दर-दर की ठोकरें खाना मुहावरे का अर्थ (Dar Dar ki Thokare khana Muhavare Ka Arth) हर जगह से अपमानित और निराश होकर भटकना होता है। जब कोई व्यक्ति अपने जीवन में परेशानियों और असफलताओं का सामना करता है और हर जगह से निराश हो जाता है तो ऐसी स्थिति में दर-दर की ठोकरें खाना मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लाॅग में दर-दर की ठोकरें खाना मुहावरे का अर्थ, वाक्यों में प्रयोग और इसके भाव के बारे में जानेंगे।
मुहावरे किसे कहते हैं?
किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे ‘मुहावरा’ कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा-सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
दर-दर की ठोकरें खाना मुहावरे का अर्थ क्या है?
दर-दर की ठोकरें खाना मुहावरे का हिंदी अर्थ (Dar Dar ki Thokare khana Muhavare Ka Arth) हर जगह से अपमानित और निराश होकर भटकना होता है।
दर-दर की ठोकरें खाना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग
दर-दर की ठोकरें खाना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग इस प्रकार है-
- किशन के पास न तो घर है और न ही ठिकाना है तो वह दर-दर की ठोकरें खा रहा है।
- मोहिन ने नौकरी पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाई मगर उसे सफलता नहीं मिली।
- कृतिका को अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ीं लेकिन उसने हार नहीं मानी और डटी रही।
- विशाल को राष्ट्रीय स्तर की क्रिकेट टीम में पहुंचने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ीं।
- छात्रों ने कक्षा में अध्यापक से दर-दर की ठोकरें खाना मुहावरे के बारे में पूछा।
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आशा है कि आपको दर-दर की ठोकरें खाना मुहावरे का अर्थ (Dar Dar ki Thokare khana Muhavare Ka Arth) के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। हिंदी मुहावरों के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।