खेती को आसान, आधुनिक और लाभदायक बनाना है। ये किसानों को बताते हैं कि किस मौसम में कौन-सी फसल अच्छी चलेगी, कौन-सा बीज इस्तेमाल करना चाहिए, उर्वरक और दवाइयों का सही तरीका क्या है और पानी या कीटों की समस्या कैसे संभालनी है। यह वैज्ञानिक तरीकों से खेती का सही रास्ता निकालते हैं। इसके साथ ही यह किसानों को सरकारी योजनाओं की जानकारी भी देते हैं ताकि किसान उनका पूरा लाभ उठा सकें।
कृषि अधिकारी बनने के लिए स्टेप-बाय-स्टेप गाइड
सबसे पहले हम आपको कृषि अधिकारी बनने के सभी स्टेप विस्तार से समझाएंगे, ताकि आप यह समझ जाएं कि कृषि अधिकारी बनने की शुरूआत कहां से होती है और कौन-कौन से चरण हैं जिन्हें आपको तय करने पड़ेंगे।
स्टेप 1: 12वीं के बाद सही स्ट्रीम चुनें
कृषि अधिकारी बनने के शुरूआत कक्षा 12वीं से ही हो जाती है। जहां आपको 12वीं कक्षा, साइंस स्ट्रीम यानि पीसीएमबी या फिर पीसीबी से करनी होती है। यदि 12वीं में आपके पास एग्रीकल्चर विषय था तो इससे कई अतिरिक्त लाभ भी मिलते हैं। इसीलिए कृषि अधिकारी बनने के लिए 12वीं में आपके पास ये विषय होने चाहिए।
स्टेप 2: कृषि क्षेत्र में सही डिग्री कोर्स चुनें
कृषि अधिकारी बनने के लिए सही डिग्री चुनना बहुत महत्वपूर्ण है। कृषि अधिकारी बनने के लिए कई कोर्स उपलब्ध हैं, जिन्हें कर आप एक सफल कृषि अधिकारी बनने की दिशा में कदम रख सकते हैं। नीचे सबसे मुख्य डिग्री और उनका विवरण दिया गया है:
A. कृषि अधिकारी के लिए कौन-से डिग्री कोर्स जरूरी हैं?
| कोर्स | अवधि | विशेषताएं |
| बी.एससी. एग्रीकल्चर | 4 साल | यह खेती, मिट्टी, फसल, उर्वरक और कीट प्रबंधन का सबसे पूरा और मुख्य कोर्स है। |
| बी.एससी. होर्टीकल्चर | 4 साल | यह आपको फल, फूल और सब्ज़ियों की खेती में एक्सपर्ट बनाता है। |
| बी.एससी. फॉरेस्ट्री | 4 साल | इससे आपको जंगल, पेड़-पौधों और पर्यावरण संरक्षण का ज्ञान प्राप्त होता है। |
| बी.एससी. एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग | 4 साल | इससे खेती में मशीनों और आधुनिक तकनीक का अध्ययन कराया जाता है। |
बी.एससी डेयरी/हसबैंडरी | 4 साल | इसमें दूध उत्पादन, पशु स्वास्थ्य और डेयरी प्रबंधन सिखाया जाता है। |
बी.एससी फूड टेक्नोलॉजी | 3–4 साल | इसमें फूड प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी, फूड केमिस्ट्री और पोषण विज्ञान जैसे अन्य विषयों के बारे में पढ़ाया जाता है। |
बी.एससी एग्री-बिज़नेस | 3–4 साल | इससे कृषि व्यवसाय, मार्केटिंग और फाइनेंस का ज्ञान प्राप्त होता है। |
बी.एससी सॉयल साइंस | 4 साल | इसमें मिट्टी की संरचना, उर्वरता, पोषक तत्व, सिंचाई और भूमि सुधार के तरीके सीखाए जाते हैं। |
बी.एससी ऑर्गेनिक फार्मिंग | 3–4 साल | इसमें आपको ऑर्गेनिक फार्मिंगके तरीके बताए जाते हैं। |
B. कृषि अधिकारी के लिए भारत के टॉप कॉलेज
नीचे कृषि अधिकारी कोर्स करने के लिए प्रमुख कॉलेज उनके रैंकिंग और स्थान के साथ दिए गए है:
| रैंक | कॉलेज | स्थान | उपलब्ध कोर्सेज | कुल फीस |
| 1 | भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) | दिल्ली | बी.एससी. कृषि, एम.एससी. कृषि, पीएच.डी., डिप्लोमा कोर्स | लगभग 51,850 रूपए। |
| 2 | राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (NDRI) | करनाल | बी.टेक डेयरी टेक्नोलॉजी, एम.टेक, पीएच.डी., सर्टिफिकेट कोर्स | लगभग 1.04 लाख रूपए। |
| 3 | पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (PAU) | लुधियाना | बी.एससी. कृषि, बी.एससी. बागवानी, एम.एससी. कृषि, पीएच.डी. | लगभग 3.12 लाख रूपए। |
| 4 | बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) | वाराणसी | बी.एससी. कृषि, बी.टेक. कृषि इंजीनियरिंग, एम.एससी., पीएच.डी. | लगभग 1.70 लाख रूपए। |
| 5 | तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय | कोयंबटूर | बी.एससी. कृषि, बी.एससी. बागवानी, बी.टेक. कृषि इंजीनियरिंग, एम.एससी., पीएच.डी | लगभग 1.65 लाख रूपए। |
नोट: ध्यान दें कॉलेज की कुल फीस कोर्सेज पर निर्भर करती है, जिसका बदलना संभव है।
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C. इन कॉलेजों में एडमिशन कैसे लें?
कृषि अधिकारी बनने के लिए जब आप सही कोर्स और कॉलेज चुन लेते हैं, तो अगला चरण एडमिशन एंट्रेंस एग्ज़ाम देने का होता है। भारत में कृषि से जुड़ी डिग्रियों में प्रवेश लेने के लिए कई प्रकार के परीक्षाएँ होती हैं। नीचे सबसे मुख्य और ज़्यादा मान्यता प्राप्त एंट्रेंस एग्ज़ाम दिए गए हैं:
| एंट्रेंस एग्जाम | संस्थान |
| CUET–UG | यह परीक्षा सेंट्रल यूनिवर्सिटी में बी.एससी एग्रीकल्चर जैसे कोर्सों में एडमिशन लेने के लिए ली जाती है।यदि आप सरकारी या अच्छे केंद्रीय कृषि कॉलेज से पढ़ना चाहते हैं, तो CUET एग्जाम बहुत अहम है। |
| ICAR–AIEEA / NTA एग्रीकल्चर एग्जाम | इस एग्जाम के ज़रिये देश की मशहूर कृषि विश्वविद्यालयों में बी.एससी, बी.टेक (Agri) और अन्य कृषि कोर्सों में एडमिशन मिलता है। इसे कृषि क्षेत्र का सबसे बड़ा और प्रतिष्ठित एंट्रेंस माना जाता है। |
| राज्य स्तरीय कृषि प्रवेश परीक्षाएँ | MHT-CET (एग्रीकल्चर) – महाराष्ट्र राजस्थान JET बिहार BCECE यूपी एग्रीकल्चर प्रवेश परीक्षा एमपी पैट तेलंगाना EAMCET (अग्री) एपी EAMCET (अग्री) |
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स्टेप 3: पढ़ाई के दौरान ज़रूरी स्किल्स विकसित करें
- ज्ञान- खेती, फसल, मिट्टी, बीज, खाद और कीट-नाशक की अच्छी जानकारी होनी आवश्यक है।
- समझ- इसके लिए किसानों की समस्याएँ समझकर सही समाधान देने की क्षमता होनी ज़रूरी है।
- फील्डवर्क- गांव और खेतों में जाकर काम करने की आदत और व्यावहारिक अनुभव होना ज़रूरी है।
- अच्छी भाषा- किसानों से सरल भाषा में बात करने के लिए अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्स ज़रूरी हैं।
- रिपोर्टिंग- रिपोर्ट बनाना, कागज़ी काम और डेटा संभालने की क्षमता होनी चाहिए।
- तकनीक- नई कृषि तकनीक, ड्रोन, सेंसर और एग्री-टेक टूल्स की जानकारी होनी चाहिए।
- अपडेट- मॉडर्न खेती तरीकों और क्रॉप प्रोडक्शन का ताज़ा ज्ञान होना चाहिए।
- टीमवर्क- किसानों और सहकर्मियों के साथ मिलकर काम करने की क्षमता होनी चाहिए।
- योजनाएँ- सरकारी कृषि योजनाओं, सब्सिडी और नीतियों की सामान्य जानकारी होना ज़रूरी है।
स्टेप 4: कृषि क्षेत्र में इंटर्नशिप या प्रैक्टिकल ट्रेनिंग करें
कृषि अधिकारी बनने के लिए कोर्स पूरा करने के बाद आपको कृषि विज्ञान केन्द्र, ICAR इंस्टीट्यूट और स्टेट एग्रीकल्चर जैसे विभागों से इंटर्नशिप या फिर प्रैक्टिकल ट्रेनिंग करनी चाहिए। यहां काम करने से आपको ग्राउंड लेवल का अनुभव मिलता है। सरकारी विभागों के अनुभव आपके भविष्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसकी सहायता से आप इंटरव्यू में रियल लाइफ एग्ज़ाम्पल दे पाते हैं, जो आपको करियर के लिए अच्छा स्कोप बन सकता है।
स्टेप 5: कॉलेज के बाद कृषि अधिकारी बनने के लिए भर्ती प्रक्रिया
कॉलेज या डिग्री पूरा करने के बाद, अब आप सीधे कृषि अधिकारी बनने के लिए भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा लेते हैं। कृषि अधिकारी बनने के लिए राज्य और केंद्रीय स्तर पर अलग-अलग परीक्षाएँ होती हैं। इस प्रक्रिया में कई स्टेप्स होते हैं, जिन्हें पूरा करना अनिवार्य है। नीचे हर स्टेप को विस्तार से बताया गया है:
ऑनलाइन आवेदन
- सबसे पहले संबंधित राज्य कृषि सेवा आयोग, PSC या UPSC की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।
- ऑनलाइन फॉर्म भरें और सभी आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें।
- पहचान प्रमाण (Aadhaar, PAN, Passport)
- डिग्री / मार्कशीट
- जन्म प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
- फोटो और सिग्नेचर
- आवेदन शुल्क जमा करें।
प्रारंभिक परीक्षा
- यह एक MCQ आधारित परीक्षा होती है।
- इसमें कृषि विज्ञान, सामान्य विज्ञान और सामान्य ज्ञान से जुड़े सवाल आते हैं।
- इस चरण को पास करना जरूरी है, तभी आप अगले चरण में जा सकते हैं।
मुख्य परीक्षा
- मेन्स लिखित परीक्षा होती है।
- इसमें कृषि विषय, फसल उत्पादन, मिट्टी विज्ञान, बीज, उर्वरक, सिंचाई और जल प्रबंधन जैसे विषयों पर गहराई से सवाल पूछे जाते हैं।
- अच्छे अंक लाने के लिए पिछले सालों के प्रश्नपत्रों और मॉक टेस्ट से तैयारी बहुत मददगार होती है।
इंटरव्यू
- मेन्स पास करने के बाद आपको इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है।
- इंटरव्यू में उम्मीदवार से ग्रामीण क्षेत्र की खेती, किसानों की समस्याएँ, सरकारी योजनाओं और नई कृषि तकनीकों के बारे में सवाल पूछे जाते हैं।
- यहाँ आपका व्यावहारिक अनुभव, संवाद कौशल और समाधान देने की क्षमता परखा जाता है।
मेडिकल टेस्ट और दस्तावेज़ सत्यापन
- इंटरव्यू में पास होने के बाद मेडिकल टेस्ट होता है, जिसमें आपकी शारीरिक फिटनेस, आंखें और सामान्य स्वास्थ्य जांचा जाता है।
- इसके बाद दस्तावेज़ सत्यापन होता है। इसमें आपकी डिग्री, उम्र प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र और अन्य जरूरी डॉक्यूमेंट्स की जांच होती है।
फाइनल चयन और पोस्टिंग
सभी चरणों के सफलतापूर्वक पूरा हाने के बाद आपकी पोस्टींग एककृषि अधिकारी के तौर पर निम्न विभागों में की जाती है:
- कृषि विभाग
- कृषि विज्ञान केंद्र
- जिला कृषि कार्यालय
- ब्लॉक कृषि कार्यालय
कृषि अधिकारी बनने के बाद करियर स्कोप और सैलरी
परीक्षा पास करने और चयन होने के बाद आपके सामने नौकरी के कई विकल्प खुल जाते हैं। आप सरकारी विभागों से लेकर बैंकों और रिसर्च संस्थानों तक अलग-अलग जगह काम कर सकते हैं। सरकारी सेक्टर में कृषि अधिकारी की शुरुआती सैलरी 40 से 50 हज़ार प्रति माह होती है। अनुभव बढ़ने पर यह सैलरी 1 लाख से जयादा भी हो सकती है। इसके अलावा उन्हें कई भत्ते और सुविधाएं भी मिलती है। नौकरी के प्रमुख क्षेत्र निम्नलिखित है:-
- राज्य कृषि विभाग
- कृषि फील्ड अधिकारी
- राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक
- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद
- भारतीय खाद्य निगम
FAQs
कृषि अधिकारी बनने के लिए मूल रूप से संबंधित क्षेत्र (जैसे B.Sc एग्रीकल्चर या अन्य कृषि-संबंधित विषय) में स्नातक डिग्री होना जरूरी है। 12वीं (साइंस स्ट्रीम) पास होना इस तरह की डिग्री में एडमिशन लेने की शुरुआती शर्त है, लेकिन केवल 12वीं पास उम्मीदवार सीधे कृषि अधिकारी पद के लिए पात्र नहीं माने जाते।
कृषि अधिकारी बनने के लिए राज्य या केंद्र द्वारा आयोजित संबंधित प्रवेश परीक्षा पास करनी होती है।
कृषि अधिकारी की कौन‑सी परीक्षा आसान यह कहना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन कुछ मामलों में राज्य स्तर की भर्ती परीक्षा और बैंकों के एग्रीकल्चर फील्ड ऑफीसर बनने के लिए दी गई परीक्षा अपेक्षाकृत सरल होती है।
हाँ, प्राइवेट सेक्टर में एग्रीबिज़नेस कंपनियों, बीज / उर्वरक / कृषि इनपुट कंपनियों, खाद्य प्रसंस्करण, फार्म-मैनेजमेंट और सलाहकार सेवाओं में नौकरी के अवसर मौजूद हैं।
यदि आप 12वीं के बाद एग्रीकल्चर कोर्स करते हैं तो ग्रैजुएशन करने में आपको 3 से 4 साल लग सकते हैं। उसके बाद 1 से 2 साल एग्जाम की तैयारी में। कुल मिलाकर आपको 5 से 6 साल लगता है।
हमें उम्मीद है कि इस लेख से आपको कृषि अधिकारी बनने की पूरी जानकारी मिल गई होगी। अन्य करियर से संबंधित लेख पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
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