गांधी फेलोशिप क्या होती है?

1 minute read
Gandhi fellowship kya hai

गांधी फेलोशिप ट्रांस्फ़ॉर्मेशनल लीडरशिप में एक महत्वपूर्ण इंटेंसिव, एक्सपेरिएंटिएल और 2 साल का रेजिडेंशियल प्रोफेशनल प्रोग्राम होता है। 

वर्तमान समय में भारत विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन गया है। जिसमें हर साल लाखों छात्र अपनी ग्रेजुएशन पूरी करते हैं और अपना करियर बनाने के लिए बहुत से स्किल्स डेवल्पमेंट कोर्सेज करते हैं। जो उन्हें अपने करियर में बहुत सहायक होता है, लेकिन आज भी भारत में बहुत से छात्र ऐसे भी हैं जिन्हें पैसे और सही मार्गदर्शन न मिलने के कारण अपनी आगे की पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ती है। 

इस स्थिति के कारण पीरामल फाउंडेशन ने ग्रेजुएट स्टूडेंट्स के लिए ‘गांधी फेलोशिप’ योजना की शुरुआत की है। जो दो साल का प्रोगाम है, जिसमें एक फेलो को 7 बेसिक योग्यता को हासिल करना होता है। जिसके लिए एक फेलो को 23 महीने की तय समय सीमा की आवश्यकता होती है। फेलोशिप सिलेबस को इस अवधि में इन कम्पेटेन्सी को प्राप्त करने में फेलो के सही मार्गदर्शन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके साथ ही फेलोशिप मिलने वाले कैंडिडेट्स को हर महीने आर्थिक सहायता भी दी जाती हैं। Gandhi fellowship kya hai से संबंधित सभी जानकारियां इस ब्लॉग में दी जा रही है।

गांधी फेलोशिप क्या है?

गांधी फेलोशिप परिवर्तनकारी नेतृत्व में एक इंटेंसिव, एक्सपेरिएंटिएल और 2 साल का रेजिडेंशियल प्रोफेशनल प्रोग्राम है, जो प्रतिभाशाली युवाओं को आधुनिक समय में कुछ आवश्यक सॉफ्ट स्किल्स सीखने में मदद करता है।

आज भारत विश्व की सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश होने के साथ-साथ आधुनिक समय में प्रगति करने के लिए हर एक क्षेत्र में काम कर रहा है। 

हर एक क्षेत्र में कुशल नेतृत्व वाले लीडर की जरूरत होती है, जिसका आभाव होने के कारण इस फेलोशिप की योजना को बनाया गया है। इस फेलोशिप के माध्यम से प्रतिभाशाली युवाओं का मार्गदर्शन किया जाता हैं, ताकि वे देश की असंख्य समस्याओं को हल करने में अपनी महत्वपुर्ण भूमिका निभा सकें। 

फेलोशिप सिलेबस को इस तरह बनाया गया है जिसमें एक फेलो बहुत से लोगों के जीवन में सकरात्मक परिवर्तन लाने में सहायक होंगे। इस प्रोग्राम का मुख्य विश्वास यह है कि सभी जीवन में सुधार सुनिश्चित करने का एकमात्र तरीका यह है कि यदि हमारे पास बड़े प्रभावशाली भूमिकाओं में प्रतिबद्ध और कुशल लोग हैं, जो हमारे देश और समाज में कई तरह की समस्याओं को हल करने के लिए सहयोग और नई इनोवेशन कर सकते हैं।

गांधी फेलोशिप की शुरूआत कब हुई थी?

गांधी फैलोशिप योजना की शुरुआत वर्ष 2008 में राजस्थान के झुंझुनू जिले में 11 फेलो कैंडिडेट के साथ शुरू हुई थी। इस फेलोशिप का मुख्य उद्देश्य पब्लिक एजुकेशन सिस्टम में सुधार करके सभी स्तरों पर सकारात्मक परिवर्तन लाने के साथ-साथ देश भर में प्रतिभाशाली युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में कुशल लीडरों का विकास करना हैं।  

गांधी फेलोशिप के फायदे क्या होते हैं?

इस फेलोशिप के माध्यम से फेलो कैंडिडेट्स सामाजिक परिवर्तनों की समस्याओं में सकरात्मक परिवर्तन लाने के साथ-साथ स्वयं के व्यक्तित्व का भी निर्माण करते हैं। फेलोशिप का निर्माण फेलो की क्षमताओं को विकसित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। गांधी फेलोशिप से कैंडिडेट्स को मिलने वाले कुछ प्रमुख फायदे इस प्रकार हैं:

  • गांधी फेलोशिप में सेलेक्ट होने वाले सभी कैंडिडेट्स को दो साल तक फेलोशिप का लाभ मिलेगा। 
  • इस फेलोशिप में हर महीने एक फेलो कैंडिडेट को INR 14,000 दिए जाएंगे, साथ ही हर महीने मोबाइल अलाउंस के तौर पर INR 600 भी मिलेंगे। 
  • फेलोशिप में मिलने वाली पूरी ग्रांट मनी का आधा हिस्सा यानी INR 7,000 रिजर्व अमाउंट के रूप में रखा जाएगा और बाकी का INR 7,000 का भुगतान फेलो के बैंक एकाउंट में किया जाएगा। 
  • इस फेलोशिप के 23 महीने पूरे होने पर रिजर्व अमाउंट का भुगतान एक साथ किया जाता है। 
  • फेलोशिप में फेलो को ट्रैवलिंग और हाउसिंग समेत कई सुविधाओं का लाभ मिलता है। 

फेलोशिप प्रोग्राम

फेलोशिप का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक कैंडिडेट को भविष्य के लिए तैयार करना है, साथ ही फेलोशिप सिलेबस हर कैंडिडेट के व्यक्तित्व के निर्माण और मजबूती की दिशा में काम करता है। इस प्रोग्राम से संबंधित सभी जानकारियां नीचे दी गई हैं-

  • लीडरशिप स्किल्स
  • मासिक कार्यशालाएं 
  • बूट शिविर 
  • कौन बनेगा द न्यू मिलियनेयर (K.B.T.N.M) 
  • लर्निंग जर्नी 
  • फील्ड सपोर्ट 
  • कम्युनिटी इमर्शन 
  • क्लासरूम इमर्शन
  • गवर्नमेंट सिस्टम इमर्शन
  • विपश्यना
  • डेब्रीफ्स 
  • वन-ऑन-वन 

गांधी फेलोशिप के लिए योग्यता क्या होती है?

Gandhi fellowship kya hai जानने के साथ-साथ नीचे इस फ़ेलोशिप को पाने की योग्यता भी आवश्यक है-

  1. गांधी फेलोशिप में अप्लाई करने के लिए कैंडिडेट की आयु 18 से 26 वर्ष के बीच होनी चाहिए। 
  2. जिन छात्रों ने (स्पोर्ट्स, NCC, NSS, वोलंटरी वर्क, परफार्मिंग आर्ट्स, डिबेट और साहित्य) जैसे विषयों में उपलब्धि हासिल की हो। उन्हें प्राथमिकता दी जाती है। 
  3. इस फेलोशिप के लिए किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएट होना जरूरी है, हालांकि ग्रेजुएशन फाइनल ईयर के स्टूडेंट भी इसके लिए फेलोशिप के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
  4. इस फेलोशिप के लिए ग्रेजुएशन में 55 प्रतिशन नंबर पाने वाले कैंडिडेट्स ही रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। 
  5. इंजीनियरिंग, एप्लाइड एंड प्योर साइंस,कॉमर्स, मैनेजमेंट, हयूमैनिटिज़ एंड लिबरल आर्ट्स, सोशल वर्क, साइकोलॉजी एंड बेहवियरल साइंस, मैथमेटिक्स, जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, एजुकेशन और लॉ इत्यादि में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाले सभी छात्र इस फेलोशिप के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

गांधी फेलोशिप के लिए आवेदन प्रक्रिया क्या है? 

गांधी फेलोशिप में ऑनलाइन मोड से अप्लाई किया जा सकता है। यहां नीचे एप्लीकेशन प्रोसेस की पूरी जानकारी दी जा रही है-

  • स्टेप 1- सबसे पहले रजिस्ट्रेशन करने के लिए ऑफिशियल वेबसाइट gandhifellowship.org पर जाएं। 
  • स्टेप 2- इसके बाद वेबसाइट पर Apply Now ऑप्शन पर क्लिक करें।
  • स्टेप 3- इसके बाद आप गांधी फेलोशिप रजिस्ट्रेशन फॉर्म के बटन पर क्लिक करें।
  • स्टेप 4- आपके सामने एक नया पेज ओपन हो जाएगा, जिसमें आप फेलोशिप के लिए अप्लाई कर सकते है। 
  • स्टेप 5- रजिस्ट्रेशन के लिए नाम, मोबाइल नंबर और ईमेल जैसी डिटेल्स फिल करें। जिसके बाद ही आप अपना एप्लीकेशन फॉर्म भर सकते हैं।

गांधी फेलोशिप के लिए आवश्यक दस्तावेजों की लिस्ट 

Gandhi fellowship kya hai जानने के साथ-साथ इस फ़ेलोशिप को हासिल करने के लिए किन-किन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है, वह इस प्रकार हैं:

  • आपकी 10वीं या 12वीं की परीक्षा की मार्कशीट और पासिंग सर्टिफिकेट
  • डेट ऑफ बर्थ का प्रूफ
  • स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट
  • ट्रांसफर सर्टिफिकेट
  • डोमिसाइल सर्टिफकेट/रेजिडेंशियल सर्टिफिकेट
  • टेम्पररी सर्टिफिकेट
  • करेक्टर सर्टिफिकेट 
  • SC/ST/OBC सर्टिफिकेट
  • विकलांगता का प्रमाण (यदि कोई हो)
  • माइग्रेशन सर्टिफिकेट  

FAQs

फैलोशिप और स्कॉलरशिप में क्या अंतर है?

छात्रवृति और फेलोशिप के बीच एकमात्र अंतर यह है कि छात्रवृति प्राथमिक कक्षा से स्नातक डिग्री स्तर तक छात्रों को प्रदान की जाती है. जबकि फेलोशिप उन छात्रों को प्रदान की जाती है जो किसी विशेष संस्थानों या विश्वविद्यालय में रिसर्च कर रहे होते हैं। 

फेलोशिप का मूल सिद्धांत क्या है?

फेलोशिप महात्मा गांधी की विरासत से प्रेरित है। फेलोशिप की नींव रखने वाले दो मूल सिद्धांत हैं:-
“खुद वो बदलाव बनिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं”।
नई अपॉर्चुनिटी के लिए अवसर पैदा करना”।

फेलोशिप प्रोग्राम 23 महीने का क्यों है न कि एक साल या तीन साल का?

फेलोशिप एक वर्ष के लिए डिज़ाइन नहीं की गई है क्योंकि हमारा मानना ​​है कि प्रभावी नेतृत्व कौशल विकसित करने में समय लगता है और इसे बारह महीने के कार्यक्रम में संकुचित नहीं किया जा सकता है। फेलोशिप कि 23 महीने की यात्रा में, एक फेलो को 7 बेसिक स्किल्स को हासिल करना होता है जिसके लिए एक तय समय सीमा की आवश्यकता होती है। फेलोशिप सिलेबस को इस अवधि में इन स्किल्स को प्राप्त करने में फेलो की मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

आशा है आपको Gandhi fellowship kya hai पर आधारित गांधी फेलोशिप का यह ब्लॉग पसंद आया होगा। यह ब्लॉग अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर शेयर करें। ऐसे ही अन्य रोचक, ज्ञानवर्धक और आकर्षक ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*