कार्ल मार्क्स के राजनीतिक विचार और उनके सिद्धांत 

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कार्ल मार्क्स को समाजवाद का जनक माना जाता है। उन्होंने आर्थिक और राजनैतिक सामाजिक बदलावों की ज़रूरत को सबसे पहले समझा और इस ओर प्रयास किए जाने की सबसे पहले मांग की। वे अपने आर्थिक विकास को समाजवाद के द्वारा समझते थे। उन्होंने अपने समय की धार्मिक और सामजिक विचारधारा के विरुद्ध जाकर समाजवादी विचारों की नींव रखी। यहाँ कार्ल मार्क्स के राजनीतिक विचार और उनके सिद्धांतों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है। 

कार्ल मार्क्स के राजनीतिक विचार 

यहाँ कार्ल मार्क्स के कुछ प्रमुख राजनीतिक विचार दिए जा रहे हैं : 

  • कार्ल मार्क्स की राजनैतिक विचारधारा के अनुसार शक्ति केवल व्यक्तिगत या संस्थात्मक न होकर सामजिक और आर्थिक भी होती है। 
  • कार्ल मार्क्स का मानना था कि इतिहास सामजिक और आर्थिक परिवर्तन के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार होता है। 
  • कार्ल मार्क्स पूंजीवाद के प्रबल विरोधी थे। वे इसे एक अंतहीन शोषण वाली व्यवस्था मानते थे।  
  • कार्ल मार्क्स पूंजीवाद को समाज में फैले अन्याय और असमानता का मुख्य कारण मानते थे। 
  • उनका मानना था कि सभी उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं से प्राप्त धन पर उन्हें पैदा करने वाले मजदूरों का अधिकार होना चाहिए।  

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कार्ल मार्क्स के सिद्धांत 

आपने कार्ल मार्क्स के राजनीतिक विचार जान लिए हैं। अब कार्ल मार्क्स के सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हैं:

  • कार्ल मार्क्स के सिद्धांतों के अनुसार पूंजीवादी व्यवस्था गलत है और एक दिन यह स्वयं की वजह से ही समाप्त भी हो जाएगी।  
  • उनका मानना था कि पूंजीवादी मजदूरों का शोषण करते हैं।
  • उनके सिद्धांतों के अनुसार पूंजीपति मजदूरों को उनकी मेहनत का बहुत कम मूल्य देते हैं और उनकी खून पसीने की कमाई का बड़ा हिस्सा अपने पास रख लेते हैं।  

FAQs

कार्ल मार्क्स का राजनीतिक सिद्धांत क्या है?

कार्ल मार्क्स का राजनीतिक सिद्धांत द्वंदात्मक भौतिकवाद ओर आधारित है। 

मार्क्स के अनुसार वर्ग क्या है?

कार्ल मार्क्स के अनुसार आंतरिक प्रवृत्तियों और हितों वाला एक समूह है जो समाज के भीतर अन्य समूहों से भिन्न होता है , जो ऐसे समूहों के बीच एक मौलिक विरोध का आधार है।

मार्क्सवाद में 3 वर्ग कौन से हैं?

मार्क्सवाद में तीन वर्ग हैं : पूंजीपति (जिनके पास उत्पादन के साधन जैसे मशीनरी और फैक्ट्री भवन हैं, और जिनकी आय का स्रोत लाभ है), भूमि मालिक (जिनकी आय किराया है) और सर्वहारा वर्ग (मजदूर और किसान)  आदि हैं। 

आशा है कि आपको कार्ल मार्क्स के राजनीतिक विचार की जानकारी मिली होगी जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ाने का काम करेगी। इसी प्रकार के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स पर ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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