इन दिनों इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के स्टूडेंट्स में कम्प्यूटर साइंस से भी ज्यादा रुझान डाटा साइंस के लिए देखने को मिल रहा है। IIT कानपुर की काउंसलिंग में स्टेटिक्स एंड डाटा साइंस की सीट्स पहले राउंड में ही पूरी हो गई थीं। जबकि कम्प्यूटर साइंस के लिए सीटों का भरा जाना दूसरे राउंड में पूरा हो सका।
स्टूडेंट्स में कम हुआ कम्प्यूटर साइंस का क्रेज़
ख़बरों के मुताबिक़ IIT कानपुर की काउंसलिंग में बीटेक की कम्प्यूटर साइंस की सभी सीटें दूसरे राउंड में पूरी हो सकी। जबकि पूर्व के वर्षों में कम्प्यूटर साइंस की सीटें पहले राउंड में ही पूरी हो जाया करती थीं। बीटेक करने वाले स्टूडेंट्स में अब डाटा साइंस को लेकर अधिक रूचि बढ़ रही है। IIT कानपुर में तीसरे राउंड में इंजीनियरिंग की सभी सीटें भरी जा चुकी थीं।
टॉप रैंकर्स की भी पहली पसंद बनी डाटा साइंस ट्रेड
ख़बरों के मुताबिक़ जेईई एडवांस में टॉप रैंकर्स की भी पहली पसंद डाटा साइंस ब्रांच ही बन रही है। जबकि बीते कई सालों से जेईई टॉपर्स की पहली पसंद कम्प्यूटर साइंस ही रही थी। लेकिन अब टॉपर्स के बीच भी डाटा साइंस ट्रेड को लेकर क्रेज़ बढ़ता जा रहा है।
करियर की संभावनाएं अधिक होने के कारण बढ़ रहा क्रेज़
रिपोर्ट्स की मानें तो डाटा साइंस के लिए स्टूडेंट्स के इस बढ़ते आकर्षण का कारण डाटा साइंस के क्षेत्र में बढ़ती जॉब की संभावनाओं को माना जा रहा है। देश और विदेश की कई बड़ी कंपनियों में डाटा साइंटिस्ट्स की मांग बढ़ती ही जा रही है। आईटी क्षेत्र की सभी बड़ी कंपनियों में डाटा साइंटिस्ट्स के लिए लगातार वैकेंसी निकलती रहती हैं। यही कारण है कि स्टूडेंट्स अब कम्प्यूटर साइंस को न चुनकर डाटा साइंस को चुन रहे हैं।
डेटा साइंस क्या है?
सरल शब्दों में डेटा साइंस, डेटा की एक पढ़ाई होती है, जिसमें एल्गोरिथ्म, मशीन लर्निंग के सिद्धांत और विभिन्न अन्य टूल्स शामिल होते हैं। इसमें महत्वपूर्ण और उपयोगी जानकारी प्राप्त करने के लिए डेटा रिकॉर्ड, संग्रह और एनालिसिस करने के लिए उपयोग किया जाता है। डेटा साइंटिस्ट लॉग फाइल्स, सोशल मीडिया, सेंसर, ग्राहक लेनदेन जैसे सोर्सेज की एक विस्तृत श्रृंखला से डेटा को निकालते हैं और उसकी जांच करते हैं।
इसी और अन्य प्रकार के Leverage Edu न्यूज़ अपडेट्स के साथ बने रहिए।