जैसलमेर राजस्थान के महत्वपूर्ण जिलों में से एक है। जैसलमेर ऐतिहासिक और भौगोलिक रूप से राजस्थान में बहुत महत्व रखता है। जैसलमेर राज्य ने भारत के इतिहास के कई कालों को देखा व सहा है। सल्तनत काल के लगभग 300 वर्ष के इतिहास में गुजरता हुआ यह अपने अस्तित्व को बनाए रखने में सक्षम रहा है। भारत में अंग्रेज़ी राज्य की स्थापना से लेकर समाप्ति तक भी इस जिले ने अपने वंश गौरव व महत्व को यथावत रखा। यहाँ जैसलमेर का प्राचीन नाम क्या था? इस बारे में बताया जा रहा है।
जैसलमेर का प्राचीन नाम
जैसलमेर जिले का भू-भाग प्राचीन काल में ’माडधरा’ अथवा ’वल्लभमण्डल’ के नाम से प्रसिद्ध था। महाभारत के युद्ध के बाद बड़ी संख्या में यादव इस ओर अग्रसर हुए व यहाँ आ कर बस गये। यहाँ अनेक सुंदर हवेलियां और जैन मंदिरों के समूह हैं जो 12वीं से 15वीं शताब्दी के बीच बनाए गए थे।
जैसलमेर से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
- जैसलमेर राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।
- जैसलमेर को गोल्डन सिटी कहा जाता है। इसका कारण इसके रेगिस्तान का रेत है। रेगिस्तान के रेत पर जब सूरज की किरणें पड़ती हैं तो वह सोने की तरह चमकता हुआ प्रतीत होता है।
- जैसलमेर में कई जैन मंदिर और विशाल हवेलियां स्थित हैं।
जैसलमेर का भूगोल
जैसलमेर राज्य का संपूर्ण भाग रेतीला व पथरीला होने के कारण यहाँ का तापमान मई-जून में अधिकतम 47 सेंटीग्रेड तथा दिसम्बर-जनवरी में न्यूनतम 05 सेंटीग्रेड रहता है। यहाँ संपूर्ण प्रदेश में जल का कोई स्थाई स्रोत नहीं है। वर्षा होने पर कई स्थानों पर वर्षा का मीठा जल एकत्र हो जाता है। यहाँ अधिकांश कुंओं का जल खारा है तथा वर्षा का एकत्र किया हुआ जल ही एकमात्र पानी का साधन है।
उम्मीद है कि इस ब्लॉग में आपको जैसलमेर का प्राचीन नाम क्या था? इस विषय के बारे में जानकारी मिल गयी होगी। ऐसे ही अन्य रोचक और महत्वपूर्ण ब्लॉग पढ़ने के लिए बने रहिये Leverage Edu के साथ बने रहिए।