एक हाथ से ताली नहीं बजती मुहावरे का अर्थ (Ek Haath Se Taali Nahi Bajti Muhavare Ka Arth) होता है। जब किसी व्यक्ति का किसी से विवाद या लड़ाई हो जाती है और वह सिर्फ एक पक्ष को दोष देता है, तो उसके लिए हम एक हाथ से ताली नहीं बजती मुहावरे का प्रयोग करते हैं। इस ब्लॉग के माध्यम से एक हाथ से ताली नहीं बजती मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
एक हाथ से ताली नहीं बजती मुहावरे का अर्थ क्या है?
एक हाथ से ताली नहीं बजती मुहावरे का अर्थ (Ek Haath Se Taali Nahi Bajti Muhavare Ka Arth) होता है- विवाद या लड़ाई एक तरफा नहीं होता आदि।
एक हाथ से ताली नहीं बजती पर व्याख्या
इस मुहावरे में “एक हाथ से ताली नहीं बजती मुहावरे का अर्थ” रवि ने जब सौरभ के साथ लड़ाई करने के बाद खुद को सबके समने निर्दोष बताने लगा, लेकिन सबने यही कहा एक हाथ से ताली नहीं बजती।
एक हाथ से ताली नहीं बजती मुहावरे का वाक्य प्रयोग
एक हाथ से ताली नहीं बजती मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है;
- सास-बहु के झगड़े में एक हाथ से ताली नहीं बजती।
- सबको साथ देना होगा तभी तभी हम उन डाकुओं से लड़ पाएंगे, क्योंकि एक हाथ से ताली नहीं बजती।
- जाति-धर्म के मामले में सभी शामिल होते हैं, क्योंकि एक हाथ से ताली नहीं बजती।
संबंधित आर्टिकल
आशा है कि एक हाथ से ताली नहीं बजती मुहावरे का अर्थ (Ek Haath Se Taali Nahi Bajti Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।