D Pharma Syllabus in Hindi: D Pharma दो साल का कोर्स है, जिसे पूरा करने के बाद स्टूडेंट्स फार्मेसी सेक्टर में अपना करियर बना सकते हैं। डिप्लोमा इन फार्मेसी में मेडिकल क्षेत्र में विभिन्न करियर विकल्प देखने को मिलते हैं। वही हाल के वर्षों में यह देखा गया है कि डी फार्मा कोर्स मेडिकल साइंस के छात्रों की पहली पसंद के रूप में उभरा है। अगर आप भी मेडिकल क्षेत्र में एक शॉर्ट टर्म कोर्स का चयन करने की योजना बना रहे हैं, तो आपके लिए डी फार्मेसी एक सर्वश्रेष्ठ विकल्प है। डी फार्मा का सिलेबस दवा निर्माण, फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री, फार्माकोलॉजी और अस्पताल प्रबंधन का ज्ञान देता है, जिससे वे फार्मासिस्ट के रूप में करियर बना सकें। इस ब्लॉग में D Pharma Syllabus in Hindi के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी गई है।
कोर्स का नाम | डी फार्मा |
फुल फॉर्म | ‘डिप्लोमा इन फार्मेसी’ |
कोर्स की अवधि | 2 साल |
मिनिमम क्वॉलिफिकेशन | 10 + 2 |
रिक्वायर्ड सब्जेक्ट्स | फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी एंड मैथमेटिक्स |
कोर्स फीस | लगभग 10,000 से लेकर 2 लाख रूपये |
औसत शुरूआती वेतन | अनुमानित 1 लाख से लेकर 10 लाख रूपये |
जॉब प्रोफाइल | मेडिकल स्टोर, हॉस्पिटल फार्मेसिस्ट, प्रोडक्शन केमिस्ट आदि |
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डी फार्मा क्या है?
डी फार्मा की फुल फॉर्म ‘डिप्लोमा इन फार्मेसी’ होती है। आपको बता दें कि इस डिप्लोमा कोर्स की अवधि 2 साल होती है। जिसके अंतर्गत छात्रों को विभिन्न फार्मास्युटिकल दवाओं एवं उनके निर्माण के पीछे की बुनियादी प्रक्रियाओं के बारे में जानने को मिलता है। इसके साथ ही यह कोर्स चिकित्सा प्रबंधन के कई सिद्धांतों को भी शामिल करता है।D Pharma कोर्स 2 साल का होता है। जिसमें प्रत्येक वर्ष 6 अलग-अलग विषय होते हैं। प्रथम और द्वितीय वर्ष के लिए डी फार्मा के सिलेबस का विवरण इस प्रकार है:
प्रथम वर्ष का सिलेबस
डी फार्मा सिलेबस (D Pharma Syllabus in Hindi) के इस ब्लॉग में आप D Pharma के प्रथम वर्ष का सिलेबस यहाँ टेबल में देख सकते हैं।
टॉपिक्स | सब टॉपिक्स |
फार्मास्यूटिक्स 1 | फार्मास्यूटिकल्स की पैकेजिंग साइज सेपरेशन बाई फिल्ट्रेशन क्लैरिफिकेशन एंड फिल्ट्रेशन इंट्रोडक्शन ऑफ़ वेरियस डोसेज फॉर्म्स मेट्रोलॉजी |
फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री 1 | एंटीऑक्सीडेंट गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एजेंट टॉपिकल एजेंट डेंटल प्रोडक्ट्स एसिड बेस और बफर |
फार्माकोग्नॉसी | फार्माकोग्नॉसी डेफिनिशन हिस्ट्री एंड स्कोप ऑफ़ फार्मास्युटिकल एसिड क्लासिफिकेशन ऑफ़ ड्रग्स ड्रग एवल्यूशन |
बायोकेमिस्ट्री और क्लीनिकल पैथोलॉजी | इंट्रोडक्शन टू बायोकेमिस्ट्री कार्बोहाइड्रेट्स लिपिड्स विटामिन्स एन्ज़ाइम्स मेडिकल साइंस |
हेल्थ एजुकेशन एंड कम्युनिटी फार्मेसी | हेल्थ न्यूट्रिशन एंड हेल्थ कॉन्सेप्ट्स फंडामेंटल्स ऑफ़ माइक्रोबायोलॉजी कम्युनिकेबल डिसीस फर्स्ट ऐड |
ह्यूमन एनॉटोमी एंड फिशियोलाॅजी | स्कोप ऑफ़ एनाटॉमी और फिजियोलॉजी प्राइमरी टिश्यू स्केलेटल सिस्टम रेस्पिरेटरी सिस्टम मस्क्युलर सिस्टम कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम |
द्वितीय वर्ष का सिलेबस
D Pharma Syllabus in Hindi के इस ब्लॉग में आप D Pharma के द्वितीय वर्ष का सिलेबस नीचे दिए टेबल में देख सकते हैं।
टॉपिक्स | सब टॉपिक्स |
फार्माकोलॉजी II | रीडिंग एंड अंडरस्टैंडिंग प्रिस्क्रिप्शन स्टडीज ऑफ़ वेरियस टाइप्स ऑफ़ इंकंपैटिबिलिटी टाइप्स ऑफ़ पाउडर्स पोसोलॉजी एंड लिपिड फॉर्म्स ऑफ़ डोस |
फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री II | इंट्रोडक्शन टू नोमेनक्लेचर ऑफ़ आर्गेनिक केमिकल सिस्टम एंटीसेप्टिक्स एंड डिसइंफेक्टेंट्स एंटीलेप्रोटिक ड्रग्स एंटीबायोटिक्स हिप्नोटिक्स |
फार्माकोग्नॉसी टॉक्सिकोलॉजी | इंट्रोडक्क्शन टू फार्माकोलॉजी स्कोप ऑफ़ फार्माकोलॉजी ड्रग्स: फायदे और नुकसान जनरल मैकेनिज्म ऑफ़ ड्रग्स एक्शन ड्रग्स एक्टिंग ऑन सेंट्रल नर्वस सिस्टम |
फार्मास्युटिकल जुरिस्प्रूडेंस | ऑरिजिन एंड नेचर ऑफ़ फार्मास्युटिकल लॉ प्रिंसिपल एंड इम्पोर्टेंस ऑफ़ प्रोफेशनल एथिक्स फार्मेसी एक्ट 1948 ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 ड्रग्स एंड मेजिकल रेमेडीज एक्ट 1954 |
ड्रगस्टोर बिज़नेस मैनेजमेंट | इंट्रोडक्शन टू हाउस मैनेजमेंट सेल्स रिक्रूटमेंट ट्रेनिंग बैंकिंग एंड फायनांस इंट्रोडक्शन टू अकॉउंटिंग |
हॉस्पिटल क्लीनिकल फार्मेसी | डेफिनिशन फंक्शन्सएंड क्लासिफिकेशन ऑफ़ हॉस्पिटल्स ड्रग्स डिस्पेन्सिंग सिस्टम इन हॉस्पिटल क्लीनिकल फार्मेसी मॉडर्न डिस्पेंसिंग एस्पेक्ट्स |
डी फार्मेसी के लिए बेस्ट बुक्स
अगर आप डी फार्मा का कोर्स करना चाहते हैं और आप इसके लिए बेस्ट बुक्स की तलाश कर रहे हैं, तो D Pharma Syllabus in Hindi के इस ब्लॉग में आपको टेबल में कुछ बुक्स के नाम दिए जा रहे हैं जो आपके के लिए मददगार साबित हो सकती हैं:
किताब का नाम | लेखक | यहाँ से खरीदे |
सिम्पलीफाइड नोट्स इन फार्माकोलॉजी | डॉ. सतीश बहेकर | यहाँ से खरीदे |
डी फार्मा 1st ईयर बुक पैक of 5 सब्जेक्ट्स | के शिव प्रसाद और डॉ. वेणु गोपाल राय | यहाँ से खरीदे |
साल्व्ड पेपर्स फॉर डी फार्मा 1st ईयर | एक्सपीरियंस फैकल्टी | यहाँ से खरीदे |
ठाकुर पब्लिकेशन बुक फॉर डी फार्मा 1st ईयर | ठाकुर पब्लिकेशन | यहाँ से खरीदे |
ऑल इन वन (5 इन 1) डी फार्मा 1st ईयर बाई लिन्न्गुअल | जॉय पब्लिकेशन | यहाँ से खरीदे |
डी फार्मा सिलेबस की तैयारी कैसे करें?
डी फार्मा सिलेबस (D Pharma Syllabus in Hindi) की तैयारी करने के लिए यहाँ कुछ साधारण टिप्स दी गई है:
- फार्मास्यूटिक्स: दवा निर्माण की प्रक्रियाएं और फॉर्मूलेशन की थ्योरी को अच्छे से समझें।
- फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री: दवाओं के रासायनिक गुणधर्म और उनके संश्लेषण पर ध्यान दें।
- फार्माकोग्नोसी: औषधीय पौधों के स्रोत, गुण, और उनके उपयोग को याद करें।
- बायोकैमिस्ट्री और क्लिनिकल पैथोलॉजी: एंजाइम, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और ब्लड टेस्टिंग से जुड़ी अवधारणाओं को स्पष्ट करें।
- ह्यूमन एनाटॉमी और फिजियोलॉजी: शरीर की संरचना और कार्यप्रणाली को चार्ट और डायग्राम के माध्यम से पढ़ें।
- फार्माकोलॉजी: दवाओं के प्रभाव, उपयोग, साइड इफेक्ट और इंटरैक्शन को याद रखने के लिए नोट्स बनाएं।
- फार्मास्युटिकल ज्यूरिसप्रुडेंस: फार्मेसी कानून और दवा विनियमन से जुड़े महत्वपूर्ण अधिनियमों को समझें।
- हॉस्पिटल और क्लिनिकल फार्मेसी: दवा वितरण प्रणाली और मरीजों की देखभाल से जुड़े पहलुओं का अध्ययन करें।
- प्रैक्टिकल नॉलेज: लैब वर्क और प्रैक्टिकल एक्सपेरिमेंट्स को नियमित रूप से करें।
- मॉक टेस्ट और रिवीजन: नियमित रूप से टेस्ट दें और पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र हल करें।
FAQs
डी फार्मा का कोर्स करने पर हमें फार्मेसी में डिप्लोमा की डिग्री मिलती है। यह कोर्स 2 साल का होता है जिसके पहले साल में आपको 6 सब्जेक्ट पढ़ाए जाते हैं। जबकि दुसरे साल में भी 6 सब्जेक्ट पढ़ने अनिवार्य होते हैं।
डी फार्मा की फीस अलग अलग देशों और संस्थानों के आधार पर कम या ज्यादा हो सकती है। भारत में अगर D Pharma कोर्स की औसत फीस की बात करें तो यह अनुमानित INR 45,000 से लेकर 1 लाख रूपये प्रति वर्ष है।
डी. फार्मा कोर्स को पूरा करने के बाद एक व्यक्ति को भारत के निजी और सरकारी अस्पतालों में फार्मासिस्ट के रूप में रोजगार के अवसर मिलते हैं।
D Pharma हो या B Pharma दोनों कोर्स को करने के बाद आपको मेडिकल लाइसेंस मिल जाता है। लेकिन D Pharma एक डिप्लोमा कोर्स होता जबकि B Pharma एक स्नातक लेवल का कोर्स है। इसलिए बी फार्मा की वैल्यू डी फार्मा से ज्यादा होती है।
डी फार्मा कोर्स करने के निम्नलिखित फायदे हैं:-
D फार्मा करने के बाद आप Scientific officer बन सकते हैं।
खुद का मेडिकल स्टोर खोल सकते हैं।
सरकारी या फिर फार्मसिस्ट कंपनी मे जॉब्स पा सकते हैं।
फार्मास्यूटिक्स, फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री, फार्माकोग्नॉसी, एनाटॉमी और फिजियोलॉजी तथा सोशल फार्मेसी डी फार्म प्रथम वर्ष में सामान्य रूप से शामिल किए जाने वाले विषय हैं। इसे फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) द्वारा निर्धारित किया जाता है। विषय वही रहते हैं, लेकिन अलग-अलग कॉलेजों में शामिल किए जाने वाले विषय अलग-अलग हो सकते हैं।
किसी भी कॉलेज में डिप्लोमा इन फार्मेसी [डी. फार्म.] कोर्स में प्रवेश के लिए न्यूनतम पात्रता योग्यता किसी मान्यता प्राप्त शैक्षणिक बोर्ड से विज्ञान स्ट्रीम में 10+2 स्तर की शिक्षा है। 10+2 स्तर पर न्यूनतम कुल स्कोर 35% (पासिंग मार्क्स) भी आवश्यक है।
आशा करते हैं कि आपको D Pharma Syllabus in Hindi के इस ब्लॉग से सभी आवश्यक जानकारी मिल गई होगी। सिलेबस से जुड़े ऐसे ही या अन्य ज्ञानवर्धक ब्लॉग्स पढ़ने के लिए बने रहिए Leverage Edu के साथ।
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Good information thanks 😊
2 comments
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