कौड़ी को न पूछना मुहावरे का हिंदी अर्थ (Kaudi Ko Na Puchna Muhavare Ka Arth) किसी व्यक्ति को बिल्कुल निकम्मा समझना या वस्तू को फ़ालतू व बेकार समझकर कम कीमत पर भी न ख़रीदना होता है। जब किसी व्यक्ति या वस्तु को नितांत तुच्छ ठहराकर उसे तनिक भी महत्व नहीं दिया जाता तब कौड़ी को न पूछना मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप ‘कौड़ी को न पूछना मुहावरे का अर्थ’ (Kaudi Ko Na Puchna Muhavare Ka Arth) और इसके वाक्यों में प्रयोग के बारे में जानेंगे।
मुहावरे किसे कहते हैं?
किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे ‘मुहावरा’ कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा-सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
कौड़ी को न पूछना मुहावरे का अर्थ क्या है?
कौड़ी को न पूछना मुहावरे का हिंदी अर्थ (Kaudi Ko Na Puchna Muhavare Ka Arth) किसी व्यक्ति को बिल्कुल निकम्मा समझना या वस्तू को फ़ालतू व बेकार समझकर कम कीमत पर भी ख़रीदना होता है।
कौड़ी को न पूछना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग
कौड़ी को न पूछना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग निम्नलिखित है :-
- बाजार में बासी सब्जी को देखकर कोई खरीदार कौड़ी को भी नहीं पूछ रहा।
- पुरानी गाड़ी होने के कारण कोई ग्राहक इसे कौड़ी को भी नहीं पूछ रहा।
- फसल खराब होने से अब इसे कोई कौड़ी के दाम भी नहीं पूछ रहा।
- सोहन ने कहा निर्धन व्यक्ति को कोई कौड़ी के भाव भी नहीं पूछता।
- इस उत्पाद की गुणवत्ता खराब होने के कारण इसे कोई विक्रेता कौड़ी को भी नहीं पूछ रहा।
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आशा है कि आपको कौड़ी को न पूछना मुहावरे का अर्थ (Kaudi Ko Na Puchna Muhavare Ka Arth) से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी मिल गई होगी। हिंदी मुहावरों के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।