क्या आप गंभीर अपराधों को सुलझाने, अपराधियों की सोच समझने और समाज की सुरक्षा सुनिश्चित करने का सपना देखते हैं? अगर हां, तो CID ऑफिसर बनना आपके लिए एक परफेक्ट करियर ऑप्शन हो सकता है। सीआईडी ऑफिसर का काम अपराध की गुत्थियों को सुलझाना, सबूत जुटाना और सच को सामने लाना होता है। यह नौकरी रोमांच और नई चुनौतियों से भरी होती है। इस लेख में आप जानेंगे कि सीआईडी ऑफिसर बनने के लिए किन योग्यताओं, परीक्षाओं और चरणों से गुजरना पड़ता है।
This Blog Includes:
| योग्यता | ग्रेजुएशन (किसी भी स्ट्रीम में) |
| प्रवेश परीक्षा | विभागीय परीक्षा, SSC CGL, UPSC परीक्षा |
| नागरिकता | भारतीय |
| लिंग | पुरुष और महिला कैंडिडेट्स |
| न्यूनतम आयु | 20 वर्ष |
| अधिकतम आयु सीमा | 27 वर्ष |
| आयु सीमा में छूट | SC/ST वर्ग के कैंडिडेट्स के लिए 5 वर्ष (20-32 वर्ष) OBC वर्ग के कैंडिडेट्स के लिए 3 वर्ष (20-30 वर्ष) |
| न्यूनतम हाइट | पुरुष – 165 सेमी महिला – 150 सेमी पहाड़ी और जनजातीय पुरुष – 5 सेमी की छूट |
| छाती का माप | पुरुष – 76 सेमी (फुलाव के साथ) |
| दृष्टि | डिस्टेंट विजन – एक आँख की दृष्टि 6/6 है, जबकि दूसरी आँख की 6/9। नियर विजन – एक आँख की दृष्टि 0.6 है, जबकि दूसरी आँख की 0.8। |
| परीक्षा के अटेम्प्ट | जनरल वर्ग – 4 OBC वर्ग – 7 SC/ST वर्ग – कोई लिमिट नहीं। |
| सिलेक्शन प्रोसेस | लिखित परीक्षा फिजिकल फिटनेस टेस्ट इंटरव्यू |
सीआईडी ऑफिसर कौन होता है?
सीआईडी ऑफिसर एक ऐसा अधिकारी होता है जो अपराधों की जांच करता है। ये अधिकारी गंभीर अपराधों जैसे हत्या, धोखाधड़ी, चोरी, साइबर क्राइम और अन्य जटिल मामलों की तह तक छानबीन करते हैं। इनका काम केवल अपराध का पता लगाना ही नहीं होता, बल्कि सबूत इकट्ठा करना, संदिग्धों से पूछताछ करना और केस को कोर्ट तक मजबूत तरीके से पहुँचाना भी शामिल है। CID ऑफिसर की मुख्य जिम्मेदारियां इस प्रकार हैं:
- अपराध स्थल का निरीक्षण और सबूत इकट्ठा करना।
- संदिग्धों और गवाहों से पूछताछ करना।
- अपराध के पैटर्न और सबूतों का विश्लेषण करना।
- केस रिपोर्ट तैयार करना और कोर्ट में पेश करना।
- जांच के दौरान कानूनी नियमों और प्रक्रियाओं का पालन सुनिश्चित करना।
- गंभीर और जटिल अपराधों की पूरी तह तक जांच करना।
- नई तकनीकों और डिजिटल टूल्स का इस्तेमाल कर साइबर या तकनीकी अपराधों की पहचान करना।
सीआईडी ऑफिसर बनने की स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया
सीआईडी ऑफिसर बनने के लिए कुछ खास चरणों का पालन करना जरूरी है। नीचे हमने स्टेप-बाय-स्टेप पूरी प्रक्रिया बताई है, जिससे आप आसानी से समझ सकते हैं कि इस क्षेत्र में करियर कैसे बनाया जा सकता है।
स्टेप 1: आवश्यक योग्यता और स्किल्स पूरी करें
CID अधिकारी बनने की शुरुआत आपकी शैक्षणिक और व्यक्तिगत योग्यता से होती है। सही शिक्षा, उम्र और कौशल होना इस क्षेत्र में पहला कदम है।
1. योग्यता: सीआईडी ऑफिसर बनने के लिए उम्मीदवार का भारतीय नागरिक होना और किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन होना ज़रूरी है। आयु सीमा और फिजिकल स्टैंडर्ड उस भर्ती परीक्षा पर निर्भर करते हैं जिसके माध्यम से आप पुलिस सेवा में प्रवेश लेते हैं (जैसे राज्य पुलिस SI/कांस्टेबल भर्ती या UPSC/PSC के ज़रिए अधिकारी स्तर की भर्ती)। कई गाइडलाइंस में सामान्यत: आयु 20 से 27 वर्ष और पुरुषों के लिए 165 सेमी तथा महिलाओं के लिए 150 सेमी तक की न्यूनतम लंबाई का सुझाव दिया जाता है, लेकिन वास्तविक मानक हमेशा संबंधित भर्ती के आधिकारिक नोटिफिकेशन से ही देखें, क्योंकि अलग-अलग राज्यों और पदों के लिए यह अलग हो सकते हैं।
2. जरूरी स्किल्स: CID का काम तेज दिमाग और मजबूत मानसिक स्थिति माँगता है। इसके अलावा एक अधिकारी में निम्न कौशल बेहद जरूरी होते हैं:-
- गहरी ऑब्जरवेशन पॉवर
- एनालिटिकल और लॉजिकल थिंकिंग
- शारीरिक फिटनेस
- तेज और समझदार निर्णय क्षमता
- टीमवर्क और नेतृत्व
- तनाव में काम करने की क्षमता
- डिजिटल और साइबर क्राइम की बेसिक समझ
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स्टेप 2: कैसे बनें CID ऑफिसर?
CID ऑफिसर बनने के लिए सही रास्ते का चयन बेहद जरूरी है, क्योंकि इसी से तय होता है कि आप आगे किस विभाग, पद और क्षेत्र में कार्य कर पाएंगे।
1: पुलिस कॉन्स्टेबल/SI बनकर प्रमोशन के ज़रिए CID में जाना: CID ऑफिसर बनने का यह सबसे सामान्य और वास्तविक तरीका है। इसके लिए आपको पहले राज्य पुलिस में कांस्टेबल या सब- इंस्पेक्टर (SI) के रूप में चयनित होना पड़ता है। कुछ वर्षों तक सेवा करने, अपराध जांच में अच्छा प्रदर्शन दिखाने और विभागीय परीक्षा या मूल्यांकन पास करने के बाद आपको CID में पोस्टिंग मिल सकती है। यह रास्ता इसलिए सबसे ज्यादा अपनाया जाता है क्योंकि CID ऐसे अधिकारियों को चुनता है जिन्हें फील्ड का अनुभव, अनुशासन और असली जांच का ज्ञान हो।
2: सीधे SI/इंस्पेक्टर बनकर CID में चयन पाना: यदि आप शुरुआत से ही सब-इंस्पेक्टर (SI) रैंक से पुलिस में प्रवेश लेते हैं, तो CID में जाने का मौका और आसान हो जाता है। इसके लिए आप स्टेट PCS (पुलिस), राज्य SI भर्ती परीक्षा या SSC CPO जैसी परीक्षाएं देकर SI बन सकते हैं। SI बनने के बाद आपकी पोस्टिंग CID, क्राइम ब्रांच, STF या ATS जैसे विभागों में की जा सकती है। यह रास्ता उन उम्मीदवारों के लिए बेहतर है जो शुरुआत से ही जांच विभागों में काम करना चाहते हैं।
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स्टेप 3: पुलिस विभाग की भर्ती प्रक्रिया
सामान्यतः पुलिस विभाग में भर्ती प्रक्रिया इस प्रकार होती है:-
- लिखित परीक्षा: इसमें GK, रीजनिंग, मैथ्स, भाषा और बेसिक कानून से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं।
- फिजिकल टेस्ट (PET/PST): फिर शारीरिक माप और फिटनेस की जांच होती है- पुरुषों को लगभग 1600 मीटर और महिलाओं को 800 मीटर दौड़ पूरी करनी होती है। कैंडिडेट को सलाह दी जाती है कि वास्तविक मानक हमेशा संबंधित भर्ती के आधिकारिक नोटिफिकेशन से ही देखें।
- मेडिकल टेस्ट: उम्मीदवार की शारीरिक और मानसिक फिटनेस की पूरी जांच की जाती है।
- डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन: सभी जरूरी डाक्यूमेंट्स की जांच की जाती है।
- पुलिस ट्रेनिंग: फाइनल सिलेक्शन के बाद 6–12 महीने की ट्रेनिंग होती है, जिसमें कानून, हथियारों का उपयोग, अपराध जांच, फोरेंसिक और पूछताछ से जुड़े स्किल्स सिखाए जाते हैं। यही ट्रेनिंग आपको CID के लिए योग्य बनाती है।
स्टेप 4: CID में डिपार्टमेंटल सिलेक्शन/ ट्रांसफर
पुलिस में कुछ वर्षों तक सेवा करने और अच्छा एक्सपीरियंस हासिल करने के बाद ही किसी अधिकारी का CID में सिलेक्शन होता है। CID में पोस्टिंग सीधे नहीं मिलती, इसके लिए आपका काम, आपकी छवि और आपकी योग्यता काफी मायने रखती है। आमतौर पर CID में चयन इन आधारों पर होता है:
- सीनियरिटी: आपने पुलिस में कितने साल काम किया है।
- अच्छा प्रदर्शन: आपने किन-किन मामलों को सफलतापूर्वक सुलझाया है।
- क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन का एक्सपीरियंस: जितना अधिक जाँच का अनुभव होगा, चयन की संभावना उतनी ज्यादा होगी।
- इमानदारी का रिकॉर्ड: आपकी छवि विभाग में साफ-सुथरी होनी चाहिए।
- विभागीय परीक्षा: कुछ राज्यों में CID में जाने के लिए इंटरनल टेस्ट भी होता है।
स्टेप 5: CID में चयन के बाद दी जाने वाली एडवांस ट्रेनिंग
CID में सिलेक्शन होने के बाद अधिकारी को खास ट्रेनिंग दी जाती है ताकि वह प्रोफेशनल क्राइम इन्वेस्टिगेटर बन सके। इनमें शामिल हैं:-
- फोरेंसिक साइंस
- साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन
- डिजिटल एविडेंस हैंडलिंग
- क्राइम सीन मैनेजमेंट
- हैंडराइटिंग और सिग्नेचर एनालिसिस
- गहन पूछताछ तकनीक
- खुफिया जानकारी इकट्ठा करने की विधियाँ
- आधुनिक अपराध में उपयोग होने वाली डिजिटल तकनीक
सीआईडी ऑफिसर का जॉब प्रोफाइल
CID ऑफिसर बनने के बाद उम्मीदवारों को कई तरह के जॉब प्रोफाइल में काम करने का अवसर मिलता है। ये प्रोफाइल उनकी योग्यता, रैंक और इन्वेस्टिगेशन स्किल के आधार पर तय किए जाते हैं, जिनमें प्रमुख भूमिकाएं निम्नलिखित हैं:-
- फ्रॉड इन्वेस्टिगेटर: फ्रॉड इन्वेस्टिगेटर शिकायतकर्ताओं, नियोक्ताओं और गवाहों से बयान लेकर धोखाधड़ी की जांच करते हैं। वे रिकॉर्ड की भी जांच करते हैं और साक्ष्य इकट्ठा करते हैं, जिससे धोखाधड़ी की पहचान, रोकथाम और समाधान के लिए रणनीतियां बनाना और लागू करना संभव होता है।
- इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर: सीआईडी में इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर के रूप में कार्य करने वाले लोगों का मुख्य कार्य किसी भी घटना की जांच-पड़ताल कर सबूत इकट्ठा करना होता है, जिससे अपराध के आरोपियों पर मुकदमा चलाकर उन्हें दोषी ठहराया जा सके। ये हर तरह के मामले की जांच करते हैं।
- नारकोटिक्स ऑफिसर: यह अवैध ड्रग तस्करी और उसके उपयोग को रोकने में विशेषज्ञ होते हैं। वे ड्रग्स से जुड़े मामलों की जांच करते हुए रिपोर्ट तैयार करते हैं और साक्ष्यों का विश्लेषण करते हैं। साथ ही, वे समुदाय में नशीली दवाओं की रोकथाम के लिए जागरूकता फैलाते हैं और संगठित अपराधों को रोकने का कार्य करते हैं।
- क्रिमिनोलॉजिस्ट: यह अपराध पर रिसर्च करते हैं, थ्योरी विकसित करते हैं और अपराध के दृश्यों का विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार करते हैं। वे अपराध और अपराधी के व्यवहार को समझने के लिए अपनी विश्लेषणात्मक क्षमता का उपयोग करते हैं।
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सीआईडी ऑफिसर की सैलरी और अन्य लाभ
CID ऑफिसर की प्रारंभिक सैलरी पद और राज्य सरकार की नीति पर निर्भर करती है। इसके अतिरिक्त उन्हें महंगाई भत्ता, आवास भत्ता, यात्रा भत्ता, चिकित्सा भत्ता, टेलीफोन भत्ता और अन्य सरकारी सुविधाएँ मिलती हैं। सीआईडी विभाग में प्रमोशन और ग्रोथ की संभावनाएं भी व्यापक हैं, जिसमें कांस्टेबल से लेकर उच्च अधिकारी जैसे सब-इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर, डीएसपी, एसपी, डीआईजी, आईजी और एडीजीपी तक के पद शामिल होते हैं।
FAQs
सीधे नहीं बन सकते। 12वीं के बाद आप कांस्टेबल बन सकते हैं, और फिर कई वर्षों की सेवा व प्रदर्शन पर CID में ट्रांसफर मिल सकता है। लेकिन यदि आप SI के रास्ते से जाना चाहते हैं तो ग्रेजुएशन आवश्यक है, क्योंकि SI भर्ती में डिग्री अनिवार्य होती है।
यह आपकी सेवा अवधि, कार्य प्रदर्शन, दक्षता और वरिष्ठ अधिकारियों की अनुशंसा पर निर्भर करता है। आमतौर पर 3–5 साल तक सामान्य पुलिस ड्यूटी में अनुभव लेने के बाद CID जैसी शाखाओं में जाने का मौका मिलता है।
हर CID अधिकारी को रोज हथियार लेकर घूमने की आवश्यकता नहीं होती। उनकी भूमिका अधिकतर जांच पर आधारित होती है; हालांकि आवश्यकता पड़ने पर फील्ड ऑपरेशन में हथियार भी दिए जाते हैं।
बिल्कुल बन सकती हैं। महिलाओं की CID में बहुत अहम भूमिका है, खासकर साइबर क्राइम, महिला अपराध, बच्चों से जुड़े मामलों और पूछताछ में। आज कई राज्यों में महिला CID की लीडिंग टीमों में काम कर रही हैं और प्रमोशन भी तेजी से मिलता है।
सीआईडी अधिकारी बनने के लिए उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त करनी होती है।
हमें उम्मीद है कि इस लेख में आपको सीआईडी ऑफिसर बनने की पूरी प्रक्रिया की जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही अन्य करियर से संबंधित लेख पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
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