जानिए दादा साहेब फाल्के की जीवन के किस्से

1 minute read
Dadasaheb phalke ki jivani

दादा साहेब फालके पुरस्कार एक ऐसा पुरस्कार  है जो भारत सरकार की ओर से दिया जाता है। या पुरस्कार किसी विशेष व्यक्ति को भारतीय सिनेमा में उसके आजीवन योगदान के लिए दिया जाता है। बाबा साहेब फाल्के पुरस्कार का प्रारंभ दादा साहेब फाल्के के जन्म शताब्दी वर्ष 1969 में हुआ था। Dadasaheb Phalke Awards भारत के फिल्म क्षेत्र का सबसे प्राचीन पुरस्कार ” लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड ” के रूप में दिया जाता है। बाबा साहेब फाल्के को भारतीय सिनेमा के जनक माना जाते हैं। एक पहले व्यक्ति थे जिन्होंने भारतीय जगह मैं सबसे पहले फिल्म प्रोड्यूसर ,डायरेक्टर और मूवी राइटर थे। Dadasaheb Phalke Biography तो आइए इस ब्लॉग में हम Dadasaheb Phalke ki Jivani के बारे में जानते हैं।

Dadasaheb Phalke Biography जीवन परिचय

Source: Study IQ Education
परिचय बिदूपरिचय
पूरा नामधुन्दिराज गोविंद फाल्के
जन्म दिन30 अप्रैल  1870
जन्म स्थानत्र्यम्बकेश्वर,महाराष्ट्र
पेशाफिल्म मेकिंग
राष्ट्रीयताभारतीय
उम्र73 वर्ष
धर्महिन्दू
जातिमराठी ब्राह्मिन
वैवाहिक स्थितिविवाहित
राशिकुंभ
मृत्यु16 फरवरी 1944

Check it : 10 Study Tips in Hindi- परीक्षा की तैयारी कैसे करे?

Dadasaheb Phalke Biography प्रारंभिक जीवन

30 अप्रैल 1870 को नासिक के निकट त्रंबकेश्वर नामक तीर्थ स्थल के पास बाबा साहेब फाल्के का जन्म हुआ था। बाबा साहेब का पूरा नाम धुडीराज गोविंद फाल्के था और वह एक ब्राह्मण मराठी परिवार से थे। उनके पिता नाशिक के जाने-माने विद्वान थे और मुंबई के एलफिंस्टन कॉलेज के अध्यापक भी थे। इसी कारण से दादा साहेब फाल्के को बचपन से ही कला में रुचि थी। 

Dadasaheb Phalke Biography शिक्षा

जब दादा साहेब फालके 1885 में 15 वर्ष के हुए तब उन्होंने JJ School Of Arts  मुंबई में जो स्थित है ,उसके अंदर दाखिला लिया था। उस समय यह कला का सबसे बड़ा शिक्षा केंद्र था।J J School Of Arts मैं चित्रकला सीखने के बाद, 1890 मैं वह बरोड़ा के प्रसिद्ध Maharaja sayajirao University के अंदर कलाम भवन में दाखिला लिया था। वहां से उन्होंने चित्रकला के साथ फोटोग्राफी और स्थापत्य कला का  अध्ययन किया था।

Dadasaheb Phalke Career कार्य क्षेत्र

दादा साहेब फाल्के ने अपने जीवन में कई सारे कार्य किए हैं:

  • दादा साहेब फाल्के ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग में यह कार्य किया है।
  • उसके बाद उन्होंने जर्मनी से मशीन लाकर अपना एक प्रिंटिंग प्रेस भी लगाया था।
  • दादा साहेब फाल्के ने मासिक पत्रिका का प्रकाशन भी किया है।

Check it : आयकर अधिकारी [Income Tax Officer] कैसे बनें?

Dadasaheb Phalke Movies फिल्मों की शिक्षा

दादासाहेब फालके को शुरू से ही कला के क्षेत्र में बहुत रुचि थी। 1911 मैं जब ईसा मसीह के जीवन पर आधारित फिल्म को देखा तो उनका मन फिल्मों की तरफ से बहुत ही आकर्षित हो गया था।

  • उस समय के दौरान फिल्म में मुक आती थी।
  • मतलब ऐसे फिल्म जिसके अंदर कोई भी आवाज नहीं होता बस चेहरे के भाव से दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करना होता है।
  • The life of Christ मूवी देखने के बाद दादा साहेब फाल्के बहुत ही प्रभावित हुए थे।
  • उनके मन में यह विचार आया कि क्यों ना अपने देश के महापुरुषों और देवी-देवताओं के ऊपर फिल्म बनाई जाए।
  • यही सोचने दादासाहेब फाल्के को फिल्मों की ओर लेकर आए।

UPSC Motivational Quotes in Hindi

Dadasaheb Phalke Movies फिल्म कंपनी की स्थापना

दादा साहब फाल्के ने अपनी फिल्म राजा हरिश्चन्द्र की सफलता के बाद नासिक में आकर अपनी अगली फिल्म मोहनी भस्मासुर और सावित्री सत्यवान को प्रोड्यूस किया। उनके इन फिल्मों के गाने काफी हिट हुए और फिर उनके प्रत्येक फिल्म के प्रिंट जारी होने लगे, यह उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि थी।

इन फिल्मों में दादा साहब फाल्के जी ने अपनी फिल्मों में कुछ स्पेशल इफेक्ट डाले जो कि दर्शकों द्वारा काफी पसंद किए गए। इसके अलावा फिल्मों में ट्रीक फोटोग्राफी भी दर्शकों द्वारा काफी पसंद की गई। दादा साहब फाल्के ने उस दौर में अपनी फिल्मों में तमाम नए एक्सपेरिंमेंट किए और फिर साल 1917 में उनहोंने महाराष्ट्र के नासिक में ”हिन्दुस्तान फिल्म कंपनी” की नींव रखी और कई फिल्में बनाईं।

दादा साहेब फालके की पहली फिल्म

  • दादा साहेब फाल्के की सबसे पहली फिल्म राजा हरिश्चंद्र बनाई थी।
  • यह फिल्म को 3  मई 1913 को मुंबई के कोरोनेशन थिएटर में दर्शकों के बीच दिखाया गया था।

सफल लोगों की 30 अनमोल आदतें: Habits of Successful People

दादा साहेब फाल्के की कुछ प्रसिद्ध फिल्में

  • राजा हरीशचंद्र (1913),
  • मोहिनी भस्मासुर (1913),
  • सत्यवान सावित्री (1914),
  • लंका दहन (1917),
  •  श्री कृष्णा जन्म (1918) ,
  •  कालिया मर्दन (1919).

दादा साहेब द्वारा बनाई गयी मुख्य फिल्म्स

  • राजऋषि अम्बारीश      –  1922
  • राम मारुती युद्ध –    1923
  • गुरु द्रोणाचार्य – 1923
  • अश्वथामा। – 1923
  • शिवाजीची अग्र्याहुन सुताका (Shivajichi Agryahun Sutaka) – 1924
  • सत्यभामा   –  1925
  • राम राज्य विजय –  1926
  • बहकर प्रहलाद –  1926
  • हनुमान जन्म। – 1927
  • द्रौपदी वस्त्रहरण –  1927
  • परशुराम –  1928
  • संत मीराबाई –   1929
  • कबीर कमल – 1930

Personality Development Tips in Hindi

दादा साहेब फाल्के की यादगार फिल्में

25 वर्षों के फ़िल्मी सफ़र में दादा साहब फालके  ने 1913 से लेकर 1923 तक ढेरो फिल्मो का निर्माण किया था । जिसमे से कुछ यादगार फिल्मे इस प्रकार हैं.

  • राजा हरिश्चंद्र (1913)
  • मोहिनी भस्मासुर (1913)
  • सावित्री सत्यवान (1914)
  • लंका दहन (1917)
  • श्री कृष्ण जन्म (1918)
  • कालिया मर्दन (1919)
  • कंस वध (1920)
  • शकुंतला (1920)
  • संत तुकाराम (1921)
  • भक्त गोरा (1923)
  • सेतु बंधन (1932)
  • गंगावतरण (1937) पहली और एकमात्र बोलती फिल्म 

उन्होंने अपने समय में 125 फ़िल्मों का निर्माण किया था। इनमें से कई  फिल्मों में खुद स्टोरी लिखी और उसे  निर्देशित किया था। 

Top 50 Hindi Shayari by Gulzar Sahab

Dadasaheb Phalke Awards Lists पुरस्कार

  • वर्ष 1969 में पहला Dadasaheb Phalke Awards अभिनेत्री देविका रानी को दिया गया था।
  • दादा साहेब फाल्के पुरस्कार वर्ष के अंत में राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों के साथ दिया जाता है।
  •  वर्ष 2006 यह हुआ कि  मुंबई हाई कोर्ट ने फ़िल्म महोत्सव निदेशालय को निर्देश दिया कि वह इस सम्मान के लिए बिना सेंसर की हुई फ़िल्मों पर ही विचार करे। 
  • इसे फ़िल्म महोत्सव निदेशालय ने सर्वोच्च न्यायालय के अंदर चुनौती दी थी।
  •  सर्वोच्च न्यायालय का फैसला फ़िल्म महोत्सव निदेशालय के पक्ष में रहा था। 
  • अदालती फैसले में देरी के कारण 2006 वर्ष के पुरस्कार की घोषणा वर्ष 2008 के मध्य में की गई थी।
  • 2007 के Dadasaheb Phalke Awards की घोषणा सिंतबर में हुई थी।
  • फिर 2009 वर्ष में हुई थी।
  •  इसी तरह वर्ष 2008 के पुरस्कार की 19 जनवरी, 2010 को हुई थी।
  • वर्ष 2009 के पुरस्कार की घोषणा 9 सितंबर, 2010 को हुई थी।
  • Dadasaheb Phalke Awards में भारत सरकार की ओर से दस लाख रुपये नकद, स्वर्ण कमल और शॉल प्रदान किया जाता है।
  •  वर्ष 2008 का ‘Dadasaheb Phalke Awards’ कर्नाटक के वी.के. मूर्ति को प्रदान किया गया था, जो इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को पाने वाले पहले सिनेमैटोग्राफर थे।
  •  ‘दादा साहेब फाल्के अकेडमी’ के द्वारा भी दादा साहेब फाल्के के नाम पर तीन पुरस्कार भी दिए जाते हैं।
  • जो हैं –
    •  फाल्के रत्न अवार्ड,
    •  फाल्के कल्पतरु अवार्ड
    • दादा साहेब फाल्के अकेडमी अवार्ड्स
Source – DD News

Dadasaheb phalke ki jivani से जुड़ी कुछ रोचक बातें

  • दादा साहब फालके  के कुल  9 बच्चे थे।
  • दादा साहब फालके ने दादर (मुम्बई) में 1912 को फाल्के फ़िल्म कम्पनी की स्थापना की थी।
  • दादा साहब फालके की वर्ष 1913 में बनी  “राजा हरिश्चन्द्र” उनकी पहली फिल्म थी। जिसे निर्देशन उन्होंने ही किया था।
  • दादा साहब फालके ने केवल 20 वर्षों में  कुल 95 फ़िल्में और 26 लघु फ़िल्में का निर्माण किया था।
  • दादा साहब फालके की पहली बार फिल्म “भस्मासुर मोहिनी” में दुर्गा गोखले और कमला गोखले, ने महिला का  किरदार  निभाया था।
  • अपनी फ़िल्में दादा साहब फालके ने मुंबई के बजाय नासिक में बनाई थी। 
  • दादा साहब फालके  की अंतिम मूक फ़िल्म  ‘सेतुबंधन’ थी जो सन 1932 में आई  जिसे बाद में डब करके आवाज़ दी गई थी।
  • दादा साहब फालके की साझेदारी में ‘हिन्दुस्तान सिनेमा कम्पनी’ की स्थापना हुई थी।
  • दादा साहब फालके ने जो एकमात्र बोलती फ़िल्म बनाई उसका नाम ‘गंगावतरण’ था।
  •  1930 में दादा साहब फालके ने फिल्म निर्माण का कार्य छोड़ दिया था।

अंतिम सफर

16 फरवरी 1944 को दादा साहेब फाल्के का निधन हुआ था। यह बात आज भी पूरी फिल्म जगत के अंदर कोई भी भुला नहीं पाया है।दादासाहेब फालके द्वारा फिल्म जगत के अंदर दिए गए योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता।

Source: Dil se deshi

FAQ

प्रश्न :- दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की शुरुआत कब हुई थी ?

उत्तर :- दादा साहेब फाल्के पुरस्कार 1969 में भारतीय सिनेमा के पितामह दादासाहेब फाल्के की जन्मशती वर्ष के अवसर पर शुरू हुआ था।

प्रश्न :- दादा साहेब फाल्के पुरस्कार किसे दिया जाता है ?

उत्तर :- दादा साहेब फाल्के पुरस्कार भारतीय सिनेमा में अमूल्य योगदान देने वाले को सम्मानस्वरूप दिया जाता है। (dada saheb phalke award in hindi)

प्रश्न :- दादा साहब फाल्के पुरस्कार में कितनी राशि मिलती है?

उत्तर :- तब से अब तक यह पुरस्कार लक्षित वर्ष के अंत में अथवा अगले वर्ष के आरम्भ में ‘राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार’ के लिए आयोजित समारोह में प्रदान किया जाता है। वर्तमान में इस पुरस्कार में 10 लाख रुपये और स्वर्ण कमल दिये जाते हैं।

प्रश्न :- दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्राप्त करने वाली प्रथम महिला कौन थी?

उत्तर :- सबसे पहला दादा साहेब फाल्के सम्मान देविका रानी को दिया गया था.

आशा करते हैं कि आपको Dadasaheb phalke ki jivani का ब्लॉग अच्छा लगा होगा। जितना हो सके अपने दोस्तों और बाकी सब को शेयर करें ताकि वह भी Dadasaheb phalke ki jivani का  लाभ उठा सकें और  उसकी जानकारी प्राप्त कर सके ।  हमारे Leverage Edu मैं आपको ऐसे कई प्रकार के ब्लॉक मिलेंगे जहां आप अलग-अलग विषय की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ।अगर आपको किसी भी प्रकार के सवाल में दिक्कत हो रही हो तो हमारी विशेषज्ञों आपकी सहायता भी करेंगे।

प्रातिक्रिया दे

Required fields are marked *

*

*