गर्व में चूर होना मुहावरे का अर्थ (Garv Mein Choor Hona Muhavare Ka Arth) होता है, अत्यधिक घमंडी या अहंकार होना। जब कोई व्यक्ति अपनी उपलब्धियों पर अहंकार करने लग जाता है, तो उसके लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप गर्व में चूर होना मुहावरे का अर्थ, इसका वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है, उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
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गर्व में चूर होना मुहावरे का अर्थ क्या है?
गर्व में चूर होना मुहावरे का अर्थ (Garv Mein Choor Hona Muhavare Ka Arth) होता है- अत्यधिक घमंडी या अहंकार होना। आसान शब्दों में समझें तो इस मुहावरे का प्रयोग उस स्थिति के लिए किया जाता है, जिसमें कोई व्यक्ति दूसरों को नीचा दिखाकर या उनसे खुद को बेहतर समझने का प्रयास करता है।
गर्व में चूर होना पर व्याख्या
“गर्व में चूर होना” हिंदी भाषा का एक बेहद लोकप्रिय मुहावरा है जिसका अर्थ होता है- अत्यधिक घमंडी या अहंकार होना। इस मुहावरे में “गर्व में चूर होना” एक ऐसी स्थिति को दर्शाती है, जिसमें कोई व्यक्ति अपनी उपलब्धियों पर अहंकार करता है।
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गर्व में चूर होना मुहावरे का वाक्य प्रयोग
गर्व में चूर होना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है;
- देवांग की भावनाओं की अनदेखी करके स्तुति गर्व में चूर हो गई।
- नुपुर ने संकट के समय में अपने अपनों को गर्व में चूर होते हुए देखा।
- राहुल ने नासमझी में गर्व में चूर होकर अपना ही नुक्सान किया।
- विशाखा की दोस्त ने गर्व में चूर होकर, दोस्ती का मान नहीं रखा।
- रितिका संघर्षों में साहस करना जानती है, गर्व में चूर रहने वालों को उसकी सफलता समय पर जवाब देगी।
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आशा है कि आपको गर्व में चूर होना मुहावरे का अर्थ (Garv Mein Choor Hona Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।