जानिए क्या है विश्व धरोहर स्‍थल कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास

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कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान

भारत में मौजूद सभी राष्ट्रीय उद्यान प्रकृति की सुंदरता का एक अद्भुत खजाना है जो हमें प्रकृति के बारे में जानने और उसकी रक्षा करने का अवसर प्रदान करते हैं। आपको बता दें कि भारत में 100 से भी अधिक राष्ट्रीय उद्यान हैं, जो दुनियाभर के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। इस आर्टिकल में आपको एक ऐसे नेशनल पार्क के बारे में बताने जा रहे हैं जो दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची पर्वत कंचनजंगा पर्वत पर मौजूद है। हम जिस राष्ट्रीय उद्यान की बात कर रहे हैं, वह है सिक्किम राज्य में स्थित कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान। आइए इस ब्लॉग के माध्यम से जानते हैं इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी। यहाँ आपको उद्यान का इतिहास, महत्व एवं रोचक तथ्य आदि के बारे में विस्तृत रूप से जानने को मिलेगा। 

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कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान के बारे में 

हिमालय की गोद में बसा कंचनजंगा नेशनल पार्क भारत के सिक्किम राज्य में स्थित है। 6000 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस पार्क की स्थापना 1977 में हुई थी। वहीं इसका क्षेत्रफल 1,784 वर्ग किलोमीटर (689 वर्ग मील) है। इस पार्क में दुनिया की तीसरी सबसे ऊँची चोटी कंचनजंगा शामिल है। इसके अलावा आप यहाँ विभिन्न प्रकार के वनस्पति और जीव जैसे हिम तेंदुआ, लाल पांडा और हिमालयी काले भालू को भी देख सकते हैं। यहाँ कई लुप्तप्राय प्रजातियां भी देखने को मिलती है। यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जहाँ घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मई तक है। 

कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास 

कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास 1977 में शुरू होता है। उस समय सिक्किम सरकार ने कंचनजंगा पर्वत श्रृंखला के आसपास के क्षेत्र को एक संरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया और वह क्षेत्र “कंचनजंगा अभयारण्य” के रूप में जाना जाने लगा। इसके बाद 1984 में, इसे “कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान” का नाम दिया गया और वहीं इसका क्षेत्रफल भी 1,784 वर्ग किलोमीटर (689 वर्ग मील) तक बढ़ा दिया गया। इसके परिणामस्वरूप, पार्क में वन्यजीवों की आबादी में भी वृद्धि हुई। इसके बाद साल 2000 में इसे पहला हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र स्थापित किया गया और 2010 में इसे पहला लाल पांडा संरक्षण केंद्र स्थापित किया गया। ऐसे में अब पार्क एक महत्वपूर्ण संरक्षित क्षेत्र और हिम तेंदुए, लाल पांडा, हिमालयी काले भालू जैसे कई अन्य प्रजातियों का घर है।

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कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान में वन्यजीव

आपको बता दें कि कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान हिम तेंदुओं, हिमालयी काले भालू, तिब्बती मृग, जंगली गधे, भौंकने वाले हिरण, कस्तूरी मृग, उड़ने वाली गिलहरियों और लाल पांडा का निवास स्थान है। इन सब के अलावा ओक, देवदार और देवदार के पेड़ों से घिरे हुए इस हरे भरे जंगल में ब्लड तीतर, सैटर ट्रैगोपैन, ऑस्प्रे, हिमालयन ग्रिफॉन, लैमर्जेयर, ट्रैगोपैन तीतर, हरा कबूतर, तिब्बती स्नोकॉक, स्नो कबूतर, इम्पेयन तीतर, एशियाई जैसे पक्षियों की लगभग 550 प्रजातियां पायी जाती है। इसके अलावा पन्ना कोयल, सनबर्ड और चील भी मौजूद है। यह उद्यान पक्षी प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है। 

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वैश्विक धरोहर की सूची में शामिल 

भारत के ऐतिहासिक स्थलों में से एक कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान उसके कई खासियत के चलते वर्ष 2016 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई। आपको बता दें कि अभी तक भारत में कुल 42 विश्व धरोहर स्थल है जिसमें से 33 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक स्थल और 1 मिश्रित विश्व विरासत स्थल हैं। यह भी बता दें कि वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स इन इंडिया में सबसे पहले 1983 में अजंता की गुफाएं, एलोरा की गुफाएं, ताजमहल और आगरा के किले को शामिल किया गया था। उसके बाद धीरे धीरे कई स्थल जुड़ते चले गए। वहीं हाल ही में शांतिनिकेतन और होयसल के पवित्र मंदिर समूह को वैश्विक धरोहर की सूची में शामिल किया गया है। 

कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान के बारे में रोचक तथ्य

उद्यान से जुड़े रोचक तथ्य यहाँ बताए गए हैं:

  • यह पार्क दुनिया के तीसरे सबसे ऊँचे पर्वत कंचनजंगा पर्वत पर मौजूद है।
  • पार्क का नाम कंचनजंगा पर्वत के नाम पर रखा गया है। 
  • कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान की अधिकतम ऊँचाई 8,586 मीटर (28,169 फीट) है।
  • यह पार्क लगभग 1,784 वर्ग किलोमीटर (689 वर्ग मील) के क्षेत्र में फैला हुआ है।
  • इस पार्क में लगभग 500 से अधिक प्रजातियों के पौधें, 120 प्रजातियों के पक्षी और 50 प्रजातियों के स्तनधारियां मौजूद है।
  • इसके अलावा पार्क में कई लुप्तप्राय प्रजातियां भी रहती हैं, जिनमें हिम तेंदुआ, लाल पांडा और कस्तूरी मृग शामिल हैं।
  • यह पार्क 2016 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।
  • इस पार्क में कई ग्लेशियर भी हैं जिसमें भारत का सबसे लंबा ग्लेशियर ज़ेमु ग्लेशियर भी शामिल है। 
  • पार्क कई नदियों का स्रोत है, जिनमें  सिक्किम की सबसे लंबी नदी तीस्ता नदी भी शामिल है। 
  • पार्क कई पवित्र स्थलों का भी घर है, जिनमें सिक्किम का सबसे पुराना मठ युक्सोम मठ भी शामिल है। 

FAQs

कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान कहाँ स्थित है?

कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान भारत के सिक्किम राज्य में स्थित है। 

कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना कब हुई थी?

कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1977 में हुई थी। वहीं इसे 2016 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया गया था।

कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान में जाने का सबसे अच्छा समय क्या है?

कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान जाने का सबसे अच्छा समय सितंबर से नवंबर के बीच है और मार्च से मई के बीच है।

आशा है कि आपको कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान से जुड़ी सभी जानकारी इस लेख में मिल गयी होगी। वैश्विक धरोहर से जुड़े ऐसे ही अन्य ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहिए।

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