गर्दन झुकना मुहावरे का अर्थ (Gardan Jhukana Muhavare Ka Arth) होता है, जब कोई व्यक्ति किसी काम या किसी बात से शर्मिंदा और लज्जित हो जाता है, तो उसके लिए हम गर्दन झुकना मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप गर्दन झुकना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
गर्दन झुकना मुहावरे का अर्थ क्या है?
गर्दन झुकना मुहावरे का अर्थ (Gardan Jhukana Muhavare Ka Arth) होता है- नतमस्तक होना, अधीन होना, लज्जित होना आदि।
गर्दन झुकना पर व्याख्या
इस मुहावरे में “गर्दन झुकना मुहावरे का अर्थ” सोहन के पिता जी बहुत बड़े ऑफिसर थे और वो चाहते बेटा भी उनकी तरह बने। लेकिन सोहन गलत संगत में पड़ने के कारण उनकी गर्दन झुका दी।
गर्दन झुकना मुहावरे का वाक्य प्रयोग
गर्दन झुकना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है;
- शिवा ने कभी कोई गलत काम नहीं किया, लेकिन एक छोटी सी गलती ने उनके पिता को गर्दन झुकना पड़ा।
- अनुराग ने हमेशा अपने मन की चीजें की लेकिन जब वह गलत रास्ते पर था, तो माता की बात नहीं मानी और उनको सबके समने गर्दन झुकना पड़ा।
- विदेश में रोहन को सभी के सामने गर्दन झुकना पड़ता है।
- चोरी में पकड़े जाने के बाद दिनेश को हमेशा गर्दन झुकना पड़ा।
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आशा है कि गर्दन झुकना मुहावरे का अर्थ (Gardan Jhukana Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।