कस्तूरबा गांधी का जीवन परिचय और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान

1 minute read
Kasturba Gandhi Biography in Hindi

कस्तूरबा गांधी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पत्नी के अलावा एक स्वतंत्रता सेनानी और महान समाज सेविका के रूप में भी जाना जाता है। गांधी जी की तरह ही उन्होंने भी अपना संपूर्ण जीवन भारतीय स्वतंत्रता और जन कल्याण के लिए समर्पित किया था। बता दें कि आश्रम जीवन में ढल जाने के बाद महात्मा गांधी कस्तूरबा को ‘बा’ कहकर पुकारते थे। उनकी मृत्यु 74 वर्ष की आयु में पूना में ब्रिटिश हुकूमत के कारागार में हुई थी। इस वर्ष 11 अप्रैल, 2026 को उनकी 157वीं जयंती मनाई जाएगी। इस लेख में कस्तूरबा गांधी का जीवन परिचय और स्वतंत्रता संग्राम में उनके अहम योगदान के बारे में बताया गया है।

नाम कस्तूरबा गांधी
जन्म 11 अप्रैल, 1869
जन्म स्थान काठियावाड़ जिला, गुजरात 
पिता का नाम गोकुलदास कपाड़िया
माता का नाम व्रजकुंवरबा कपाड़िया
पति का नाम मोहनदास करमचंद गांधी 
संतान हरिलाल गांधी, मणिलाल गांधी, रामदास गांधी और देवदास गांधी। 
निधन 22 फरवरी, 1944 पूना 
जीवनकाल 74 वर्ष
जयंती 2025 156वीं

गुजरात के काठियावाड़ जिले में हुआ था जन्म 

भारत की महान स्वतंत्रता सेनानी कस्तूरबा गांधी का जन्म 11 अप्रैल, 1869 को गुजरात के काठियावाड़ जिले में एक संपन्न व्यापारी परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम ‘गोकुलदास कपाड़िया’ और माता का नाम ‘व्रजकुंवरबा कपाड़िया’ था। यह परिवार गुजराती हिंदू व्यापारियों की मोधबनिया जाति से संबंधित था और तटीय शहर पोरबंदर में रहता था।

जब कस्तूरबा जी मात्र 13 वर्ष की थीं उस दौरान ही उनका विवाह गुजरात के पोरबंदर में ‘मोहनदास करमचंद गांधी’ से हुआ। बता दें कि कस्तूरबा गांधीजी से आयु में कुछ माह बढ़ी थी। 

घर में ही प्राप्त की शिक्षा 

अल्प आयु में विवाह होने के कारण कस्तूरबा गांधी की औपचारिक शिक्षा पूर्ण नहीं हो सकी। हालांकि बाद में उन्होंने घर पर रहकर ही शिक्षा प्राप्त की। किंतु गांधीजी अपनी वकालत की पढ़ाई करने के लिए विदेश गए और अपनी शिक्षा पूर्ण की। 

राजनीतिक जीवन की शुरुआत

माना जाता है कि कस्तूरबा गांधी के राजनीतिक जीवन की शुरुआत वर्ष 1904 में दक्षिण अफ्रीका में गांधीजी के साथ ही हुई। भारत लौटने के उपरांत उन्होंने गांधीजी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कई राष्ट्रीय आंदोलनों में भाग लिया। वर्ष 1913 में ब्रिटिश हुकूमत का पुरजोर विरोध करने के चलते उन्हें जेल भी जाना पड़ा। इसके बाद वह स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने हेतु कई बार जेल गई और उन्हें ब्रिटिश हुकूमत द्वारा कड़ा दंड भी दिया गया। 

किंतु जेल में रहते हुए भी कस्तूरबा गांधी ने अहिंसा का दामन नहीं छोड़ा। यहाँ भी उन्होंने महिलाओं को एकत्रित किया और उन्हें प्रार्थना का महत्व बताया। इसलिए गांधीजी के बाद लोग भी उन्हें ‘बा’ कहकर पुकारने लगे। 

पूना की जेल में हुआ निधन 

कस्तूरबा गांधी ने स्वराज के लिए कई राष्ट्रीय आंदोलनों में भाग लिया। वहीं अपना संपूर्ण जीवन जनकल्याण और देश सेवा के लिए समर्पित कर दिया। जब वह 74 वर्ष की थीं उस दौरान उन्हें ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आवाज़ उठाने के जुर्म में पूना के कारागार में रखा गया। इस बीच उनका स्वास्थ्य बहुत खराब था और वह बहुत समय से हृदयरोग से पीड़ित थीं।

इस बीच कस्तूरबा गांधी का स्वास्थ्य लगातार गिरता चला गया। लेकिन अंग्रेजों ने उनकी रिहाई नहीं की जिसके कारण उनका उचित उपचार न हो सका और 22 फरवरी, 1944 को उनका पूना के कारावास में निधन हो गया। बता दें कि गांधीजी के साथ कस्तूरबा गांधी का वैवाहिक जीवन कुल 62 सालों का रहा। वहीं गांधी की मृत्यु से चार साल पहले ही उन्होंने दुनिया से विदा ले ली। 

कस्तूरबा गांधी पर लिखी कुछ किताबें 

यहां कस्तूरबा गांधी के जीवन पर लिखी गई कुछ प्रमुख पुस्तकों की सूची दी गई है, जो इस प्रकार हैं:-

किताब लेखक/प्रकाशक 
कस्तूरबा गांधीमहेश शर्मा 
Kasturba Gandhi: A BiographyB M Bhalla
Kasturba Gandhi Giriraj Kishore, Manisha Chaudhry
The Lost Diary of Kastur, My BaTushar Gandhi
Kasturba: Wife of GandhiSushila Nayyar
Kasturba Gandhi: A Complete BiographyA. K. Gandhi
The Secret Diary of KasturbaNeelima Dalmia Adhar

क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस

भारत में प्रतिवर्ष 11 अप्रैल को ‘राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस’ (National Safe Motherhood Day) मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य देश में माताओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति जागरूकता को बढ़ाना है। ताकि गर्भावस्था की एवं प्रसव में जटिलताओं के कारण होने वाली माता और शिशु की मृत्यु पर अंकुश लगाया जा सके। बताना चाहेंगे 11 अप्रैल को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पत्नी कस्तूरबा गांधी का जन्मदिन है। वर्ष 2003 में भारत सरकार ने कस्तूरबा गांधी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस घोषित किया था। तब से यह दिवस हर वर्ष मनाया जाता है। 

FAQs 

कस्तूरबा गांधी का जन्म कहाँ हुआ था?

कस्तूरबा गांधी का जन्म 11 अप्रैल, 1869 को गुजरात के काठियावाड़ जिले में हुआ था।

कस्तूरबा गांधी के पिता का क्या नाम था?

उनके पिता का नाम गोकुलदास कपाड़िया था। 

कस्तूरबा गांधी किस लिए प्रसिद्ध थीं?

कस्तूरबा गांधी एक स्वतंत्रता सेनानी और महान समाज सेविका थीं। वह महात्मा गांधीजी की पत्नी थीं जो भारत में “बा” के नाम से विख्यात है।

कस्तूरबा गांधी की माता का क्या नाम था?  

उनकी माता का नाम ‘व्रजकुंवरबा कपाड़िया’ था। 

कस्तूरबा गांधी के कितने बच्चे थे?

कस्तूरबा गांधी के चार पुत्र थे हरिलाल गांधी, मणिलाल गांधी, रामदास गांधी और देवदास गांधी।

कस्तूरबा गांधी की मृत्यु किस जेल में हुई थी?

कस्तूरबा गांधी का निधन 74 साल की उम्र में पुणे के आगा खान पैलेस में हुआ था। उनकी मृत्यु के बाद उनकी समाधि भी इसी भवन में बनाई गई है। 

आशा है कि आपको कस्तूरबा गांधी का जीवन परिचय पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*

1 comment