डी फार्मा कोर्स: आवश्यक योग्यता, सिलेबस, कॉलेज और करियर स्कोप

2 minute read
डी फार्मा कोर्स

आधुनिकता के इस युग में हेल्थकेयर और मेडिसिन इंडस्ट्री में लगातार बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। ऐसे में डी फार्मा (डिप्लोमा इन फार्मेसी) कोर्स उन छात्रों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बन सकता है, जो मेडिकल और फार्मेसी सेक्टर में अपना करियर बनाना चाहते हैं। इस कोर्स की समयावधि लगभग 2 साल की होती है, इस डिप्लोमा कोर्स को करने के लिए छात्रों के पास 12वीं में (PCB/PCM) जैसे विषय होने चाहिए। इस कोर्स के माध्यम से छात्रों को दवाई बनाने, दवा वितरण, मरीजों को सही परामर्श देने और हेल्थकेयर सिस्टम को मजबूत करने जैसी स्किल्स सीखने का अवसर मिलता है। यदि आप भी मेडिकल इंडस्ट्री में एक अच्छी शुरुआत करना चाहते हैं तो यह लेख आपका मार्गदर्शन करने में मुख्य भूमिका निभा सकता है, इसलिए इस लेख में डी फार्मा कोर्स से संबंधित आवश्यक जानकारी दी गई है।

डी फार्मा कोर्स क्या है?

डी फार्मा यानी डिप्लोमा इन फार्मेसी एक ऐसा कोर्स है जो उन छात्रों के लिए बनाया गया है जो दवाओं, स्वास्थ्य सेवा और फार्मेसी के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं। यह कोर्स दो साल की अवधि का होता है, इसमें छात्रों को दवाओं के निर्माण, खुराक, उपयोग और मरीजों को सही दवा संबंधी जानकारी देने की ट्रेनिंग दी जाती है।

PCI निर्देशों के अनुसार कोर्स के बाद न्यूनतम 500 घंटे (कम से कम 3 महीने) का अनिवार्य प्रैक्टिकल/इंटर्नशिप आवश्यक है। डी फार्मा (D.Pharm) तभी वैध होगा जब संस्थान फार्मेसी कॉउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) से मान्यता प्राप्त हो। कई राज्य इस कोर्स के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET) या पॉलीटेक्निक एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर अपनी एडमिशन प्रक्रिया को पूरा करते हैं।

डी फार्मा कोर्स क्यों चुनें?

भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती ज़रूरतों के कारण डी फार्मा कोर्स करने वालों की मांग लगातार बढ़ रही है और यह मेडिकल व फार्मास्युटिकल सेक्टर में करियर शुरू करने का एक मजबूत आधार बनाता है। इस कोर्स के लिए आप कम समयावधि में फास्टेस्ट ग्रोइंग करियर का हिस्सा बन सकते हैं, साथ ही इस कोर्स को करने के बाद आपको विविध नौकरी जैसे- फार्मासिस्ट, दवा उत्पादन सहायक, औषधीय उत्पाद विक्रेता, अस्पताल सहायक के रूप में काम करने का अवसर मिलता रहता है। समय के साथ बढ़ती फार्मा इंडस्ट्री में अपने करियर को नया रूप देने के लिए आप इस कोर्स की मदद ले सकते हैं। साथ ही स्वास्थ्य सेवा में योगदान देने का संकल्प रखने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी यह अच्छा विकल्प ही सकता है।

यह भी पढ़ें: बीएलआईएस कोर्स: योग्यता, सिलेबस, फीस, कॉलेज और करियर स्कोप

डी फार्मा कोर्स के लिए स्पेशलाइजेशन

डी फार्मा कोर्स के लिए स्पेशलाइजेशन निम्नलिखित हैं-

  • फार्माकोग्नॉसी
  • क्लीनिकल फार्मेसी
  • फार्मास्यूटिकल केमिस्ट्री
  • फार्मास्यूटिकल टेक्नोलॉजी 
  • मैनेजमेंट फार्मेसी
  • मेडिसिनल केमिस्ट्री
  • प्रैक्टिस फार्मास्यूटिकल
  • फाइटोफार्मास्यूटिकल्स एंड नेचुरल प्रोडक्ट्स 
  • डिस्कवरी एंड डेवलपमेंट
  • बायोफार्मास्यूटिक्स बल्क ड्रग्स
  • ड्रग रेगुलेटरी अफेयर्स
  • क्वालिटी एश्युरेंस
  • फार्माकोलॉजी
  • फार्मास्यूटिक्स ड्रग
  • फार्मास्यूटिकल मार्केटिंग
  • इंडस्ट्रीयल फार्मेसी

डी फार्मा कोर्स के लिए आवश्यक योग्यता

डी फार्मा कोर्स (डिप्लोमा इन फार्मेसी) करने के लिए कुछ आवश्यक योग्यताओं को पूरा करना होता है जो हैं –

  • इस कोर्स को करने के लिए स्टूडेंट्स को किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10+2 पास होना ज़रूरी है, जिसमें स्टूडेंट्स के पास फिजिक्स, केमस्ट्री के साथ-साथ बायोलॉजी या मैथमेटिक्स में से कोई एक विषय होना अनिवार्य है।
  • इस कोर्स के लिए मैक्सिमम संस्थानों में आमतौर पर 45-50% एग्रीगेट मानक होता है, जबकि कुछ जगहों पर SC/ST/OBC कैटेगरी के स्टूडेंट्स को 40-45% छूट मिल सकती है।
  • अधिकतर जगह इस कोर्स को करने के लिए स्टूडेंट्स की आयु कम से कम करंट ईयर में 17 साल होनी अनिवार्य है।
  • कोर्स खत्म होने के बाद, स्टूडेंट्स की प्रोफाइल स्टेट फार्मेसी कॉउंसिल या PCI में रजिस्टर होनी ज़रूरी है ताकि आप एक रजिस्ट्रड फार्मासिस्ट बनकर काम कर सकें।

डी फार्मा कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षाएं

इस कोर्स के लिए कई बार मेरिट बेस्ड एडमिशन होते हैं और कई बार कुछ राज्य में इसके लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाता है उनमें से कुछ हैं:

परीक्षा का नामसंचालन स्तरसंचालन संस्था/राज्यमहत्वपूर्ण जानकारी
GPAT (Graduate Pharmacy Aptitude Test)राष्ट्रीय स्तरनेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA)यह मुख्य रूप से M.Pharma में प्रवेश के लिए है, लेकिन कुछ संस्थान B.Pharma या D.Pharma के लिए भी स्कोर स्वीकार कर सकते हैं (अत्यंत कम मामलों में)।
UPSEE / UPTAC (अब CUET के माध्यम से भी)राज्य स्तरउत्तर प्रदेश सरकारउत्तर प्रदेश के सरकारी और निजी फ़ार्मेसी कॉलेजों में प्रवेश के लिए प्रमुख परीक्षा।
MHT CET (Maharashtra Common Entrance Test)राज्य स्तरमहाराष्ट्र सरकारमहाराष्ट्र राज्य के फ़ार्मेसी कॉलेजों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है।
WBJEE (West Bengal Joint Entrance Examinations)राज्य स्तरपश्चिम बंगाल सरकारपश्चिम बंगाल के फ़ार्मेसी और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए।
KEAM (Kerala Engineering Architecture Medical)राज्य स्तरकेरल सरकारकेरल राज्य के फ़ार्मेसी कॉलेजों में प्रवेश के लिए उपयोग की जाती है।
उत्तराखंड फार्मेसी प्रवेश परीक्षाराज्य स्तरउत्तराखंड तकनीकी शिक्षा बोर्ड (UBTER)उत्तराखंड राज्य के संस्थानों में D.Pharma प्रवेश के लिए।
अन्य राज्य-स्तरीय CET/PETराज्य/संस्थान स्तरसंबंधित राज्य/विश्वविद्यालयबिहार, पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों में अपनी अलग-अलग प्रवेश परीक्षाएं होती हैं।
मेरिट-आधारित प्रवेशसंस्थान स्तरविभिन्न निजी कॉलेजकई निजी कॉलेज और पॉलिटेक्निक संस्थान 12वीं के अंकों के आधार पर सीधे प्रवेश देते हैं।

डी फार्मा कोर्स के लिए सिलेबस

डी फार्मा कोर्स का सिलेबस राज्य और यूनिवर्सिटी के अनुसार अलग हो सकता है। इसका एक बुनियादी और सामान्य सिलेबस निम्नलिखित टेबल में दिया गया है, जिसमें प्रथम वर्ष और द्वितीय वर्ष का सिलेबस शामिल है – 

विषयविषय का सार
फ़ार्मास्यूटिक्स (Pharmaceutics)इसमें दवा निर्माण के तरीके (गोलियाँ, कैप्सूल, सीरप बनाना), खुराक के रूप और दवाओं की स्थिरता का अध्ययन करने का अवसर मिलता है।
फ़ार्मास्युटिकल केमिस्ट्री (Pharmaceutical Chemistry)इसमें आप दवाओं की रासायनिक संरचना, उनके गुण, परीक्षण और विश्लेषण के तरीके (अकार्बनिक और कार्बनिक रसायन) जान पाते हैं।
फ़ार्माकोग्नोसी (Pharmacognosy)इसमें आप औषधीय पौधों, प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त होने वाली दवाओं (जड़ी-बूटियों) और उनके गुणों का अध्ययन कर पाते हैं।
मानव शरीर रचना विज्ञान और शरीर क्रिया विज्ञान (Human Anatomy and Physiology)इसमें आप मानव शरीर की संरचना (एनाटॉमी) और विभिन्न अंगों के कार्य (फिजियोलॉजी) का विस्तृत अध्ययन कर सकते हैं।
स्वास्थ्य शिक्षा और सामुदायिक फ़ार्मेसी (Health Education and Community Pharmacy)इसमें आपको सार्वजनिक स्वास्थ्य, प्राथमिक चिकित्सा, स्वास्थ्य कार्यक्रमों और फ़ार्मासिस्ट की सामुदायिक भूमिका को समझने का अवसर मिलता है।
फ़ार्माकोलॉजी और टॉक्सिकोलॉजी (Pharmacology and Toxicology)इसमें आप शरीर पर दवाओं के प्रभाव (दवा कैसे काम करती है), उनके उपयोग, खुराक और विषाक्तता (ज़हर के प्रभाव) का अध्ययन कर पाते हैं।
फ़ार्मास्युटिकल ज्यूरिसप्रूडेंस (Pharmaceutical Jurisprudence)इसमें आप दवाइयों से संबंधित कानूनी पहलू, फ़ार्मेसी अधिनियम, NDPS अधिनियम और दवा कानूनों का अध्ययन करते हैं।
हॉस्पिटल एंड क्लिनिकल फ़ार्मेसी (Hospital and Clinical Pharmacy)इसमें आप अस्पताल में फ़ार्मेसी का प्रबंधन, दवाओं का वितरण, इन्वेंट्री कंट्रोल और रोगी परामर्श की भूमिका के बारे में जान पाते हैं।
ड्रग स्टोर और बिज़नेस मैनेजमेंट (Drug Store and Business Management)इसमें आप दवा की दुकान स्थापित करने, लाइसेंसिंग प्रक्रिया और व्यवसाय प्रबंधन के मूल सिद्धांत के बारे में जान पाते हैं।

डी फार्मा कोर्स के लिए कॉलेज

यहां भारत के कुछ टॉप डी फार्मा कोर्स कॉलेज एवं संस्थानों की सूची दी जा रही है, जो शिक्षा की गुणवत्ता, फैकल्टी, इंफ्रास्ट्रक्चर और प्लेसमेंट के आधार पर काफी प्रतिष्ठित माने जाते हैं:

क्रम संख्यासंस्थान का नामस्थान
1जामिया हमदर्द (Jamia Hamdard)नई दिल्ली, दिल्ली
2बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (BITS), पिलानीपिलानी, राजस्थान
3पंजाब यूनिवर्सिटी (Panjab University)चंडीगढ़, चंडीगढ़
4जेएसएस कॉलेज ऑफ फार्मेसी (JSS College of Pharmacy)ऊटी, तमिलनाडु
5नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फ़ार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (NIPER)हैदराबाद, तेलंगाना
6इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (ICT)मुंबई, महाराष्ट्र
7जेएसएस कॉलेज ऑफ फार्मेसी (JSS College of Pharmacy)मैसूरु, कर्नाटक
8मणिपाल कॉलेज ऑफ फ़ार्मास्युटिकल साइंसेज (MCOPS)उडुपी, कर्नाटक
9नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फ़ार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (NIPER)मोहाली, पंजाब
10एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (SRM Institute of Science and Technology)चेन्नई, तमिलनाडु

यह भी पढ़ें: बीएलआईएस कोर्स: योग्यता, सिलेबस, फीस, कॉलेज और करियर स्कोप

डी फार्मा कोर्स की अनुमानित फीस

इस कोर्स को सरकारी या प्राईवेट दोनों ही प्रकार के कॉलेज से किया जा सकता है, जिसकी अनुमानित फीस इस प्रकार है, किसी स्पेसिफिक यूनिवर्सिटी की फीस जानने के लिए उसकी आधिकारिक वेबसाइट को विजिट करें:

कॉलेज का प्रकारअनुमानित कुल फीस (INR)
सरकारी कॉलेज से पूरे कोर्स की फीसलगभग INR 50,000 – INR 1,00,000
प्राइवेट कॉलेज से पूरे कोर्स की फीसलगभग INR 90,000 – INR 2,00,000
सरकारी कॉलेज से वार्षिक फीसINR 8,000 – INR 50,000 प्रति वर्ष
प्राइवेट कॉलेज से वार्षिक फीसINR 70,000 – INR 1.5 लाख प्रति वर्ष

डी फार्मा कोर्स के लिए आवेदन प्रक्रिया

डी फार्मा कोर्स में आवेदन करने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं: 

  • इस कोर्स में ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के लिए सबसे पहले संबंधित कॉलेज या यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर जाएं।
  • इसके बाद संबंधित संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट पर इस कोर्स के लिए दिए गए आवेदन ऑनलाइन फॉर्म को भरें।
  • आवेदन फॉर्म में अपने दस्तावेज जैसे- मार्कशीट 10+2 मार्कशीट, पहचान प्रमाण, पासपोर्ट साइज फोटो, जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो) आदि को अपलोड करें और अपनी जानकारी को सही से अपडेट करें।
  • इसके बाद आवेदन शुल्क का भुगतान भरें और यदि आपके द्वारा चयनित संस्थान में प्रवेश पाने के लिए किसी प्रवेश परीक्षा का आयोजन होता है तो आप इस परीक्षा के लिए खुद को तैयार करें।
  • यदि आपके चुने गए संस्थान में मेरिट लिस्ट के आधार पर एडमिशन होता है तो आप मेरिट लिस्ट की प्रतीक्षा करें, जो कि 12वीं के अंकों के आधार पर बनती है।
  • अंत में प्रवेश परीक्षा या मेरिट लिस्ट के बाद स्टूडेंट्स को काउंसलिंग के माध्यम से कॉलेज अलॉट किया जाता है।

यह भी पढ़ें – CMLT कोर्स की पूरी जानकारी 

डी फार्मा कोर्स करने के बाद मिलने वाली सैलरी

डी फार्मा कोर्स पूरा करने के बाद मिलने वाली अनुमानित सालाना सैलरी Ambitionbox.com के अनुसार नीचे दी गई तालिका में दर्शाई गई है। वास्तविक सैलरी आपके अनुभव, कौशल और परफॉर्मेंस के आधार पर इससे अधिक भी हो सकती है।

जॉब प्रोफाइलअनुमानित सालाना सैलरी (INR)
रिसर्च ऑफिसर2.2 लाख – 9.3 लाख
एनालिटिकल केमिस्ट1.5 लाख – 5.8 लाख
प्रोडक्शन एक्सक्यूटिव ऑफिसर2.4 लाख – 10 लाख
साइंटिफिक ऑफिसर2 लाख – 15.6 लाख
फार्मासिस्ट1.2 लाख – 4 लाख
हेल्थ इंस्पेक्टर1.1 लाख – 5.5 लाख

FAQs

डी फार्मेसी का अर्थ क्या है?

डी फार्मेसी का अर्थ डिप्लोमा इन फार्मेसी है, यह एक दो वर्षीय व्यावसायिक डिप्लोमा कोर्स है, जो छात्रों को दवाइयों के वितरण, नुस्खों को समझने और फार्मेसी संचालन के प्रबंधन जैसी प्रैक्टिकल स्किल्स सिखाता है।

क्या डी-फार्मा के छात्र डॉ. का उपयोग कर सकते हैं?

डी-फार्मा के छात्र आधिकारिक तौर पर अपने नाम के साथ डॉ. का उपयोग नहीं कर सकते हैं, बल्कि ‘डॉक्टर ऑफ फार्मेसी’ (Pharm.D.) की डिग्री धारकों को ही फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) द्वारा आधिकारिक तौर पर इसकी अनुमति मिलती है।

क्या मैं बिना केमिस्ट्री के डी-फार्मा कर सकता हूँ?

नहीं आप बिना केमिस्ट्री के डी-फार्मा नहीं कर सकते हैं, इसे आधिकारिक पात्रता मानदंड के अनुसार योग्य नहीं माना जाता है।

डी फार्मा में कितने सब्जेक्ट होते हैं?

डी फार्मा (D.Pharma) में कुल पाँच मुख्य विषय होते हैं, जो फार्मास्यूटिक्स, फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री, फार्माकोग्नॉसी, ह्यूमन एनाटॉमी एंड फिजियोलॉजी और सोशल फार्मेसी आदि हैं।

क्या डी-फार्मा के लिए बायो जरूरी है?

नहीं, डी-फार्मा के लिए बायो जरूरी नहीं है। इसके लिए आपके पास 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी या गणित जैसे विषय होने चाहिए। इसके लिए बायो एक वैकल्पिक विषय होता है।

हमें आशा है कि आप इस लेख के माध्यम से डी फार्मा कोर्स की जानकारी प्राप्त कर पाए होंगे। अन्य कोर्स-सम्बंधित जानकारियों के लिए Leverage Edu के साथ जुड़े रहें।

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*

17 comments
    1. सुलतान जी, राजस्थान में कई ऐसे इंस्टिट्यूट है जो डी फार्मा का कोर्स करवाते हैं।

    1. राहुल जी, आप बिलकुल कर सकते हैं। इसके लिए आपको 10वीं में 40% अंक लाने की आवश्यकता होगी।

    1. संजीव जी, आपका उत्तर स्पष्ट नहीं है। वर्ष 1988 में आपने 12th पास की है या आपके 12th में 88% हैं?

    1. हैलो प्रदुम, डी फार्मेसी का फुल फॉर्म डिप्लोमा इन फार्मेसी है। इस डिप्लोमा प्रोग्राम का उद्देश्य फार्मेसी के लगातार बढ़ते क्षेत्र का मूलभूत ज्ञान प्रदान करना है। इस कोर्स की अवधि 1-2 साल के बीच होती है। इसके अंतर्गत छात्रों को विभिन्न फार्मास्युटिकल दवाओं के निर्माण के पीछे की बुनियादी प्रक्रियाओं के बारे में जानने को मिलता है। डी फार्मा के बारे में अधिक जानने के लिए आप हमारा ब्लाॅग पढ़ सकते हैं।

    1. हैलो मोहम्मद रईस, 12वीं में पीसीएम होने के बाद भी आप डी फाॅर्मा कर सकते हैं।

    1. ताहिर परवाज़ जी, D फार्मा कोर्स करने के लिए PCB की आवश्यकता होती है।

      1. विकास जी, आप इतने प्रतिशत पर डी-फार्मा का कोर्स कर सकते हैं।

    1. हैलो मोहम्मद रईस, 12वीं में पीसीएम होने के बाद भी आप डी फाॅर्मा कर सकते हैं।

    1. ताहिर परवाज़ जी, D फार्मा कोर्स करने के लिए PCB की आवश्यकता होती है।

      1. विकास जी, आप इतने प्रतिशत पर डी-फार्मा का कोर्स कर सकते हैं।