दूध की मक्खी मुहावरे का अर्थ (Doodh Ki Makkhi Muhavare Ka Arth) होता है। जब कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति को तुच्छ समझ कर अलग कर देता है। तो उसके लिए हम दूध की मक्खी मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप दूध की मक्खी मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
दूध की मक्खी मुहावरे का अर्थ क्या है?
दूध की मक्खी मुहावरे का अर्थ (Doodh Ki Makkhi Muhavare Ka Arth) होता है- किसी को तुच्छ समझ कर अलग करना, पृथक करना आदि।
दूध की मक्खी पर व्याख्या
इस मुहावरे में “दूध की मक्खी मुहावरे का अर्थ” अनुराग को जब तक मुझसे काम था उसने मेरे साथ प्यार से बात की, लेकिन जिसे ही उसका काम निकल गया उसने मुझे दूध की मक्खी समझ लिया।
दूध की मक्खी मुहावरे का वाक्य प्रयोग
दूध की मक्खी मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है;
- आज-कल के लोग काम निकलने पर सामने वाले को दूध की मक्खी समझ लेते हैं।
- शिवम हर किसी को काम निकल जाने के बाद दूध की मक्खी समझता हैं।
- दूसरों को दूध की मक्खी समझने वाले लोग एक दिन खुद पछताते हैं।
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आशा है कि दूध की मक्खी मुहावरे का अर्थ (Doodh Ki Makkhi Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।