Kedarnath Singh Ka Jivan Parichay – मानवीय संवेदनाओं के कवि केदारनाथ सिंह का जीवन परिचय

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Kedarnath Singh Ka Jivan Parichay

Kedarnath Singh Ka Jivan Parichay : केदारनाथ सिंह आधुनिक हिंदी कविता में बिंब-विधान के श्रेष्ठ कवि हैं। इसके साथ ही वे प्रयोगवाद के प्रवर्तक सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय’ के संपादन में चर्चित कविता संकलन ‘तीसरा सप्तक’ के प्रतिष्ठित कवियों में से एक हैं। बता दें कि उनकी कविताओं के अनुवाद लगभग सभी भारतीय भाषाओं के अलावा स्पेनिश, जर्मन, रशियन और हंगेरियन आदि विदेशी भाषाओं में हो चुके हैं। उन्होंने मुख्यत: कविता, आलोचना और निबंध विधा को अपनी लेखनी से समृद्ध किया हैं। वहीं साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में अपना विशेष योगदान देने के लिए उन्हें भारत का सर्वोच्च साहित्य सम्मान ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से नवाजा गया था। साथ ही उन्हें ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’, ‘मैथलीशरण गुप्त राष्ट्रीय सम्मान’ ‘कुमारन आशान पुरस्कार’ आदि से सम्मानित किया जा चुका है।

बता दें कि केदारनाथ सिंह की कविता ‘बनारस’, ‘नए शहर में बरगद’, ‘बाघ’.नदी’, ‘बसंत’, ‘अकाल में दूब’ और ‘एक दिन हंसी-हंसी में’ आदि को विद्यालय के अलावा बीए और एमए के सिलेबस में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं। उनकी कृतियों पर कई शोधग्रंथ लिखे जा चुके हैं। वहीं, बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं।

इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी केदारनाथ सिंह का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है। आइए अब हम सुप्रसिद्ध कवि और साहित्यकार केदारनाथ सिंह का जीवन परिचय (Kedarnath Singh Ka Jivan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।

नाम केदारनाथ सिंह (Kedarnath Singh)
जन्म 07 जुलाई, 1934
जन्म स्थान चकिया गांव, बलिया जिला, उत्तर प्रदेश 
पिता का नाम डोमन सिंह
माता का नाम लालझरी देवी
शिक्षा एम.ए. व पीएचडी 
पेशा प्राध्यापक, कवि, लेखक, संपादक  
भाषा हिंदी 
साहित्य काल आधुनिक काल 
विधाएँ कविता, आलोचना, संपादन 
काव्य रचनाएँ ‘अभी, बिलकुल अभी’, ‘ज़मीन पक रही है’, ‘यहाँ से देखो’ और ‘अकाल में सारस’ आदि।
पुरस्कार एवं सम्मान ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’,  ‘मैथलीशरण गुप्त राष्ट्रीय सम्मान’ व ‘कुमारन आशान पुरस्कार’, दिनकर पुरस्कार और व्यास सम्मान आदि। 
निधन 19 मार्च 2018, नई दिल्ली 

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में हुआ था जन्म – Kedarnath Singh Ka Jivan Parichay

समादृत कवि-लेखक केदारनाथ सिंह का जन्म 7 जुलाई, 1934 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में चकिया नामक गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम ‘डोमन सिंह’ और माता का नाम ‘लालझरी देवी’ था। बताया जाता है कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुई थी। इसके बाद वे उच्च अध्ययन के लिए बनारस में रहे और ‘बनारस हिंदू विश्वविद्यालय’ से हिंदी में एम.ए किया। फिर वहीं से आधुनिक हिंदी कविता में बिंब विधान विषय पर पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। 

प्राध्यापक के रूप में की करियर की शुरुआत 

केदारनाथ सिंह पेशे से हिंदी के प्राध्यापक थे। बनारस से पीएचडी करने के उपरांत वे कुछ समय तक गोरखपुर में हिंदी प्राध्यापक रहे फिर वर्ष 1976 से 1999 तक जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के भारतीय भाषा केंद्र में बतौर आचार्य और अध्यक्ष के रूप में सेवानिवृत हुए। 

केदारनाथ सिंह का साहित्यिक परिचय 

केदारनाथ सिंह ने अध्यापन के साथ ही आधुनिक हिंदी साहित्य में अनुपम काव्य कृतियों का सृजन किया हैं। माना जाता है कि साहित्य के क्षेत्र में उनका पर्दापण काव्य लेखन से हुआ था। वे मूलत: मानवीय संवेदनाओं के कवि हैं। वहीं उनकी कविताओं में मानवता, पर्यायवरण, प्रकृति, भूमंडलीकरण और ग्रामीण समाज और संस्कृति आदि पर विचार व्यक्त होते हैं। उन्होंने अपनी कविताओं में बिंब विधान पर विशेष बल दिया है। 

वहीं उनकी कविताओं में शोर और हिंसा की बजाए विद्रोह का शांत और संयत स्वर सशक्त रूप में उभरता है। उनकी बहुचर्चित लंबी कविता ‘बाघ’ आधुनिक हिंदी काव्य में ‘मील का पत्थर’ मानी जाती है। इसके साथ ही वे काव्य पाठ के लिए विश्व के अनेक देशों में आमंत्रित किए जाते थे।

केदारनाथ सिंह की भाषा शैली 

केदारनाथ सिंह ने अपनी रचनाओं में बोलचाल की भाषा और ठेठ देशी जुमलों का प्रयोग किया है। वहीं जटिल विषयों पर बेहद सरल और आम भाषा में लेखन उनकी रचनाओं की विशेषता है। ग्रामीण जीवन और प्रकृति की आभा के कई सजीव चित्र उनकी रचनाओं में देखने को मिलते हैं। 

तीसरे तार सप्तक के प्रमुख कवि 

बता दें कि केदारनाथ सिंह, सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ द्वारा सन 1959 में संपादित तीसरे तार सप्तक के प्रमुख सात कवियों में से एक थे। तीसरे तार सप्तक के कवियों में उनके अलावा ‘प्रयाग नारायण त्रिपाठी’, ‘कीर्ति चौधरी’, ‘कुंवर नारायण, ‘विजयदेव नारायण साही’, ‘मदन वात्स्यायन’ और ‘सर्वेश्वर दयाल सक्सेनाशामिल थे। 

केदारनाथ सिंह की साहित्यिक रचनाएँ – Kedarnath Singh Ki Rachnaye

केदारनाथ सिंह ने आधुनिक हिंदी साहित्य में कविता, आलोचना और निबंध विधा में श्रेष्ठ रचनाओं का सृजन किया हैं. साथ ही उन्होंने संपादन के क्षेत्र में कार्य किया है. यहाँ केदारनाथ सिंह का जीवन परिचय (Kedarnath Singh Ka Jivan Parichay) के साथ ही उनकी संपूर्ण रचनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है, जो कि इस प्रकार हैं:- 

काव्य-संग्रह

  • अभी, बिलकुल अभी
  • ज़मीन पक रही है
  • यहाँ से देखो
  • अकाल में सारस 
  • उत्तर कबीर और अन्य कविताएँ 
  • तालस्ताय और साइकिल
  • बाघ
  • सृष्टि पर पहरा 
  • मतदान केन्द्र पर झपकी 
  • प्रतिनिधि कविताएँ

आलोचनात्मक पुस्तकें

  • कल्पना और छायावाद
  • आधुनिक हिंदी कविता में बिंबविधान का विकास 

निबंध संग्रह 

  • मेरे समय के शब्द 
  • क़ब्रिस्तान में पंचायत 

संवाद

  • मेरे साक्षात्कार

संपादन

  • ताना बाना 
  • समकालीन रुसी कविताएँ 
  • कविता दशक 
  • साखी 
  • शब्द 

पुरस्कार एवं सम्मान 

केदारनाथ सिंह (Kedarnath Singh Ka Jivan Parichay) को आधुनिक हिंदी काव्य और शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-

  • ज्ञानपीठ पुरस्कार – वर्ष 2013 में उन्हें देश का सर्वोच्च साहित्य सम्मान ‘49वां ज्ञानपीठ पुरस्कार’ प्रदान किया गया था। 
  • साहित्य अकादमी पुरस्कार – ‘अकाल में सारस’ काव्य-संग्रह के लिए उन्हें वर्ष 1989 में सम्मानित किया गया.
  • व्यास सम्मान 
  • मैथिलीशरण गुप्त सम्मान’ (मध्य प्रदेश) 
  • कुमारन आशान पुरस्कार’ (केरल) 
  • दिनकर पुरस्कार’ (बिहार) 
  • जीवन भारती सम्मान 
  • भारत भारती सम्मान (उत्तर प्रदेश) 
  • गंगाधर मेहर राष्ट्रीय कविता सम्मान (उड़ीसा)
  • जाशुआ सम्मान (आंध्र प्रदेश)

83 वर्ष की आयु में हुआ निधन 

केदारनाथ सिंह ने कई दशकों तक हिंदी साहित्य में अनुपम काव्य कृतियों का सृजन किया हैं। किंतु वृद्वावस्था में गंभीर बीमारी के कारण उनका 83 वर्ष की आयु में नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। लेकिन आज भी वे अपनी लोकप्रिय काव्य कृतियों के लिए साहित्य जगत में विख्यात हैं।

पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय 

यहाँ मानवीय संवेदनाओं के कवि केदारनाथ सिंह का जीवन परिचय (Kedarnath Singh Ka Jivan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-

के.आर. नारायणनडॉ. एपीजे अब्दुल कलाममहात्मा गांधी
पंडित जवाहरलाल नेहरूसुभाष चंद्र बोस बिपिन चंद्र पाल
गोपाल कृष्ण गोखलेलाला लाजपत रायसरदार वल्लभभाई पटेल
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी मुंशी प्रेमचंद रामधारी सिंह दिनकर 
सुमित्रानंदन पंतअमरकांत आर.के. नारायण
मृदुला गर्ग अमृता प्रीतम मन्नू भंडारी
मोहन राकेशकृष्ण चंदरउपेन्द्रनाथ अश्क
फणीश्वर नाथ रेणुनिर्मल वर्माउषा प्रियंवदा
हबीब तनवीरमैत्रेयी पुष्पा धर्मवीर भारती
नासिरा शर्माकमलेश्वरशंकर शेष
असग़र वजाहतसर्वेश्वर दयाल सक्सेनाचित्रा मुद्गल
ओमप्रकाश वाल्मीकिश्रीलाल शुक्लरघुवीर सहाय
ज्ञानरंजनगोपालदास नीरजकृष्णा सोबती
रांगेय राघवसच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’माखनलाल चतुर्वेदी 
दुष्यंत कुमारभारतेंदु हरिश्चंद्रसाहिर लुधियानवी
जैनेंद्र कुमारभीष्म साहनीकाशीनाथ सिंह
विष्णु प्रभाकरसआदत हसन मंटोअमृतलाल नागर 
राजिंदर सिंह बेदीहरिशंकर परसाईमुनव्वर राणा
कुँवर नारायणनामवर सिंहनागार्जुन
मलिक मुहम्मद जायसीकर्पूरी ठाकुर केएम करियप्पा
अब्राहम लिंकनरामकृष्ण परमहंसफ़ैज़ अहमद फ़ैज़
अवतार सिंह संधू ‘पाश’ बाबा आमटेमोरारजी देसाई 
डॉ. जाकिर हुसैनराही मासूम रज़ा रमाबाई अंबेडकर
चौधरी चरण सिंहपीवी नरसिम्हा रावरवींद्रनाथ टैगोर 
आचार्य चतुरसेन शास्त्री मिर्ज़ा ग़ालिब कस्तूरबा गांधी
भवानी प्रसाद मिश्रसोहनलाल द्विवेदी उदय प्रकाश
सुदर्शनऋतुराजफिराक गोरखपुरी 
मैथिलीशरण गुप्तअशोक वाजपेयीजाबिर हुसैन
विष्णु खरे उमाशंकर जोशी आलोक धन्वा 
घनानंद अयोध्या सिंह उपाध्यायबिहारी 
शिवपूजन सहायअमीर खुसरोमधु कांकरिया 
घनश्यामदास बिड़लाकेदारनाथ अग्रवालशकील बदायूंनी
मधुसूदन दासमहापंडित राहुल सांकृत्यायनभुवनेश्वर 
सत्यजित रेशिवप्रसाद मिश्र ‘रुद्र’ भगवती चरण वर्मा
मोतीलाल नेहरू कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ श्री अरबिंदो 
अमर गोस्वामीशमशेर बहादुर सिंहरस्किन बॉन्ड 
राजेंद्र यादव गोपालराम गहमरी राजी सेठ
गजानन माधव मुक्तिबोधसेवा राम यात्री ममता कालिया 
शरद जोशीकमला दासमृणाल पांडे
विद्यापति पदुमलाल पुन्नालाल बख्शीश्रीकांत वर्मा 
यतींद्र मिश्ररामविलास शर्मामास्ति वेंकटेश अय्यंगार
शैलेश मटियानीरहीमस्वयं प्रकाश 

FAQs

केदारनाथ का जन्म कब और कहां हुआ?

उनका जन्म 7 जुलाई, 1932 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के चकिया गांव में हुआ था। 

केदारनाथ सिंह के माता पिता का क्या नाम है?

उनकी माता का नाम लालझरी देवी’ और पिता का नाम ‘डोमन सिंह’ था। 

केदारनाथ सिंह को ज्ञानपीठ पुरस्कार कब प्रदान किया गया?

उन्हें वर्ष 2013 में देश का सर्वोच्च साहित्य सम्मान ‘49वां ज्ञानपीठ पुरस्कार’ प्रदान किया गया था। वे ये पुरस्कार पाने वाले हिंदी के दसवें लेखक थे।

केदारनाथ सिंह किस युग के कवि थे?

वे हिंदी साहित्य में आधुनिक काल के प्रमुख कवि थे।

केदारनाथ सिंह की मृत्यु कब हुई?

19 मार्च 2018 को 83 वर्ष की आयु में उनका नई दिल्ली में निधन हो गया था।

आशा है कि आपको मानवीय संवेदनाओं के कवि केदारनाथ सिंह का जीवन परिचय (Kedarnath Singh Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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