आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस (AI) की बढ़ती भूमिका के चलते AI इंजीनियरों की डिमांड लगातार बढ़ रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संबंधित 45,000 जाॅब के लिए वैकेंसी हैं, जिसमें डेटा वैज्ञानिक और मशीन लर्निंग (ML) इंजीनियर के के लिए सबसे अधिक पोस्ट हैं।
रिपोर्ट में कहा गया कि AI सेक्टर में काम करने का भुगतान INR 10 से 14 लाख प्रति वर्ष के बीच हो सकता है, साथ ही अधिक एक्सपीरियंस वाले कैंडिडेट्स को और अधिक सैलरी पैकेज मिल सकता है।
भारत में 37 प्रतिशत संगठन कर्मचारियों AI-रेडी वर्कफोर्स बनाने के लिए टूल्स देते हैं और 30 प्रतिशत संगठनों का मानना है कि AI सीखने की पहल उनके कर्मचारियों के टैलेंट को निखारते हैं।
रिटेल और मैन्युफैक्चरिंग की फील्ड में हैं जाॅब्स
भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए लगातार जाॅब्स आ रही हैं और यह मौके हेल्थकेयर से लेकर रिटेल और मैन्युफैक्चरिंग की फील्ड में हैं। भारत में इन फील्ड में जाॅब्स आने वाले समय में देश के एआई बाजार बढ़ांएगी, जिससे पिछले साल ही INR 12.3 अरब डॉलर का राजस्व आया था। AI स्किल्स के साथ अपस्किलिंग करियर के विकास और रोजगार के लिए महत्वपूर्ण हो रही है।
क्या है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ है- बनावटी (AI) तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक जॉन मैकार्थी के अनुसार यह बुद्धिमान मशीनों, विशेष रूप से बुद्धिमान कंप्यूटर प्रोग्राम को बनाने का विज्ञान और अभियांत्रिकी है अर्थात् यह मशीनों द्वारा प्रदर्शित की गई इंटेलिजेंस है।
हर इंडस्ट्री कर रही एआई प्रौद्योगिकियों का उपयोग
इन्नोवेशंस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक तत्व है जो खुद को कम्प्यूटेशनल टूल्स और सिस्टम्स में मानव बुद्धि के इमीटेशन से संबंधित है। लगभग हर उद्योग डिजिटल क्रांति को लागू करने के लिए एआई प्रौद्योगिकियों का उपयोग कर रहा है जिसने इसे समकालीन समय में सबसे अधिक मांग वाला करियर बना दिया है।
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