भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का व्यक्तित्व बहुमुखी था। वह एक दूरदर्शी नेता, उत्कृष्ट सांसद, कुशल प्रशासक, महान देशभक्त और कट्टर राष्ट्रवादी थीं। वह भारत के प्रथम प्रधानमंत्री ‘पंडित जवाहरलाल नेहरू’ तथा ‘कमला नेहरू’ की एकमात्र संतान थीं। इंदिरा गांधी का विशिष्ट राजनैतिक जीवन दो दशक से अधिक समय तक रहा था। वर्ष 1966 में उन्होंने भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी और वह मार्च, 1977 तक इस पद पर बनी रहीं। बाद में वर्ष 1980 में वह पुनः प्रधानमंत्री बनीं और 1984 में अपनी मृत्यु तक इस पद पर बनी रहीं।
इंदिरा को राष्ट्र के प्रति उनके प्रशंसनीय योगदान के लिए वर्ष 1971 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था। इसके साथ ही उन्हें बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए ‘मैक्सिकन अकादमी अवार्ड’, अमरीका का ‘मदर्स अवार्ड’, ‘येल विश्वविद्यालय हाउलैंड मेमोरियल पुरस्कार’ सहित ‘मरणोपरांत जवाहरलाल नेहरू अंतर्राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार’ भी प्रदान किया गया था। इस लेख में देश की इकलौती महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जीवन परिचय और उनकी उपलब्धियों की जानकारी दी गई है।
| नाम | इंदिरा गांधी |
| जन्म | 19 नवंबर, 1917 |
| जन्म स्थान | आनंद भवन- प्रयागराज, उत्तर प्रदेश |
| पिता का नाम | पंडित जवाहरलाल नेहरू |
| माता का नाम | कमला नेहरू |
| पति का नाम | फिरोज़ गांधी |
| संतान | राजीव गांधी और संजय गांधी |
| कार्य क्षेत्र | राजनीति और सामाजिक कार्यकर्ता |
| राजनीतिक पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस-INC |
| पुरस्कार एवं सम्मान | ‘भारत रत्न’ (1971) ‘मैक्सिकन अकादमी अवार्ड’, ‘मदर्स अवार्ड’, ‘येल विश्वविद्यालय हाउलैंड मेमोरियल पुरस्कार’ तथा ‘मरणोपरांत जवाहरलाल नेहरू अंतर्राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार’ आदि। |
| पुस्तकें | Safeguarding Environment, My truth, On peoples and problems व Eternal India आदि। |
| निधन | 31 अक्टूबर, 1984 नई दिल्ली |
| स्मारक | शक्ति स्थल, दिल्ली |
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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुआ था जन्म
इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर, 1917 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (अब प्रयागराज) शहर में आनंद भवन में हुआ था। वह पंडित जवाहरलाल नेहरू तथा कमला नेहरू की एकमात्र संतान थी। इनके दादा मोतीलाल नेहरू एक प्रसिद्ध वकील और स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने इलाहाबाद में सेंट मेरी कान्वेंट, स्विट्जरलैंड में लेकोले नोवेल, पुणे में प्यूपिल्स ओन स्कूल, शांतिनिकेतन में विश्व-भारती और ऑक्सफोर्ड में समरविल कॉलेज जैसे विभिन्न स्थानों से शिक्षा प्राप्त की थी। बताया जाता है कि शांति निकेतन में अध्यन्न के दौरान वह गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के व्यक्तित्व, दर्शन और शिक्षा संबंधी विचारों से अत्यधिक प्रभावित हुईं थीं।

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फिरोज गांधी से विवाह

इंदिरा गांधी का विवाह 26 मार्च, 1942 को भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ, पत्रकार और लोकसभा के पूर्व सांसद ‘फिरोज गांधी’ (Feroze Gandhi) से हुआ था। यह एक प्रेम विवाह था। क्या आप जानते हैं कि महात्मा गांधी ने फिरोज को ‘गांधी’ सरनेम की उपाधि दी थी और इस तरह फिरोज खान, फिरोज गांधी बन गए और इंदिरा नेहरू विवाह के बाद ‘इंदिरा गांधी’ बन गईं। इनके दो बेटे हुए- राजीव गांधी और संजय गांधी।
परिवार की विरासत की उत्तराधिकारी
इंदिरा गांधी अपने पिता पंडित जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी के आदर्शों से प्रेरणा प्राप्त करके अल्प आयु से ही स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से शामिल हो गईं थीं। उन्होंने ‘बाल चरखा संघ’ की स्थापना की और 11 वर्ष की आयु में कांग्रेस के आदेश पर ‘वानर सेना’ का नेतृत्व किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने कांग्रेस द्वारा चलाए गए विभिन्न अन्य आंदोलनों में भी भाग लिया था।
फिर वह वर्ष 1938 में औपचारिक तौर पर ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ (INC) में शामिल हुईं और पिता के राजनीतिक कार्यों में उनका हाथ बटांने लगीं। उनका विशिष्ट राजनैतिक जीवन दो दशक से अधिक समय तक रहा। वह वर्ष 1964 से राज्य सभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुईं। वह चौथी, पांचवीं, छठी और सातवीं लोकसभा की सदस्य थीं। किंतु जब पंडित जवाहर लाल नेहरू का निधन हुआ तो कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारी उनके हाथों में आई। इसके बाद वह वर्ष 1966 में तत्कालीन प्रधानमंत्री ‘लाल बहादुर शास्त्री’ के मंत्रिमंडल में सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहीं। इस दौरान उन्होंने दूरदर्शन के विकास को प्रथमिकता दी तथा फिल्म सेंसर नियमों को सरल बनाया।
भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनीं
इंदिरा गांधी जनवरी, 1966 में भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनीं और वह मार्च, 1977 तक इस पद पर बनी रहीं। बाद में वर्ष 1980 में वह पुनः प्रधानमंत्री बनीं और वर्ष 1984 में अपनी मृत्यु तक इस पद पर बनी रहीं। उनके प्रथम प्रधानमंत्रित्वकाल के दौरान वर्ष 1966 में पंजाब को दो पृथक राज्यों- हरियाणा और पंजाब में पुर्नगठन किया गया। इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा को राज्य का दर्जा भी प्रदान किया गया।

वहीं देश के विकास के लिए उन्होंने सार्वजिनक क्षेत्र के बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया। तदनंतर, इन बैंकों द्वारा कमजोर वर्ग, विशेषकर किसानों और लघु उद्यमियों को कम ब्याज दर पर ऋण सुविधाएं प्रदान की गईं। इंदिरा गांधी ने देश में खाद्य समस्या के समाधान हेतु एक प्रमुख कार्यक्रम की शुरुआत की। वस्तुत: यह युग भारत में हरित क्रांति (Green Revolution) के सूत्रपात का युग साबित हुआ तथा खाद्य के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर हो गया। इसके अतिरिक्त पाकिस्तान से युद्ध और बांग्लादेश की नींव रखने में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इंदिरा गांधी एवं आपातकाल
इंदिरा गांधी के शासनकाल का सबसे बड़ा और विवादास्पद फैसला आपातकाल रहा। इसके कारण स्वतंत्रता के महज़ 28 वर्ष बाद ही देश को आपातकाल के दंश से गुजरना पड़ा। 1971 में उनपर पर चुनाव में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगा। इस पर इलाहाबाद उच्च न्यायलय ने 1975 के लोकसभा चुनाव को रद्द कर दिया साथ ही इंदिरा गांधी पर 6 वर्ष तक चुनाव न लड़ने का बैन भी लगा दिया।
इस दौरान विपक्ष भी उनके इस्तीफे की मांग करने लगा। हालांकि इंदिरा गांधी ने विपक्ष और उच्च न्यायलय के विरुद्ध जाते हुए देश में आपातकाल लगा दिया। 25-26 जून की रात को आपातकाल के आदेश पर तत्कालीन राष्ट्रपति ‘डॉ.फखरूद्दीन अली अहमद’ के हस्ताक्षर के साथ ही देश में आपातकाल लागू हो गया। इस बीच प्रेस की आजादी को रोक दिया गया और कई बड़े फेरबदल किए गए।
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इंदिरा गांधी की हत्या

इंदिरा गांधी की जीवन यात्रा का उस समय अचानक दुःखद अंत हो गया जब 31 अक्टूबर, 1984 को उनके दो अंगरक्षकों ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से उनकी हत्या कर दी। अपने अंगरक्षकों द्वारा गोली मारे जाने के लगभग चार घंटे बाद 2 बजकर 23 मिनट पर उन्हें मृत घोषित किया गया था।
पुरस्कार एवं सम्मान
इंदिरा गांधी को राष्ट्र के प्रति उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए देश-विदेश के कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजा जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-
- वर्ष 1971 में इंदिरा गांधी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था।
- बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए इंदिरा गांधी को ‘मैक्सिकन अकादमी अवार्ड’ से नवाजा गया था।
- ‘ईसाबेला डी ईस्ट अवार्ड’
- अमरीका का ‘मदर्स अवार्ड’
- ‘येल यूनिवर्सिटी हाउलैंड मेमोरियल पुरस्कार’
- ‘मरणोपरांत जवाहरलाल नेहरू अंतर्राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार’
- नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा ‘साहित्य वाचस्पति’ सम्मान
इंदिरा गांधी द्वारा लिखित पुस्तकें
यहाँ इंदिरा गांधी द्वारा लिखित कुछ प्रमुख पुस्तकों की जानकारी दी जा रही है:-
- My truth
- On peoples and problems
- Safeguarding Environment
- Eternal India
- Indira Gandhi, Speeches and Writings
FAQs
उनका जन्म 19 नवंबर, 1917 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर में एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था।
इंदिरा गांधी के पिता का नाम ‘पंडित जवाहरलाल नेहरू’ और माता का नाम ‘कमला नेहरू’ था।
इंदिरा गांधी पहली बार जनवरी 1966 से मार्च 1977 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत रहीं थीं। वर्ष 1980 में वह पुन: प्रधानमंत्री बनीं थीं।
इंदिरा गांधी के पति का नाम ‘फिरोज़ गांधी’ था जो एक राजनेता और पत्रकार थे।
इंदिरा गांधी के दो पुत्र थे ‘राजीव गांधी’ और ‘संजय गांधी’।
इंदिरा गांधी की मृत्यु 31 अक्टूबर, 1984 को हुई थी।
आशा है कि आपको ‘भारत रत्न’ से सम्मानित देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जीवनी पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
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So informative blog
बहुत ही अच्छा लगा। -
Thanks you sirji
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धन्यवाद
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3 comments
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