मुहावरे जिनका प्रयोग हम लगभग प्रतिदिन करते हैं, मुहावरे हमारी बातों को कम शब्दों में बेहतर तरह से प्रस्तुत करने में मदद करते हैं। कई बार ऐसा होता है कि हम मुहावरों का सही अर्थ जानें बिना ही उनका प्रयोग कर देते हैं, जिससे अर्थ का अनर्थ हो जाता है। ऐसे ही मुहावरों की सूची में शामिल है गले पड़ा ढोल बजाना मुहावरा, जिसके अर्थ में अक्सर कई लोग गलती कर देते हैं, इसलिए इस ब्लॉग में गले पड़ा ढोल बजाना मुहावरे का अर्थ’ (Gale Pada Dhol Bajana Muhavare Ka Arth) और इसके भाव को स्पष्ट करने के लिए वाक्यों में प्रयोग दिए गए हैं जो आपको इसके बारे में जानने में मदद करेंगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है, उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा-सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
गले पड़ा ढोल बजाना मुहावरे का अर्थ क्या है?
गले पड़ा ढोल बजाना का अर्थ (Gale Pada Dhol Bajana Muhavare Ka Arth) होता है विवश होकर कोई काम करना या दायित्व निभाना। जब कोई व्यक्ति किसी कार्य को बिना उसके मर्जी के करता है, तो वहां पर ‘गले पड़ा ढोल बजाना’ मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
गले पड़ा ढोल बजाना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग
गले पड़ा ढोल बजाना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग निम्नलिखित है :
- साक्षी को शादी की सारी तैयारियों का जिम्मा मिल गया, अब उसे गले पड़ा ढोल बजाना पड़ रहा है।
- जब सुरेश का दोस्त अचानक शहर छोड़कर गया, तो उसकी दुकान का सारा काम रोहन को देखना पड़ा। अब उसे गले पड़ा ढोल बजाना पड़ रहा है।
- रमेश को ऑफिस का वह प्रोजेक्ट मिल गया जिसे कोई नहीं लेना चाहता था। अब उसे गले पड़ा ढोल बजाना ही पड़ेगा।
- जब से मोहित के पिता बीमार हुए हैं, उसे घर की सारी जिम्मेदारियाँ संभालनी पड़ रही हैं। सचमुच, उसे गले पड़ा ढोल बजाना पड़ रहा है।
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आशा है कि गले पड़ा ढोल बजाना मुहावरे का अर्थ (Gale Pada Dhol Bajana Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।