खोदा पहाड़ निकली चुहिया मुहावरे का अर्थ (Khoda Pahad Nikli Chuhiya Muhavare Ka Arth) होता है, जब कोई व्यक्ति किसी डरावनी चीज, मूवी या जगह को देखता है और देखकर उसके शरीर के बाल खड़े हो जाते हैं। वह अधिक डर जाता है। तो उसके लिए खोदा पहाड़ निकली चुहिया मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप खोदा पहाड़ निकली चुहिया मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
खोदा पहाड़ निकली चुहिया मुहावरे का अर्थ क्या है?
खोदा पहाड़ निकली चुहिया मुहावरे का अर्थ (Khoda Pahad Nikli Chuhiya Muhavare Ka Arth) होता है- अत्यधिक भए, शोक या प्रसन्नता से रोमांचित होना आदि।
खोदा पहाड़ निकली चुहिया पर व्याख्या
इस मुहावरे में “खोदा पहाड़ निकली चुहिया मुहावरे का अर्थ” रोहन बहुत बड़ा फेकू है, जब भी उससे बात करो वह कहता है की मेरे पास दुनिया की सबसे महंगी कार है, लेकिन आता ऑटो से है, ये तो वही बात है खोदा पहाड़ निकली चुहिया।
खोदा पहाड़ निकली चुहिया मुहावरे का वाक्य प्रयोग
खोदा पहाड़ निकली चुहिया मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है;
- अमर कंपनी खोलने की बड़ी बड़ी बाते करता था, परंतु क्लर्क की जॉब मिलते ही उसे ज्वाइन कर लिया। इसे ही कहते हैं खोदा पहाड़ निकली चुहिया।
- शुभम रात दिन एक करके बोर्ड एग्जाम की तैयारी करता रहा, पर जब रिजल्ट आया तो उसमें तृतीय श्रेणी से पास हुआ। इसे कहते हैं खोदा पहाड़ निकली चुहिया
- लाखों रुपए लगाकर जया ने शोरूम खोला था, परंतु मुनाफा उसे सिर्फ कुछ सौ रुपए का हुआ जया ने खोदा पहाड़ निकली चुहिया जैसा कार्य किया।
- मयंक ने पूरे मन से 20 बीघा जमीन पर खेती की, परंतु गेंहूं सिर्फ दो कुंतल ही हुए। मयंक ने खोदा पहाड़ और निकली चुहिया।
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आशा है कि खोदा पहाड़ निकली चुहिया मुहावरे का अर्थ (Khoda Pahad Nikli Chuhiya Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।